Union Budget 2025: सर्वसमावेशी और दूरदर्शी बजट से भारत निर्माण को मिलेगी गति
आम बजट 2025 एक सर्वसमावेशी और दूरदर्शी बजट है। यह कई मायने में सर्वव्यापी और सर्वस्पर्शी भी है। खासकर ताजा बजट प्रस्तावों के माध्यम से मध्यम वर्ग को जो भारी कर राहत प्रदान किया गया है और आयकर छूट सीमा को बढ़ाकर 12 लाख रुपया तक कर दिया गया है, उससे अर्थव्यवस्था को विभिन्न कोणों से मजबूती मिलने के आसार प्रबल हैं। कुल मिलाकर यह आम आदमी का बजट है, जो गरीबों, युवाओं, अन्नदाता किसानों और नारी शक्ति को आर्थिक मजबूती प्रदान करता है। सच कहा जाए तो यह आम बजट विकसित भारत यानी हर क्षेत्र में श्रेष्ठ भारत के निर्माण की दिशा में मोदी सरकार की दूरदर्शिता का ब्लूप्रिंट है, जिसमें किसानों, गरीबों के साथ-साथ मध्यम वर्ग पर भी ध्यान दिया गया है। वहीं, महिला और बच्चों की शिक्षा, उनके पोषण व स्वास्थ्य पर भी फोकस किया गया है। इस बजट में स्टार्टअप, इनोवेशन और इन्वेस्टमेंट तक, यानी कि अर्थव्यवस्था की समुन्नति के हर क्षेत्र को समाहित किया गया है। इस प्रकार यह बजट मोदी सरकार के आत्मनिर्भर भारत का व्यापक रोडमैप है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुताबिक, यह बजट भारत की विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं का बजट है। यह हर भारतीय के सपनों को पूरा करने वाला बजट है। इसके माध्यम से उन्होंने युवाओं के लिए कई क्षेत्र खोले हैं। जिससे आम नागरिक विकसित भारत के मिशन को आगे बढ़ाने जा रहा है। यह बजट एक फोर्स मल्टीप्लायर है, जो बचत, निवेश, खपत और विकास को तेजी से बढ़ाएगा।इसे भी पढ़ें: लोक लुभावन भी और राजनीतिक भीआमतौर पर बजट का फोकस इस बात पर होता है कि सरकारी खजाना कैसे भरा जाएगा, लेकिन यह बजट उसके ठीक उलट है। यह बजट देश के नागरिकों की जेब कैसे भरेगी, देश के नागरिकों की बचत कैसे बढ़ेगी और देश के नागरिक विकास में कैसे भागीदार बनेंगे...इस बात की चिंता करता है। इस बजट में सुधार हेतु कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। विशेष कर यह बजट देश के विकास में सिविल न्यूक्लियर एनर्जी का बड़ा योगदान सुनिश्चित करेगा।यूँ तो बजट में हर तरह से रोजगार के सभी क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है, फिर भी मैं उन सुधारों की चर्चा करना उचित समझता हूं जो आने वाले समय में बड़ा बदलाव लाने वाले हैं। खासकर इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा देने से भारत में बड़े जहाजों के निर्माण को बढ़ावा मिलेगा। हम सभी जानते हैं कि शिप बिल्डिंग निर्माण सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला क्षेत्र है। वहीं, देश में पर्यटन विकास की बहुत संभावनाएं हैं। इसलिए पहली बार होटलों को इंफ्रास्ट्रक्चर के दायरे में लाकर 50 महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों पर होटल बनाए जाएंगे। इससे आतिथ्य क्षेत्र को ऊर्जा मिलेगी, जो रोजगार का बहुत बड़ा क्षेत्र है।वहीं, इस बजट में एक करोड़ पांडुलिपियों के संरक्षण के लिए 'ज्ञान भारत मिशन' शुरू किया गया है। इसके तहत भारतीय ज्ञान परंपरा से प्रेरित एक राष्ट्रीय डिजिटल रिपोजिटरी बनाई जाएगी, यानी तकनीक का भरपूर उपयोग किया जाएगा। वहीं, इस बजट में किसानों के लिए की गई घोषणा कृषि क्षेत्र और पूरी ग्रामीण अर्थव्यवस्था में एक नई क्रांति का आधार बनेगी। किसान क्रेडिट कार्ड' की सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये की जाएगी, जिससे उन्हें और मदद मिलेगी।बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 1 फरवरी, 2025, दिन शनिवार को संसद में बजट पेश किया, जो उनका लगातार 8वां बजट था। यह बजट आर्थिक सर्वेक्षण के अनुरूप रहा। क्योंकि उन्होंने मिडिल क्लास को राहत देते हुए न्यू टैक्स रिजीम के तहत 12 लाख रुपये सालाना तक की इनकम को आयकर के दायरे से बाहर रखने का ऐलान किया। इससे नौकरीपेशा वर्ग के करोड़ों लोगों को फायदा होगा। वहीं, उन्होंने किसान और महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने पर जोर देते हुए कहा कि देश तेज गति से आगे बढ़ रहा है। हम दुनिया की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था हैं। स्वास्थ्य और रोजगार पर हमारा खास ध्यान है। युवाओं को रोजगार देना सरकार की प्राथमिकता है। इस बजट में प्रस्तावित विकास उपाय 10 व्यापक क्षेत्रों में हैं, जिनमें गरीबों, युवाओं, किसानों और महिलाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है।