डॉल्फिन इंस्टीट्यूट में ‘स्टेलर एंड सोलर फिजिक्स’ पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आगाज़, देशभर के वैज्ञानिक जुटे

देहरादून, अक्टूबर 2025: डॉल्फिन (पीजी) इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल एंड नेचुरल साइंसेज, देहरादून में सोमवार को ‘स्टेलर एंड सोलर फिजिक्स’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का भव्य शुभारंभ हुआ। यह कार्यशाला दून विश्वविद्यालय, उत्तराखंड और डॉल्फिन (पीजी) इंस्टीट्यूट द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की जा रही है। इसमें देशभर के प्रमुख वैज्ञानिक, शिक्षाविद और शोधार्थी सौर […] The post डॉल्फिन इंस्टीट्यूट में ‘स्टेलर एंड सोलर फिजिक्स’ पर दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ, देशभर के वैज्ञानिक हुए एकत्र appeared first on पर्वतजन.

डॉल्फिन इंस्टीट्यूट में ‘स्टेलर एंड सोलर फिजिक्स’ पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आगाज़, देशभर के वैज्ञानिक जुटे
डॉल्फिन इंस्टीट्यूट में ‘स्टेलर एंड सोलर फिजिक्स’ पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आगाज़, देशभर के वैज्ञानिक जुटे

डॉल्फिन इंस्टीट्यूट में ‘स्टेलर एंड सोलर फिजिक्स’ पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आगाज़

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कम शब्दों में कहें तो, डॉल्फिन (पीजी) इंस्टीट्यूट, देहरादून में सौर भौतिकी पर दो दिवसीय कार्यशाला शुरू हुई, जिसमें देशभर के अनेक वैज्ञानिक और विशेषज्ञ एकत्रित हुए।

कार्यशाला का उद्देश्‍य

देहरादून, अक्टूबर 2025: सोमवार को डॉल्फिन (पीजी) इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल एंड नेचुरल साइंसेज में ‘स्टेलर एंड सोलर फिजिक्स’ विषय पर एक महत्वाकांक्षी दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का भव्य शुभारंभ हुआ। इस कार्यशाला का आयोजन दून विश्वविद्यालय, उत्तराखंड और डॉल्फिन (पीजी) इंस्टीट्यूट द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। यह कार्यक्रम सौर विज्ञान और भौतिकी के क्षेत्र में नवीनतम अनुसंधान, प्रौद्योगिकियों और विकास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए समर्पित है।

उद्योग के विशेषज्ञों की भागीदारी

इस कार्यशाला में भारत के विविध हिस्सों से आए प्रमुख वैज्ञानिक, शिक्षाविद, और शोधार्थी सम्मिलित हुए। इन विशेषज्ञों ने सौर विज्ञान के विभिन्न पहलुओं को समझने और उन पर चर्चा करने का अवसर पाया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्‍य सौर ऊर्जा के वैज्ञानिक पहलुओं को समझना और उनके कार्यान्वयन को बढ़ावा देना है। इस क्षेत्र में शिक्षा और अनुसंधान के महत्व को पहचानने हेतु यह कार्यशाला महत्वपूर्ण है।

डॉल्फिन इंस्टीट्यूट की भूमिका

डॉल्फिन (पीजी) इंस्टीट्यूट के निदेशक ने इस कार्यशाला की तैयारी और अनुसंधान के प्रति संस्थान की प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने कहा, "इस तरह की कार्यशालाएँ हमारे छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए एक उत्कृष्ट प्लेटफ़ॉर्म प्रदान करती हैं, जिससे वे अपने ज्ञान और अनुभव को साझा कर सकते हैं।" इसके अलावा, दून विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार साझा करते हुए इस आयोजन को एतिहासिक बताया।

सौर विज्ञान का महत्व

सौर ऊर्जा का उपयोग और उसकी वैज्ञानिक फिजिक्स आज के समय में अत्यधिक महत्वपूर्ण हो गई है, न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से बल्कि पर्यावरणीय विकास के लिए भी। इस कार्यशाला में नवीनतम शोध के विषयों और सौर ऊर्जा की टिकाऊ प्रौद्योगिकियों पर चर्चा की गई। विशेषज्ञों ने भावी अनुसंधान के लिए सुझाव दिए और विद्यार्थियों को प्रेरित किया।

समापन विचार

रविवार को आयोजित इस कार्यशाला का समापन एक संवादात्मक सत्र से होगा, जिसमें प्रतिभागियों को अपने विचार साझा करने और मार्गदर्शन प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। इस एकत्रित ज्ञान और अनुभव का उपयोग आने वाले समय में सौर विज्ञान के क्षेत्र में बढ़ोतरी के लिए किया जाएगा।

अंत में, कार्यशाला में भाग लेने वाले सभी विद्वानों और शोधकर्ताओं को उनकी सहभागिता के लिए धन्यवाद दिया गया। इस प्रकार के आयोजनों से न केवल वैज्ञानिक क्षेत्र में योगदान मिलता है, बल्कि छात्रों और शोधार्थियों को भी समृद्ध अनुभव प्राप्त होता है।

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सादर,
टीम दOdd Naari
श्रीमती राधिका शर्मा