उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी सम्मान परिषद के उपाध्यक्ष ने श्री दरबार साहिब में उपस्थित होकर किया मत्था टेकने का पुण्य कार्य
The post उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी सम्मान परिषद के उपाध्यक्ष ने श्री दरबार साहिब में टेका मत्था appeared first on Avikal Uttarakhand. श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने घायल राज्य आंदोलनकारी प्रकाश कान्ति एवम् अमित ओबराय से फोन पर कुलक्षेम पूछी श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारियों को शिक्षा व… The post उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी सम्मान परिषद के उपाध्यक्ष ने श्री दरबार साहिब में टेका मत्था appeared first on Avikal Uttarakhand.

उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी सम्मान परिषद के उपाध्यक्ष ने श्री दरबार साहिब में उपस्थित होकर किया मत्था टेकने का पुण्य कार्य
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कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी सम्मान परिषद के उपाध्यक्ष, सुभाष बड़थ्वाल, ने हाल ही में श्री दरबार साहिब में जाकर मत्था टेककर राज्य आंदोलनकारियों की भलाई और स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना की। इस मौके पर उनके साथ प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती भी उपस्थित थे, जिन्होंने राज्य आंदोलनकारियों की समस्याओं पर चर्चा की। इस अवसर पर, उन्होंने उन संघर्षों की भी याद की जो पूर्वजों ने स्वाधीनता के लिए किए थे।
महंत देवेन्द्र दास जी महाराज की सहानुभूति
श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने हादसे का शिकार हुए राज्य आंदोलनकारियों, प्रकाश कान्ति और अमित ओबराय, से फोन पर बात की। उन्होंने उनकी स्वस्थ जानकारी ली और उनके इलाज की व्यवस्थाओं पर भी चर्चा की। महाराज ने बताया कि श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय राज्य आंदोलनकारियों को विशेष शिक्षा और चिकित्सा में छूट देने का निर्णय लिया है। यह पहल उन आंदोलनकारियों के लिए महत्वपूर्ण है जो गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
राज्य आंदोलनकारियों की कठिनाइयाँ
उपाध्यक्ष सुभाष बड़थ्वाल और प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती ने बताया कि रुड़की निवासी, प्रकाश कान्ति और अमित ओबराय, बीमारी के कारण चलने-फिरने में असमर्थ हैं। उनका इलाज अस्पताल में चल रहा है, जिससे उन्हें आर्थिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में, महाराज ने मदद का आश्वासन देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए तत्पर है।
आंदोलनकारियों के प्रति सम्मान और भविष्य की योजनाएँ
पूरे श्रद्धा के साथ मत्था टेकने के बाद, सुभाष बड़थ्वाल और प्रदीप कुकरेती ने राज्य आंदोलनकारियों के लिए भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की। उन्होंने महाराज से यह अनुरोध किया कि वे आंदोलनकारियों की एक सूची तैयार करें और उनके लिए समर्थन प्रक्रिया को सुसंगत करें। इस प्रकार की पहल से उन आंदोलनकारियों को राहत मिलने की उम्मीद है, जो पिछले कई समय से अपने अधिकारों की मांग कर रहे हैं।
निष्कर्ष
श्री दरबार साहिब में इस श्रद्धांजलि के माध्यम से, राज्य आंदोलनकारी सम्मान परिषद ने यह स्पष्ट किया है कि वे अपने समुदाय के सदस्यों की भलाई के लिए संकल्पित हैं। यह कदम सम्मान प्रकट करता है उन लोगों के प्रति जिन्होंने उत्तराखंड की पहचान बनाई और इसे एक स्वतंत्र राज्य के रूप में स्थापित किया। राज्य आंदोलनकारियों की समस्याओं के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उन्हें सहयोग देने के उपायों को लागू करना हमारे समाज की जिम्मेदारी है।
इस तरह के कदम निश्चित रूप से प्रगति की दिशा में सकारात्मक बदलाव लाएंगे। अधिक अपडेट के लिए, visit theoddnaari.com.