Vishwakhabram: Syria में पुलिस भर्ती के नये नियमों को देखकर अल्पसंख्यकों के मन में बैठ गया है बड़ा डर
सीरिया के नए अधिकारी नए पुलिस बल को प्रशिक्षित करने के लिए इस्लामी शिक्षाओं का उपयोग कर रहे हैं जिससे वहां रह रहे अन्य धर्मों के लोगों में चिंता बढ़ गयी है। हालांकि सीरियाई अधिकारियों का कहना है कि पुलिस बल को इस्लामी शिक्षा देने का उद्देश्य उनमें नैतिकता की भावना पैदा करना है, मगर चिंता इस बात की है वह कहीं इससे नैतिक बनने की बजाय कट्टर ना बन जायें। हम आपको बता दें कि सीरियाई अधिकारी अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल-असद के कुख्यात भ्रष्ट और क्रूर सुरक्षा बलों को खत्म करने के बाद नये सुरक्षा बलों को अलग तरह से तैयार कर रहे हैं। इस तरह की मीडिया रिपोर्टें हैं कि इदलिब के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में पुलिस आवेदकों से उनकी मान्यताओं के बारे में पूछ रही है और प्रशिक्षण के दौरान इस्लामी शरिया कानून पर ध्यान केंद्रित कर रही है। देखा जाये तो सीरिया में स्थिरता सुनिश्चित करना और लोगों का विश्वास जीतना सुन्नी मुस्लिम इस्लामवादियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। लेकिन एक चिंता उभर रही है कि यदि इस्लामी कानूनों पर जोर दिया जायेगा तो अन्य मजहबों के लोगों का जीना दूभर हो जायेगा। हालांकि सीरिया के नेता अहमद अल-शरा ने पश्चिमी देशों और मध्य पूर्वी सरकारों को आश्वस्त करने की कोशिश की है कि उनके गुट ने अल कायदा के साथ अपने पूर्व संबंधों को त्याग दिया है और वह अल्पसंख्यकों की रक्षा सहित संयम के साथ शासन करेंगे।इस बीच, सीरियाई पुलिस ने कहा कि लगभग आधे स्टेशनों को फिर से खोल दिया गया है, लेकिन उनमें से प्रत्येक में लगभग 10 अधिकारियों का स्टाफ है, जिनमें से ज्यादातर इदलिब से लाए गए हैं। इससे पहले हर पुलिस स्टेशन में लगभग 100-150 लोग होते थे। ऐसी रिपोर्टें हैं कि वहां काम कर रहे पुलिस अधिकारी और कर्मचारी भारी दबाव में हैं क्योंकि उन्हें दिन-रात बहुत से मुद्दों से निबटना पड़ रहा है। इसीलिये पुलिसकर्मियों की भारी कमी को देखते हुए नई भर्तियां निकाली जा रही हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, दमिश्क में एक पुलिस अकादमी में रंगरूटों के लिए पाठ्यक्रमों का नेतृत्व करने वाले हेशम हिलाल ने बताया है कि 200000 से अधिक लोगों ने उनके द्वारा स्थापित की जा रही नई पुलिस सेवा में शामिल होने के लिए पंजीकरण कराया है। लेकिन शरिया पर ध्यान केंद्रित करना कुछ लोगों के लिए बाधक बन रहा है। इस बीच, यह भी रिपोर्ट है कि इस प्रकार की घोषणा भी की गयी है कि जो पुलिसकर्मी असद के पतन से पहले विद्रोही पक्ष में शामिल हो गये थे, उनका नए बल के लिए आवेदन करने के लिए स्वागत है।इसे भी पढ़ें: सीरिया में युद्ध अपराध के संदिग्धों के खिलाफ प्रतिबंध जारी रहें लेकिन लोगों को राहत की जरूरत : Germanyयह भी बताया जा रहा है कि साक्षात्कार में शामिल सभी वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि इस साल भर्ती और प्रशिक्षण के विस्तार के साथ कर्मचारियों के स्तर में सुधार होगा और अधिक स्टेशन फिर से खुलेंगे। बताया जा रहा है कि नए रंगरूटों को केवल 10 दिनों की शिक्षा मिल रही है, इसमें ज्यादातर हथियार चलाने और इस्लामी कानून के बारे में है। रंगरूटों को दी जाने वाली धार्मिक शिक्षा में इस्लामी न्यायशास्त्र के सिद्धांत, पैगंबर मोहम्मद की जीवनी और आचरण के नियम शामिल हैं।