Fear of Marriage । शादी हमें क्यों डराती है, क्या वाकई यह इतनी डरावनी है? आइए जानें

जब मैं 'शादी' शब्द सुनती हूं तो मेरा दिल तेज़ी से धड़कने लगता है। ईमानदारी से कहूं तो, मुझे शादी करने से डर लगता है, और मैं जानती हूं कि मैं अकेली नहीं हूं। मेरे आस-पास के कई लोग भी ऐसा ही महसूस करते हैं। हैरानी की बात है कि आजकल यह डर काफी आम हो गया है। शादी एक बहुत बड़ा कदम है, इसलिए इसके बारे में घबराहट होना सामान्य है। लेकिन क्यों? शादी के बारे में सोचते ही हमारा दिल क्यों तेज़ी से धड़कने लगता है? इस हिचकिचाहट के पीछे कई कारण हैं, और हम उन्हें आपके साथ साझा करने के लिए यहां हैं।इंस्टाग्राम पर थेरेपी विद शौर्य पेज से जुड़ी मनोवैज्ञानिक बनिता सिंह ने कहा कि स्थिरता और व्यक्तिगत विकास की तलाश कर रहे लोगों को शादी डरावनी लग सकती है। विशेषज्ञ ने कहा कि ऐसे लोग खुद को खोने, हमेशा के लिए साथ रहने के दबाव या उम्मीद से ज्यादा समझौता करने से डरते हैं। सिंह ने इन मानसिक कारकों के बारे में विस्तार से बात की जो शादी को डरावना बनाते हैं। इसे भी पढ़ें: Expert Advice for a Deeper Connection । छोटी-छोटी बातों में छिपा है एक खुशहाल रिश्ते का राजखुद को खोने का डर: विशेषज्ञ ने कहा कि आजकल लोगों को अपनी आजादी और निजी समय पसंद है। अपनी दिनचर्या, शौक या विचित्रताओं को किसी और के साथ मिलाने का विचार लोगों को ऐसा महसूस कराता है जैसे वे खुद को छोड़ रहे हैं।'हमेशा के लिए' वाला फैक्टर: विशेषज्ञ ने कहा कि लोगों को 'हमेशा के लिए' शब्द प्यार के वादे से ज्यादा उम्रकैद की सजा जैसा लगता है। क्या होगा अगर आप लंबे समय तक खुश नहीं हैं? खुद को किसी फैसले से बांधने का विचार भारी लग सकता है।बहुत ज्यादा समझौता करने का डर: विशेषज्ञ ने कहा कि लोगों को डर है कि शादी के बाद उन्हें जरूरत से ज्यादा समझौता करना पड़ सकता है। विशेषज्ञ ने कहा कि ऐसे लोगों के लिए हमेशा एडजस्ट करने वाले व्यक्ति होने का डर अनुचित और डरावना लग सकता है। इसे भी पढ़ें: Expert Advice । डेटिंग ऐप्स, सोशल मीडिया और बढ़ती कनेक्टिविटी के बावजूद अपने उस 'एक' को ढूंढना इतना मुश्किल क्यों है?एक्सपर्ट ने शादी के लिए उत्सुक होने का कारण भी बतायाबनिता सिंह ने बताया कि शादी त्याग के बारे में नहीं है, बल्कि एक ऐसा साथी खोजने के बारे में है जो आपके सपनों का समर्थन करता है, आपका सर्वश्रेष्ठ सामने लाता है, और जीवन के उतार-चढ़ाव में आपका साथ देता है। उन्होंने कहा कि प्यार, विश्वास और आपसी सम्मान पर आधारित, शादी एक खूबसूरत यात्रा बन सकती है, जहां दोनों साथी एक साथ मजबूत होते हैं। View this post on Instagram A post shared by Shaurya Gahlawat | Mental Health Therapist (@therapywithshaurya)

Fear of Marriage । शादी हमें क्यों डराती है, क्या वाकई यह इतनी डरावनी है? आइए जानें
Fear of Marriage । शादी हमें क्यों डराती है, क्या वाकई यह इतनी डरावनी है? आइए जानें

