असहाय माता की बेटी के लिए शिक्षा के नए अवसर

The post असहाय माता की बेटी की बेहतर शिक्षा के खुले रास्ते appeared first on Avikal Uttarakhand. डीएम के अनुरोध पर एसजीआरआर ने माफ की फीस प्रोजेक्ट नंदा-सुनंदा से होगा आगे का खर्च अविकल उत्तराखंड देहरादून। जिला प्रशासन की मदद से एकल माता की बेटी शिवानी की… The post असहाय माता की बेटी की बेहतर शिक्षा के खुले रास्ते appeared first on Avikal Uttarakhand.

असहाय माता की बेटी के लिए शिक्षा के नए अवसर
असहाय माता की बेटी की बेहतर शिक्षा के खुले रास्ते

असहाय माता की बेटी के लिए शिक्षा के नए अवसर

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By Priya Sharma, Neha Gupta, Team The Odd Naari

कम शब्दों में कहें तो, देहरादून में एकल माता की बेटी शिवानी के लिए शिक्षा के दरवाजे खुल गए हैं। जिलाधिकारी सविन बंसल की पहल ने न केवल शिवानी के लिए, बल्कि अन्य असहाय महिलाओं की बेटियों के लिए भी शिक्षा के क्षेत्र में एक नया मार्ग प्रशस्त किया है।

जिलाधिकारी की प्रभावी पहल

रजनी नामक एक महिला, जो अपनी दोनों बेटियों के लिए छोटी-मोटी नौकरी करती हैं, ने जिलाधिकारी से गुहार लगाई। उनकी बड़ी बेटी, शिवानी, कक्षा 12 की छात्रा हैं, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण उनकी पढ़ाई में दिक्कतें आ रही थीं। जिलाधिकारी ने इस स्थिति को गंभीरता से लिया और एसजीआरआर एजुकेशन मिशन से शिवानी की फीस माफ करने का अनुरोध किया, जिससे उनकी पढ़ाई को नई शक्ति मिली।

एसजीआरआर का संवेदनशील सहयोग

जिलाधिकारी के इस ठोस कदम पर श्री गुरु राम राय एजुकेशन मिशन ने सहयोग की भावना दिखाई और शिवानी की पिछले सत्र की 50 प्रतिशत फीस माफ कर दी। यह कदम सिर्फ शिवानी के लिए राहत नहीं लाया, बल्कि उन सभी माता-पिताओं को प्रेरित किया जो अपने बच्चों की शिक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

प्रोजेक्ट नंदा-सुनंदा की महत्वपूर्ण भूमिका

अब शिवानी की आने वाली शिक्षा का संपूर्ण खर्च प्रोजेक्ट नंदा-सुनंदा द्वारा वहन किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से असहाय परिवारों के बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। जिला प्रशासन की यह पहल शिक्षा क्षेत्र में स्थायी परिवर्तन की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।

मुख्यमंत्री की प्रेरणा से सामूहिक प्रयास

मुख्यमंत्री की प्रेरणा से, जिला प्रशासन ने शिक्षा, स्वास्थ्य और न्याय के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। ये निर्णय असहाय और कमजोर परिवारों के लिए नई उम्मीदें लेकर आए हैं। जिलाधिकारी ने कमेटियों को निर्देशित किया है कि वे रिपोर्ट पेश करें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि शिवानी जैसी छात्रों को पढ़ाई में कोई रुकावट न आए।

प्रेरणा और उदाहरण

यह घटना केवल शिवानी के लिए नहीं, बल्कि उन सभी एकल माताओं के लिए एक प्रेरणा है जो अपने बच्चों की शिक्षा के लिए कठिनाइयों का सामना कर रही हैं। यह एक संकेत है कि शिक्षा का अधिकार सभी के लिए है, और इस दिशा में उठाया गया कदम एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

निष्कर्ष

असहाय माता की बेटी की शिक्षा के लिए की गई यह सकारात्मक पहल इस बात का प्रमाण है कि जब हम समर्पण के साथ एक उद्देश्य के लिए प्रयास करते हैं, तो कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती। जिला प्रशासन की यह पहल न केवल शिक्षा के क्षेत्र में विकास का अवसर प्रदान करती है, बल्कि सामाज में मीनार्ट की बुनियाद भी रखती है। इस तरह के और भी प्रयासों की आवश्यकता है ताकि सभी बच्चों को शिक्षा की रोशनी मिल सके।

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