कमल हासन का करूर दौरा: भगदड़ पीड़ितों के परिवारों से मिले, पुलिस की तारीफ की

मक्कल निधि मय्यम (एमएनएम) प्रमुख और राज्यसभा सांसद कमल हासन ने सोमवार को तमिलनाडु के करूर में 27 सितंबर को हुई भगदड़ वाली जगह का दौरा किया, जिसमें 41 लोगों की मौत हो गई थी। हासन ने इसे ''त्रासदी'' बताते हुए कहा कि आयोजकों को दोष मढ़ने के बजाय जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए। हासन ने अधिकारियों से बातचीत की और घटना से प्रभावित लोगों के परिवारों से मुलाकात की, जो अभिनेता और तमिलगा वेट्री कज़गम (टीवीके) के संस्थापक विजय द्वारा आयोजित एक रैली के दौरान हुई थी। हासन ने पीड़ित परिवारों से मिलने के बाद पत्रकारों से कहा मामला अदालत में है और हमें इस पर कुछ नहीं कहना चाहिए। इसे भी पढ़ें: करूर में 41 मौतों की कसूरवार कौन? खुशबू सुंदर बोलीं- स्टालिन सरकार की लापरवाही से हुई भगदड़उन्होंने कहा कि कई लोग पहले ही बहुत कुछ कह चुके हैं। हम यहाँ यह सुनिश्चित करने आए हैं कि उन्हें न्याय मिले और अपनी संवेदनाएँ व्यक्त करें। अब सवाल पूछने के बजाय, यह सुनिश्चित करने का समय है कि ऐसी घटना फिर कभी न हो। हासन ने कहा कि वह यहाँ किसी की तारीफ़ करने नहीं आए हैं, बल्कि पुल के ऊपर कार्यक्रम की अनुमति न देने के लिए अधिकारियों का शुक्रिया अदा करते हैं। उन्होंने कहा, वरना, यह एक अविस्मरणीय कलंक होता।" उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री ने सम्मानपूर्वक काम किया और वे प्रशंसा के पात्र हैं। पुलिस का बचाव करते हुए, हासन ने जनता से आग्रह किया कि वे उन्हें अपना काम करने दें। उन्होंने कहा, "जब हमें पुलिस का शुक्रिया अदा करना चाहिए, तो हम उनकी शिकायत न करें। वे अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। इसे भी पढ़ें: बिहार को आत्मनिर्भर और प्रगतिशील बनाने की दिशा में एक और ऐतिहासिक पहल, 4000 युवाओं को नियुक्ति पत्रसुरक्षा चूक के विपक्ष के दावों पर, एमएनएम प्रमुख ने कहा, "देखिए कौन यह दावा कर रहा है। इसे निष्पक्षता से देखने की कोशिश कीजिए। मेरी पार्टी मध्यमार्गी है। तमिलनाडु के नागरिक होने के नाते, सभी जानते हैं कि क्या हुआ था। जनता के अलावा किसी और का पक्ष मत लीजिए। विजय, जिनका पहला राज्यव्यापी दौरा तीसरे हफ़्ते में भगदड़ के साथ समाप्त हो गया, अभी तक शोक संतप्त परिवारों से मिलने नहीं गए हैं।

कमल हासन का करूर दौरा: भगदड़ पीड़ितों के परिवारों से मिले, पुलिस की तारीफ की
कमल हासन का करूर दौरा: भगदड़ पीड़ितों के परिवारों से मिले, पुलिस की तारीफ की

कमल हासन का करूर दौरा: भगदड़ पीड़ितों के परिवारों से मिले, पुलिस की तारीफ की

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कम शब्दों में कहें तो, मक्कल निधि मय्यम (एमएनएम) प्रमुख और राज्यसभा सांसद कमल हासन ने सोमवार को तमिलनाडु के करूर में एक दिल दहला देने वाली घटना का दौरा किया, जहां 27 सितंबर को एक भगदड़ में 41 लोगों की जान चली गई थी।

कमल हासन ने इस घटना को ''त्रासदी'' करार देते हुए कहा कि प्राथमिक जिम्मेदारी आयोजकों की है। उन्होंने आयोजकों के खिलाफ नाराजगी जताते हुए कहा कि उन्हें पानी की तरह समस्या की तरफ देखकर दोषारोपण करने के बजाय जिम्मेदारी उठानी चाहिए।

घटनास्थल पर पीड़ित परिवारों से की मुलाकात

हासन ने घटनास्थल का दौरा करने के बाद प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने परिवारों से बातचीत के दौरान अपनी संवेदनाएँ व्यक्त की और जनसमुदाय से आग्रह किया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से सीखें जाएं ताकि किसी की जान न जाए।

उनका कहना था, "अब सवाल पूछने का नहीं, बल्कि न्याय सुनिश्चित करने का समय है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी त्रासदियाँ फिर कभी न हों।" हासन ने अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान भी इस बात पर जोर दिया।

पुलिस और प्रशासन की भूमिका की प्रशंसा

कमल हासन ने पुलिस की भूमिका की भी सराहना की, जो इस घटना के बाद संकट में घिरी थी। उन्होंने कहा, "जब हमें पुलिस का धन्यवाद करना चाहिए, तो हम उनकी शिकायतों में क्यों उलझें। वे अपनी जिम्मेदारियों को एक उचित तरीके से निभा रहे हैं।" हासन ने मुख्यमंत्री की भी प्रशंसा की और उनकी कार्यपद्धति को महत्वपूर्ण बताया।

सुरक्षा उपायों पर चर्चा

हासन ने विपक्ष द्वारा उठाए गए सुरक्षा चूक के दावों पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा, "इसका सही तरीके से मूल्यांकन करना आवश्यक है। मेरी पार्टी मध्यमार्गी है और हम इस मामले में दृष्टिकोण में निष्पक्षता चाहते हैं।" हासन ने आलोचना करने के बजाय समाधान पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता बताई।

अविस्मरणीय कलंक से बचने का प्रयास

उन्होंने कहा, "किसी भी आयोजन में, सुरक्षा का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है। अगर पुल के ऊपर कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी जाती, तो यह एक अविस्मरणीय कलंक होता, जिसे हम कभी न भुला पाते।"

हासन ने अंतिम रूप से कहा कि वह यहाँ किसी की प्रशंसा करने नहीं आए हैं, लेकिन इसलिए आए हैं ताकि वे दिवंगतों के परिवारों को न्याय दिला सकें।

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यह यात्रा सहानुभूति और समर्थन दिखाने का एक प्रयास था, ताकि प्रभावित परिवारों को यह आभास हो सके कि समाज और सरकार उनके दुःख में साथ हैं।

फिर भी, इस घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया है और यह महत्वपूर्ण है कि ऐसे आयोजनों में सुरक्षा उपायों का पालन किया जाए, ताकि भविष्य में फिर से ऐसी असामान्यता न हो।

एक बार फिर यह स्पष्ट हो गया है कि सुरक्षा और जिम्मेदारी दोनों किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम की आधारभूत आवश्यकता हैं।

इस घटनाक्रम में और अधिक जानकारी एवं अपडेट्स हेतु, कृपया हमारी वेबसाइट पर जाएँ: theoddnaari.com

इस लेख को तैयार किया है: टीम द ओड नारी, तनुजा शर्मा