Fear of Marriage: शादी हमें क्यों डराती है, क्या वाकई यह इतनी डरावनी है? आइए जानें

The Odd Naari | द्वारा: सृष्टी बंसल, टीम नेटानागरी

शादी एक ऐसा कांसेप्ट है जो जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ लाता है। लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि इसके बारे में कुछ लोगों को क्यों डर लगता है? यह डर विभिन्न कारकों का परिणाम हो सकता है। आइए इस लेख में जानते हैं कि शादी से जुड़ी डरावनी भावनाएं किन कारणों से उत्पन्न होती हैं और क्या वाकई शादी इतनी डरावनी होती है।

शादी का भय: मुख्य कारण

शादी की अवधारणा में कई पहलू होते हैं, जिनमें सामाजिक, भावनात्मक और वित्तीय कारक शामिल हैं। ये सब मिलकर एक विशेष प्रकार का डर उत्पन्न कर सकते हैं। यहां कुछ मुख्य कारण दिए गए हैं जिनकी वजह से लोग शादी से डरते हैं:

  • जिम्मेदारियों का डर: शादी के साथ कई नई जिम्मेदारियाँ जुड़ती हैं। यह डर कि क्या हम इन जिम्मेदारियों को निभा पाएंगे या नहीं, कई लोगों को परेशान करता है।
  • संवेदनात्मक हिंसा का खतरा: कई लोग अतीत में देखी गई संबंधों की समस्याओं के कारण शादी से डर जाते हैं। वे यह नहीं चाहते कि उनके साथ ऐसा अनुभव हो।
  • फाइनेंशियल स्थिति: वित्तीय सुरक्षा की कमी का डर भी शादी के फैसले को प्रभावित करता है। कई लोग यह सोचते हैं कि शादी के बाद वित्तीय दबाव बढ़ जाएगा।
  • सामाजिक दबाव: समाज में कुछ विशेष मानदंड होते हैं। शादी करना एक ऐसा मसला है जिसमें लोग समाज की अपेक्षाओं से प्रभावित होते हैं।

क्या शादी वाकई इतनी डरावनी है?

शादी का डर केवल एक मानसिक स्थिति है। जबकि शादी से जुड़े कई सकारात्मक पहलू भी हैं। जानते हैं कि शादी का असली सौंदर्य क्या है:

  • संगठन: शादी एक ऐसी अवसर है जहां दो लोग एक-दूसरे के साथ जीवन बिताने का वादा करते हैं। यह संगठित जीवन की शुरूआत है।
  • भावनात्मक सुरक्षा: शादी एक गहरे भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक है। यह हमें भावनात्मक सुरक्षा और समर्थन प्रदान करता है।
  • साझा अनुभव: शादी हमें अपने साथी के साथ जीवन के हर अनुभव को साझा करने का मौका देती है।

डर को कैसे मात दें?

अगर आप शादी के डर का सामना कर रहे हैं, तो यहां कुछ उपाय हैं जो आपको मदद कर सकते हैं:

  • खुले मन से बात करें: अपने साथी से अपनी चिंताओं के बारे में बात करें। यह कठिन लगता है लेकिन यह आपको एक-दूसरे के करीब लाएगा।
  • परिवार और दोस्तों से सलाह लें: अपने करीबी लोगों से सलाह लें और उनकी अनुभवों को सुनें।
  • स्वयं पर काम करें: स्वयं की स्वयं-प्रतिष्ठा पर काम करें और अपने डर को पहचानें।

निष्कर्ष

शादी केवल एक सामाजिक रीत नहीं है, बल्कि यह जीवन की एक महत्वपूर्ण यात्रा है। यह समझना जरूरी है कि डर का सामना करना आवश्यक है। जब आप अपनी चिंताओं का सामना खुलकर करते हैं, तो आप एक मजबूत बुनियाद तैयार कर सकते हैं। अगर आप शादी के विचार से डर रहे हैं, तो निराश न हों। यह एक सामान्य भावना है। अंततः, प्यार और विश्वास के आधार पर एक शादी को एक खूबसूरत अनुभव के रूप में देखा जा सकता है।

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