करूर भगदड़ की जिम्मेदारी: क्या विजय को किया जाएगा गिरफ्तार? तमिलनाडु मंत्री का सटीक जवाब

तमिलनाडु के मंत्री दुरई मुरुगन ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार 27 सितंबर को करूर में हुई भगदड़ में 41 लोगों की मौत के मामले में अभिनेता-राजनेता और टीवीके प्रमुख विजय को बेवजह गिरफ्तार नहीं करेगी। मुरुगन ने कहा कि अगर सबूत हैं, तो सरकार अपना कर्तव्य निभाएगी। आमतौर पर, हर पार्टी जानती है कि उसके द्वारा आयोजित सभाओं में कितने लोग शामिल होंगे। पार्टियों को अपनी अपेक्षित भीड़ के अनुसार ही आयोजन स्थल चुनना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजनीतिक रैलियों के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा के लिए एक समिति गठित की जा रही है।इसे भी पढ़ें: घटनास्थल से भागना मानसिकता दर्शाता है, विजय पर बुरी तरह भड़क गया हाई कोर्टकरूर में टीवीके के एक अभियान के दौरान भगदड़ मच गई। घटना के बाद, टीवीके के महासचिव एन आनंद, संयुक्त महासचिव निर्मल कुमार और अन्य के खिलाफ मामले दर्ज किए गए। मद्रास उच्च न्यायालय ने विजय और पार्टी सदस्यों की भूमिका पर सवाल उठाए हैं और त्रासदी के बाद घटनास्थल से उनकी अनुपस्थिति को उजागर किया है। न्यायालय की मदुरै पीठ ने कहा कि विजय घटनास्थल से भाग गया और पार्टी ने कोई पछतावा नहीं दिखाया। घटना की जाँच के लिए चेन्नई उत्तर क्षेत्र के आईजी असरा गर्ग के नेतृत्व में एक विशेष जाँच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है, जिसकी जाँच फाइलें करूर से चेन्नई स्थानांतरित की जा रही हैं।इसे भी पढ़ें: TVK जिला सचिव की अग्रिम जमानत याचिका Madras High Court ने खारिज कीसुनवाई के दौरान, न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार ने आयोजन के संचालन को लेकर आयोजकों और पुलिस दोनों की आलोचना की, साथ ही टीवीके द्वारा सोशल मीडिया पर गलत समय-सारिणी सहित भ्रामक घोषणाओं पर भी ध्यान दिया। अदालत ने पार्टी नेता आधव अर्जुन के खिलाफ भी कार्रवाई का निर्देश दिया है और भविष्य की रैलियों के लिए अनुमति प्रोटोकॉल की समीक्षा हेतु एक जनहित याचिका पर विचार कर रही है।

करूर भगदड़ की जिम्मेदारी: क्या विजय को किया जाएगा गिरफ्तार? तमिलनाडु मंत्री का सटीक जवाब

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कम शब्दों में कहें तो, तमिलनाडु सरकार ने करूर में हाल ही में हुई भगदड़ मामले में अभिनेता-राजनेता विजय की गिरफ्तारी को संदिग्ध बताया है। इस घटना में 41 लोगों की जानें गई थीं, और सरकार ने कहा है कि अगर सबूत उपलब्ध हैं, तो कार्रवाई की जाएगी।

तमिलनाडु के मंत्री दुरई मुरुगन ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 27 सितंबर को करूर में हुई भगदड़ के पीछे की जिम्मेदारी के मामले में विजय को बेवजह नहीं गिरफ्तार किया जाएगा। मुरुगन ने स्पष्ट किया कि किसी भी प्रदर्शन या रैली के दौरान आयोजक को यह ज्ञात होना चाहिए कि वे कितनी भीड़ को आमंत्रित कर रहे हैं। यह जिम्मेदारी संबंधित राजनीतिक पार्टियों की है कि वे अपनी क्षमता के अनुसार स्थल का चयन करें।

भविष्य की रैलियों के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा

मंत्री ने बताया कि सरकार ने राजनीतिक रैलियों के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा करने हेतु एक समिति का गठन किया है। उन्होंने कहा, “राजनीतिक गतिविधियां हमारे समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, लेकिन सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में ऐसी घटनाएँ फिर से न हों।”

मद्रास हाई कोर्ट का कड़ा रुख

इस बीच, मद्रास उच्च न्यायालय ने मामले में विजय और उनकी पार्टी के सदस्यों की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। न्यायालय की मदुरै पीठ ने साफ तौर पर कहा है कि विजय ने घटनास्थल से भागने का कार्य किया और ऐसा महसूस होता है कि पार्टी को इस त्रासदी पर कोई पछतावा नहीं है। उच्च न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया है कि इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया जाएगा, जिसे चेन्नई उत्तर क्षेत्र के आईजी असरा गर्ग नेतृत्व करेंगे।

घटनास्थल से भागने की आलोचना

जांच के दौरान, न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार ने आयोजकों और पुलिस की आलोचना की, यह बताते हुए कि टीवीके द्वारा सोशल मीडिया पर जारी की गई भ्रामक जानकारी ने स्थिति को और खराब किया। अदालत ने यह भी सुझाव दिया कि न केवल आयोजकों, बल्कि पार्टी के अन्य नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।

जमानत याचिका पर सुनवाई

उल्लेखनीय है कि टीवीके के जिला सचिव के खिलाफ अग्रिम जमानत याचिका को मद्रास उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह मामला आगे चलकर और जटिल होता जाएगा और संबंधित लोगों पर कानूनी दबाव बढ़ सकता है।

विजय की गिरफ्तारी के विषय पर मंत्री ने कहा कि सबूत होने की स्थिति में ही कार्रवाई की जाएगी। इससे यह साफ होता है कि सरकार की प्राथमिकता मामले की सही तरीके से जांच करना है।

हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि राजनीतिक रैलियों का आयोजन एक जिम्मेदारी है, जिसमें सुरक्षा का विशेष ध्यान रखना चाहिए। ऐसे मामलों से निपटने के लिए, आम जनता की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

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सादर,
टीम द Odd Naari