उत्तराखण्ड- रजत जयंती साल में नयी कैबिनेट का ख्वाब होगा सच

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गुजरात की तर्ज पर ऑपरेशन उत्तराखण्ड का खाका तैयार

भाजपा की नयी संभावित सूची से मची हलचल

कुर्सी बचाने मंत्रियों की दिल्ली दौड़ जारी

अविकल थपलियाल

देहरादून। यूं तो धामी मन्त्रिमण्डल के विस्तार की चर्चा लंबे समय से हो रही है। लेकिन हाल ही में गुजरात सरकार के नए मन्त्रिमण्डल के आकार लेने के बाद उत्तराखंड में एक बार फिर राजनीति तेज हो गयी है।

भाजपा हाईकमान ने गुजरात में सीएम को छोड़कर सभी मंत्रियों को हटाकर एक बार फिर चौंकाऊ सन्देश दिया है। ठीक ऐसा ही धामी के आधे अधूरे मन्त्रिमण्डल में मौजूद मंत्रियों के साथ होने जा रहा है।
मौजूदा समय में भाजपा सरकार में सतपाल महाराज, धन सिंह रावत, सुबोध उनियाल, गणेश जोशी, रेखा आर्य और सौरभ बहुगुणा कैबिनेट में शामिल हैं।
बीते कुछ महीने पहले संसदीय कार्य मंत्री प्रेम अग्रवाल से इस्तीफा ले लिया गया था।

उससे पहले 26 अप्रैल 2023 को कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास की मृत्यु हो गयी थी। यह दोनों रिक्त कुर्सी भी भरी नहीं गयी। कुल मिलाकर धामी कैबिनेट में पांच कुर्सी खाली हैं।
हालांकि, बीते सालों से इन रिक्त कुर्सियों को भरने की चर्चा कई बार उठती रही। लेकिन हुआ कुछ नहीं। भाजपा का एक गुट सब कुछ बदल जाने की बात कहकर राजनीति गर्माता रहा। लेकिन हर बार विधायकों के हाथ मायूसी हो लगी। कैबिनेट बदलने की बारम्बार खबरें हंसी का सबब भी बनीं।

लेकिन इस बार पार्टी हाईकमान के बिहार चुनाव की सरगर्मी के बीच रातों रात गुजरात कैबिनेट के सभी मंत्री हटाने से उत्तराखण्ड में भी सियासत गर्मा गयी है।

मौजूदा मंत्री व विधायक कहीं ग्रुप में तो कहीं अकेले ही गोटियां बिछा रहे हैं। कुछ मंत्री दिल्ली-दून में पार्टी नेताओं के साथ कुर्सी बचाने की जुगत में लगे हैं तो कुछ विधायक कुर्सी पाने की कोशिश में जुटे है।

वैसे, धामी के सीएम बनने के बाद तीन मंत्रियों की कुर्सी खाली रखी गईं थी। और चार साल में ये रिक्त कुर्सियां बढ़कर पांच हो गयी। इस बार राज्य स्थापना की रजत जयंती नौ नवंबर को मनाई जाएगी।

चर्चाओं के बीच पहाड़ी लूण पीसते सीएम

रजत जयंती समारोह में पूरे मंत्रिमंडल की झलक देखने को मिलेगी या आधा अधूरी सरकार ही रजत जयंती समारोह की शोभा बढ़ाएंगे।

बहरहाल, मिल रही जानकारी के मुताबिक 2027 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए हाईकमान ने कैबिनेट की शक्ल तैयार कर ली है। और व्यापक फेरबदल की तैयारी भी कर ली। कुछ मंत्री गुजरात फार्मूले को टालने के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए हैं। और अपने आकाओं के यहां मत्था टेका रहे हैं।  लेकिन यह तय है कि धामी कैबिनेट को लेकर काफी कुछ अप्रत्याशित होने जा रहा है।

इधऱ, नौ नवंबर को उत्तराखण्ड राज्य स्थापना की 25 वीं सालगिरह है। तीन व चार  नवंबर को  राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उत्तराखण्ड आएंगी। और विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करने के  अलावा हरिद्वार व कुमाऊं में तय कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगी।

रजत जयंती वर्ष में प्रधानमंत्री मोदी के भी उत्तराखण्ड आने की संभावना है। बिहार चुनाव  को देखते हुए तारीख फाइनल किये जाने पर मंथन चल रहा है।

राष्ट्रपति व पीएम मोदी के कार्यक्रमों के बाद ही उत्तराखण्ड में धामी सरकार में व्यापक बदलाव की खबर है। मंत्री व विधायक सीएम धामी के अलावा दिल्ली दरबार में घूम रहे हैं।
सूत्र बताते हैं कि देहरादून से भी एक गोपनीय सूची दिल्ली के विचारार्थ भेजी गई है। सीएम धामी और संगठन ने मैराथन मन्थन के बाद यह नई सूची तैयार की है। इस सूची में कई नाम दावेदारों की धड़कन बढ़ाने के लिए काफी है।

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