हम आपको यह भी बता दें कि सीरिया में शासन कर रहे समूह हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) का इदलिब में 2017 से ही वर्चस्व था और वहां भी शुरू में सार्वजनिक व्यवहार पर सख्त इस्लामी विचारों को लागू करने के लिए गश्त की जाती थी। संयुक्त राष्ट्र जांच आयोग ने 2021 की एक रिपोर्ट में कहा था कि महिलाओं को परिवार के किसी पुरुष सदस्य के बिना या अभद्र पोशाक पहन कर यात्रा करने के लिए हिरासत में ले लिया जाता था। लेकिन बाद में नैतिकता गश्त कम कर दी गई क्योंकि निवासियों को यह पसंद नहीं आया। अब पुलिस को जिस तरह का प्रशिक्षण दिया जा रहा है उससे सीरिया में अल्पसंख्यकों के मन में डर बढ़ रहा है।

Vishwakhabram: Syria में पुलिस भर्ती के नये नियमों को देखकर अल्पसंख्यकों के मन में बैठ गया है बड़ा डर
The Odd Naari
लेखिका: स्नेहा शर्मा, टीम नीतानागरी
परिचय
सीरिया में हाल ही में लागू हुए पुलिस भर्ती के नए नियमों ने अल्पसंख्यक समुदाय के बीच चिंता और भय की लहर पैदा कर दी है। यह नए नियम न केवल सुरक्षा बलों में भर्ती प्रक्रिया को प्रभावित कर रहे हैं, बल्कि यह समुदाय में समानता और अवसरों पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं।
पुलिस भर्ती के नए नियम क्या हैं?
सीरियाई सरकार ने कुछ समय पहले पुलिस बल में भर्ती के लिए नए नियम जारी किए। इन नियमों में मुख्य रूप से उम्मीदवारों के लिए कुछ विशेष शर्तें लागू की गई हैं, जैसे कि शैक्षणिक योग्यता, उम्र सीमा, और सामाजिक पृष्ठभूमि। रिपोर्टों के अनुसार, इसमें कुछ विशेषता उन समुदायों के खिलाफ बायस हो सकती हैं जो पहले से ही हाशिए पर हैं।
अल्पसंख्यकों के लिए चुनौतियाँ
इस नए भर्ती नियम से अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों में ऐसा आभास हो रहा है कि यह नियम उनके खिलाफ हैं। इस समुदाय के कई युवा अब अपने भविष्य के प्रति अनिश्चितता महसूस कर रहे हैं। कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की है कि क्या यह प्रक्रिया उन्हें समान अवसर देने वाली है या नहीं।
समाज में बढ़ता भय
सीरिया में अल्पसंख्यक वर्गों के बीच बढ़ता डर इस बात को दर्शाता है कि वे अब सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं। हाल के दिनों में, कई ने अपनी आशंकाओं को सोशल मीडिया पर साझा किया है। उनका कहना है कि यह प्रक्रिया न केवल उनके अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि यह उनके विकास को भी रोक सकती है।
समाज के प्रति जिम्मेदारी
इस मामले पर कई सामाजिक संगठनों ने सरकार से संबंधित अभिव्यक्तियों और चिंताओं को ध्यान में रखकर एक समीक्षात्मक दृष्टिकोण अपनाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि चयन प्रक्रिया को सही और पारदर्शी बनाए रखा जाना चाहिए ताकि किसी भी समुदाय को हाशिए पर रखने का प्रयास न हो।
निष्कर्ष
सिर्फ एक भर्ती प्रक्रिया ही नहीं, बल्कि यह पूरे समुदाय की सुरक्षा और समानता पर प्रश्नचिह्न खड़े करता है। यदि सरकार इसे गंभीरता से नहीं लेती है, तो इससे अल्पसंख्यक समुदाय के भीतर और गहरी खाई पैदा हो सकती है। समाज का हर वर्ग यह अपेक्षा करता है कि उसके अधिकारों का सम्मान किया जाएगा। अल्पसंख्यकों के मन में बैठ गया यह डर बताता है कि सरकार को तुरंत कदम उठाने की आवश्यकता है।
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