कायदे में रहोगे तो...अमेरिका के नए विदेश मंत्री पर क्यों भड़क गए जिनपिंग के सिपहसालार
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अमेरिका के नए विदेश मंत्री मार्को रुबियो से फोन पर बात की और एक मुहावरा कहा जिसे अगर हिंदी के मुहावरे से समझें तो मतलब कमोबेश कायदे में रहो जैसा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शीर्ष राजनयिक के रूप में पुष्टि के बाद पहली बार रुबियो से बात करते हुए वांग यी ने यह संदेश दिया। चीनी विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार वांग ने रुबियो से कहा कि मुझे उम्मीद है कि आप तदनुसार कार्य करेंगे। वांग यी ने एक चीनी वाक्यांश का इस्तेमाल किया, जिसे आमतौर पर एक शिक्षक या बॉस किसी छात्र या कर्मचारी को व्यवहार सुधारने के लिए करते हैं।इसे भी पढ़ें: चीन ने रूबियो को परोक्ष चेतावनी देते हुए ‘जिम्मेदाराना व्यवहार’ करने के लिए कहाअमेरिकी सीनेटर के रूप में रुबियो द्वारा देश की मुखर आलोचना के कारण रुबियो और चीन के बीच रिश्ते ख़राब रहे हैं। उन्होंने चीन के मानवाधिकार रिकॉर्ड पर सवाल उठाए हैं। चीनी सरकार ने 2020 में उन पर दो बार प्रतिबंध लगाए। चीनी विदेश मंत्रालय ने तदनुसार कार्य करने के बजाय सही विकल्प चुनें और वे जो कहते हैं या करते हैं उसके बारे में बहुत विवेकपूर्ण रहें जैसे शब्दों का प्रयोग किया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि रुबियो ने वांग से कहा कि ट्रंप प्रशासन चीन के साथ अपने संबंधों में अमेरिकी हितों को आगे बढ़ाएगा। बयान में ताइवान और दक्षिण चीन सागर में चीन की बलपूर्वक कार्रवाई पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई है। इसे भी पढ़ें: Kashmir में अनूठी पहल के तहत Chinar के पेड़ों को आधार जैसे कोड के साथ जियो-टैग किया गयाइस महीने की शुरुआत में अमेरिका के राष्ट्रपति बने डोनाल्ड ट्रंप अपने कट्टर चीन विरोधी रुख के लिए जाने जाते हैं। उनका लक्ष्य चीन को रणनीतिक और आर्थिक रूप से चुनौती देना है। ट्रम्प के शपथ ग्रहण समारोह के तुरंत बाद, चीन ने नियम-आधारित बहुध्रुवीय दुनिया पर जोर दिया। दूसरी तरफ चीन ने भी अमेरिका और पश्चिमी देशों को अपनी संप्रभुता के लिए खतरा बताया है। हाल ही में चीन के खुफिया विभाग ने कहा था कि अमेरिका समेत कई पश्चिमी देश के एजेंट चीन की जानकारी चुराना चाहते हैं।

कायदे में रहोगे तो...अमेरिका के नए विदेश मंत्री पर क्यों भड़क गए जिनपिंग के सिपहसालार
The Odd Naari
लेखक: सिम्मी राणा, टीम नेटानागरी
परिचय
महान शक्ति नहीं सिर्फ संगठनों, बल्कि देशों के बीच भी जारी रहती है। हाल ही में अमेरिका के नए विदेश मंत्री कार्यालय में अपनी जिम्मेदारी संभालते ही विवाद में आ गए हैं। चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग के सिपहसालारों ने अमेरिका के इस कदम पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। आइए जानते हैं, इस पृष्ठभूमि में क्या हुआ और इसके पीछे के कारण क्या हैं।
जिनपिंग के सिपहसालारों की प्रतिक्रिया
जब अमेरिका ने एंटनी ब्लिंकेन को नए विदेश मंत्री के रूप में नियुक्त किया, तो इसके साथ ही चीन की आलोचना भी सामने आई। चीन के अधिकारियों ने इसे अमेरिका की सामरिक नीति का एक नया मोड़ बताया। उनका कहना है कि अमेरिकी विदेश नीति चीन को लक्षित कर रही है, जिसमें अमेरिका की गतिविधियों से चीन की सुरक्षा पर खतरे का संकेत मिलता है।
कायदे में रहोगे तो…
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अमेरिका को सख्त संदेश भेजा है कि "कायदे में रहोगे तो बेहतर होगा।" यह टिप्पणी अमेरिका के नए विदेश मंत्री के इस बयान पर आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका किसी भी प्रकार के आक्रामकता को बर्दाश्त नहीं करेगा। चीन को इससे यह संकेत मिला है कि अमेरिका अब और अधिक सख्त रुख अपनाने वाला है।
क्या है अमेरिका की योजना?
अमेरिका की योजना स्पष्ट है। उन्होंने यह संकेत दिया है कि वे अपने सहयोगियों के साथ मिलकर दुनिया में चीन के प्रभाव को संतुलित करने की कोशिश करेंगे। इस दौरान वाशिंगटन ने यह भी सपष्ट किया कि वे चीन के प्रति अपनी नीतियों में कोई ढील नहीं देने वाले हैं। इससे चीन में चिंता की लहर पैदा हो गई है।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, अमेरिका और चीन के बीच यह नई स्थिति एक नए दौर की शुरुआत हो सकती है। जिनपिंग के सिपहसालारों की प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट होता है कि वे अमेरिका की हर गतिविधि पर नज़र रख रहे हैं। इस समय में अमेरिकी विदेश मंत्री का रुख चीन के राजनीतिक वातावरण को प्रभावित कर सकता है। हमें इन घटनाक्रमों पर निगाह रखना आवश्यक है, क्योंकि इसका असर न केवल एशिया में, बल्कि विश्व स्तर पर भी महसूस किया जा सकता है।
अंत में, यह देखना interesting होगा कि क्या अमेरिका और चीन इस स्थिति को संभाल सकेंगे या फिर स्थिति और तनाव में वृद्धि होगी।