दिल्ली में 25 साल से फरार कुख्यात अपराधी अजय लांबा की गिरफ्तारी
दिल्ली पुलिस ने कई अपराधों के सिलसिले में 25 सालों से फरार 49 वर्षीय एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी के मुताबिक, गिरफ्तार व्यक्ति पर आरोप है कि वह टैक्सी किराये पर मंगाता था, तथा उनके चालकों की हत्या कर उनके शवों को उत्तराखंड के दूरदराज के जंगली इलाकों में फेंक देता था और वाहनों को नेपाल सीमा पार बेच देता था। पुलिस ने बताया कि आरोपी की पहचान अजय लांबा उर्फ बंशी के रूप में हुई है जो दिल्ली और उत्तराखंड में लूटपाट एवं हत्या के चार मामलों में वांछित था। पुलिस ने कहा कि उसे सभी मामलों में भगोड़ा घोषित किया गया था, जिसमें न्यू अशोक नगर थाने में दर्ज 2001 का हत्या का एक मामला भी शामिल है। अधिकारी ने बताया कि लांबा 1999 से 2001 के बीच किए गए कई जघन्य अपराधों का कथित मुख्य आरोपी था, जिसमें उसने अपने साथियों के साथ मिलकर टैक्सी चालकों को निशाना बनाया, उनकी हत्या की, उनके वाहन लूटे और पहचान छिपाने के लिए शवों को उत्तराखंड के दूरदराज के जंगली इलाकों में फेंक दिया। पुलिस उपायुक्त (अपराध) आदित्य गौतम ने बताया, 1976 में जन्मे और मूल रूप से दिल्ली के कृष्णा नगर के रहने वाले अजय ने छठी कक्षा के बाद स्कूल छोड़ दिया और कम उम्र में ही आपराधिक गतिविधियों में शामिल हो गया। विकास पुरी पुलिस ने उसे पहले बंशी उपनाम से बदमाश घोषित किया था। 1996 में उसने अपना नाम बदलकर अजय लांबा रख लिया और उत्तर प्रदेश के बरेली में रहने लगा, जहां उसने अपने साथियों धीरेंद्र और दिलीप नेगी के साथ मिलकर अपराध को अंजाम दिया।’’ पुलिस ने बताया कि लांबा को दिल्ली, हल्द्वानी, अल्मोड़ा और चंपावत में दर्ज लूटपाट और हत्या के चार मामलों में कभी गिरफ्तार नहीं किया गया, उसे सभी मामलों में भगोड़ा घोषित किया गया था और उस पर 1990 के दशक से चोरी और हथियार रखने जैसे कई आरोप भी लगे थे। पुलिस उपायुक्त ने बताया कि लांबा लगातार अपने ठिकाने और पहचान बदलकर दो दशक से ज़्यादा समय तक किसी की पकड़ में नहीं आया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2008 से 2018 तक वह अपने परिवार के साथ नेपाल में रहा और बाद में देहरादून चला गया। पुलिस उपायुक्त ने बताया कि 2020 में वह मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल हो गया और कथित तौर पर ओडिशा से दिल्ली और भारत के दूसरे हिस्सों में गांजा सप्लाई करने वाले गिरोह में काम करने लगा। पुलिस ने बताया कि उसे 2021 में सागरपुर पुलिस द्वारा स्वापक औषधि और मन: प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत एक मामले में और फिर 2024 में ओडिशा के ब्रह्मपुर में एक आभूषण की दुकान में लूटपाट के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने कहा कि वह दोनों मामलों में जमानत पर बाहर था। पुलिस ने बताया कि उसने एक समन्वित अभियान में दिल्ली से लांबा को गिरफ्तार किया है।

दिल्ली में 25 साल से फरार कुख्यात अपराधी अजय लांबा की गिरफ्तारी
Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - The Odd Naari