केंद्रीय वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ रही है। पिछले 10 सालों के हमारे विकास ट्रैक रिकॉर्ड और संरचनात्मक सुधारों ने दुनियाभर का ध्यान आकर्षित किया है। इस दौरान भारत की क्षमता को लेकर विश्वास बढ़ा है। इसी कड़ी में अब बिहार में मखाना बोर्ड का गठन किया जाएगा। मखाना के उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन को बेहतर बनाने के लिए मखाना बोर्ड की स्थापना की जाएगी। इस कार्य में लगे लोगों को एफपीओ के रूप में संगठित किया जाएगा।वित्त मंत्री ने कहा, स्टार्टअप के लिए लोन गारंटी शुल्क कम करेंगे। एमएसएमई के लिए लोन 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ कर दिया गया है। किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा 3 लाख से 5 लाख की गई है। डेयरी और फिशरी के लिए अब पांच लाख तक का लोन दिया जाएगा। इससे इस वर्ष का बजट मेक इन इंडिया को आगे बढ़ाने, एमएसएमई को समर्थन देने, रोजगार आधारित विकास को सक्षम करने, लोगों की अर्थव्यवस्था और नवाचार में निवेश करने, ऊर्जा आपूर्ति को सुरक्षित करने पर केंद्रित है। यह बजट सरकार की राजस्व और व्यय रणनीति के लिए एक सामान्य रोड मैप प्रदान करता है। बजट 2025 युवाओं, महिलाओं और किसानों पर केंद्रित है। वित्त मंत्री ने उल्लेख किया कि यह बजट सरकारी प्रयासों को जारी रखता है- विकास में तेजी लाने के लिए, सुरक्षित समावेशी विकास के लिए, निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा देने के लिए, घरेलू भावनाओं को ऊपर उठाने के लिए, भारत के बढ़ते मध्यम वर्ग की खर्च करने की शक्ति को बढ़ाने के लिए। आम बजट में जिन विषयों पर फोकस किया गया, उनमें मेक इन इंडिया को आगे बढ़ाना, एमएसएमई को समर्थन रोजगार आधारित विकास को सक्षम बनाना प्रमुख हैं। वहीं, लोगों की अर्थव्यवस्था

Union Budget 2025: सर्वसमावेशी और दूरदर्शी बजट से भारत निर्माण को मिलेगी गति
The Odd Naari
लेखिका: सीमा वर्मा और टीम नेटानागरी
परिचय
भारत का संघीय बजट 2025 न केवल आर्थिक विदेश नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, बल्कि यह एक सर्वसमावेशी दृष्टिकोण के साथ भारत के विकास की नई गति को भी दर्शाता है। इस बजट में विकास को समर्पित योजनाएँ और कल्याणकारी कार्यक्रम शामिल हैं, जो सभी वर्गों को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं। इस लेख में हम इस बजट के महत्त्व, इसके प्रमुख बिंदुओं, और इससे देश के विकास पर पड़ने वाले प्रभावों पर चर्चा करेंगे।
सर्वसमावेशी दृष्टिकोण
बजट 2025 में सर्वसमावेशिता को प्राथमिकता दी गई है। इसमें ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच संतुलन बनाने के लिए विशेष नीतियाँ बनाई गई हैं। उदाहरण के लिए, स्वास्थ्य, शिक्षा, और तकनीकी विकास के लिए आवंटित राशि में वृद्धि की गई है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आर्थिक विकास का लाभ सभी वर्गों को मिले, खासकर महिलाओं और कमजोर वर्गों को।
दूरदर्शी नीतियाँ
इस बजट में जो नीतियाँ प्रस्तावित की गई हैं, वे न केवल वर्तमान समस्याओं का समाधान करती हैं, बल्कि भविष्य में आने वाली चुनौतियों को भी ध्यान में रखती हैं। बजट में हरित ऊर्जा पर जोर दिया गया है, जिससे भारत जलवायु परिवर्तन की समस्याओं का सामना करने में सक्षम होगा। देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 'मेक इन इंडिया' मुहिम को भी प्रमुखता दी गई है।
विकास के क्षेत्र
बजट 2025 में बुनियादी ढाँचे और उद्योग की वृद्धि के लिए विशेष योजनाएँ शामिल की गई हैं। परिवहन, संचार, और डिजिटल सेवाओं के लिए बड़े निवेश की योजना बनाई गई है। इसके साथ ही, स्टार्टअपों और छोटे व्यापारियों को प्रोत्साहन देने के लिए अनुदान और सहायता पैकेज भी शामिल हैं। इससे न केवल नौकरी में वृद्धि होगी, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में भी मजबूती आएगी।
संभावनाएँ और चुनौतियाँ
संघीय बजट 2025 की संभावनाएँ तो असीमित हैं, लेकिन इसके कार्यान्वयन में कुछ चुनौतियाँ भी होंगी। यथासंभव पारदर्शिता और भ्रष्टाचार पर नियंत्रण आवश्यक हैं, ताकि योजनाएँ सही तरीके से लागू की जा सकें। इसके लिए नागरिकों की भागीदारी भी महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष
संघीय बजट 2025 एक सर्वसमावेशी और दूरदर्शी दृष्टिकोण से तैयार किया गया है, जो भारत को विकास की नई ऊँचाइयों पर पहुँचाने में मदद करेगा। यह न केवल आर्थिक विकास को गति देगा, बल्कि भारत के भविष्य को भी सुरक्षित करेगा। इसके प्रभाव और कार्यान्वयन की निगरानी करना आवश्यक है ताकि हम इस बजट के लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें।
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