दिल्ली पुलिस ने 25 वर्षों से कानून की नजरों से दूर चल रहे कुख्यात अपराधी अजय लांबा को गिरफ्तार कर लिया है। इस गिरफ्तारी ने न केवल पुलिस की कार्यप्रणाली को उजागर किया है बल्कि सुरक्षा की दृष्टि से भी एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। अजय लांबा, जिसे बंशी के नाम से भी जाना जाता है, पर टैक्सी चालकों की हत्या करके उनके शवों को उत्तराखंड के जंगली इलाकों में फेंकने का आरोप है।
अजय लांबा का अपराधिक इतिहास
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, अजय लांबा पर हत्या और लूटपाट के चार मामलों में आरोप हैं, जिसमें 2001 का न्यू अशोक नगर थाने में दर्ज एक हत्या का मामला भी शामिल है। अजय लांबा का जन्म 1976 में दिल्ली के कृष्णा नगर में हुआ था और उसने स्कूल की पढ़ाई छठी कक्षा के बाद छोड़ दी थी। कम उम्र में ही उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा और 1996 में अपना नाम बदलकर अजय लांबा रख लिया था।
लांबा ने उत्तर प्रदेश के बरेली में अपने गैंग के साथ मिलकर टैक्सी चालकों को निशाना बनाया, उनकी हत्या की और पहचान छिपाने के लिए उनके शवों को दूरस्थ क्षेत्रों में फेंक दिया। यह जानकर हैरानी होती है कि उसने लगातार अपनी पहचान और ठिकाने बदलने की कोशिश की और 2001 से अब तक कानून से दूर रहा।
गिरफ्तारी की प्रक्रिया
दिल्ली पुलिस के उपायुक्त (अपराध) आदित्य गौतम ने बताया कि लांबा को मादक पदार्थों की तस्करी के मामले में भी संलिप्त पाया गया। वह 2020 से 2021 तक ओडिशा से दिल्ली और भारत के अन्य हिस्सों में गांजे की सप्लाई कर रहा था। उसके खिलाफ कई आपराधिक मामलों में आरोप लगाने के बावजूद, वह हमेशा जमानत पर बाहर आ जाता था।
पुलिस उपायुक्त ने कहा कि लांबा की गिरफ्तारी पहले से चल रही एक फ्लैगशिप जांच का हिस्सा थी। कई स्थानों पर छापेमारी के बाद अंततः उसे दिल्ली में गिरफ्तार किया गया। अधिकारियों का कहना है कि लांबा की गतिविधियों से संबंधित कई मामलों में अब और भी गंभीरता से जांच की जाएगी।
बदलते ठिकाने और चालाकी
लांबा का फरेब भरा जीवन इस बात को भी दर्शाता है कि वह 2008 से 2018 तक अपने परिजनों के साथ नेपाल में रहा और बाद में देहरादून चला गया। इतने वर्षों के बाद भी, वह लगातार अपने ठिकाने और पहचान बदलते रहा, जिससे वह कानून की नजरों से बचता रहा। पुलिस के लिए उसे पकड़ना चुनौतीपूर्ण रहा लेकिन अंततः एक समन्वित अभियान में उसे गिरफ्तार करने में सफलता मिली।
अपराध की दुनिया में लांबा का प्रभाव
अजय लांबा की गिरफ्तारी केवल एक व्यक्तिगत सफलता नहीं है, बल्कि यह समाज में सुरक्षा और कानून की दृष्टि से उच्च महत्व रखती है। पुलिस की इस कार्रवाई ने यह साबित कर दिया है कि कोई भी अपराधी कानून के हाथ से बच नहीं सकता। इससे आगामी समय में अन्य भगोड़ा अपराधियों को भी पकड़ने में पुलिस को मदद मिलेगी।
इस गिरफ्तारी ने न केवल समाज में राहत की भावना जगाई है, बल्कि पुलिस विभाग पर भी विश्वास को बढ़ाया है। यह एक महत्वपूर्ण उदाहरण है कि किस तरह पुलिस एकजुट होकर समाज के असामाजिक तत्वों पर काबू पाती है।
कम शब्दों में कहें तो, अजय लांबा की गिरफ्तारी ने दिल्ली पुलिस के प्रति लोगों में विश्वास को फिर से मजबूती दी है। हर नागरिक को यह संदेश है कि कानून की पकड़ सख्त है और असामाजिक गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
आगे की जानकारी और अपडेट के लिए कृपया विजिट करें: The Odd Naari
सादर,
टीम द ओड नारी