Droupadi Murmu Botswana Visit | भारत आ रहे 8 चीते! राष्ट्रपति मुर्मू की बोत्सवाना यात्रा से 'प्रोजेक्ट चीता' को मिला बूस्ट

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का मंगलवार को बोत्सवाना के गबोरोन में औपचारिक स्वागत किया गया, जो उनकी बोत्सवाना की राजकीय यात्रा की शुरुआत थी। इस अवसर पर बोत्सवाना के राष्ट्रपति, एडवोकेट ड्यूमा गिदोन बोको भी उपस्थित थे। राष्ट्रपति मुर्मू का बोत्सवाना आगमन किसी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष की बोत्सवाना की पहली राजकीय यात्रा है। यह यात्रा अफ्रीका के उनके दो-राष्ट्र दौरे का हिस्सा है, जिसकी शुरुआत अंगोला से हुई थी, जो इस महाद्वीप के साथ भारत के बढ़ते जुड़ाव को दर्शाता है।इसे भी पढ़ें: Delhi Red Fort Blast | दिल्ली के लाल किला धमाके में मिले कारतूस और बम के अवशेष, जांच में बड़े संकेत! इस यात्रा का उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना और आठ कालाहारी रेगिस्तानी चीतों को भारत भेजने के समझौते को अंतिम रूप देना है। अंगोला की राजधानी लुआंडा से उड़ान भरने के बाद राष्ट्रपति मुर्मू बोत्सवाना की राजधानी गाबोरोने स्थित सर सेरेटस खामा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचीं, जहां उनका स्वागत राष्ट्रपति डुमा गिदोन बोको ने किया। उन्हें 21 तोपों की सलामी और गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया।इसे भी पढ़ें: Bihar Exit Poll Results 2025 | NDA ने एग्जिट पोल में जीत के अनुमान का किया स्वागत, ‘इंडिया’ गठबंधन ने कहा-‘हकीकत से कोसों दूर’ अंगोला की भांति, किसी भारतीय राष्ट्रपति की यह बोत्सवाना की पहली राजकीय यात्रा है। अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति मुर्मू अपने समकक्ष राष्ट्रपति बोको के साथ प्रतिनिधिमंडल-स्तरीय वार्ता करेंगी। दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, कृषि और रक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिये कई समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान संभावित है। बुधवार को वह बोत्सवाना की राष्ट्रीय सभा के सांसदों को भी संबोधित करेंगी। इस यात्रा का एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम आठ चीतों को क्वारंटाइन सुविधा में छोड़े जाने का साक्षी बनना होगा। यह घटना वन्यजीव संरक्षण पहल प्रोजेक्ट चीता के तहत बोत्सवाना द्वारा भारत को इन शिकारी जीवों के प्रतीकात्मक सुपुर्दगी को चिन्हित करेगी। ये चीते कालाहारी रेगिस्तान में स्थित घान्जी शहर से लाए गए हैं, जिन्हें गाबोरोने से 10 किलोमीटर दक्षिण में स्थित प्राकृतिक अभ्यारण्य में स्थानांतरित किया गया है। विदेश मंत्रालय (एमईए) के अनुसार, यह यात्रा बोत्सवाना के साथ भारत के पुराने और मैत्रीपूर्ण संबंधों को सुदृढ़ करने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। राष्ट्रपति मुर्मू बृहस्पतिवार को अपनी छह दिवसीय यात्रा समाप्त कर दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगी।

Droupadi Murmu Botswana Visit | भारत आ रहे 8 चीते! राष्ट्रपति मुर्मू की बोत्सवाना यात्रा से 'प्रोजेक्ट चीता' को मिला बूस्ट

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का मंगलवार को बोत्सवाना के गबोरोन में औपचारिक स्वागत किया गया, जो उनकी बोत्सवाना की राजकीय यात्रा की शुरुआत थी। इस अवसर पर बोत्सवाना के राष्ट्रपति, एडवोकेट ड्यूमा गिदोन बोको भी उपस्थित थे। राष्ट्रपति मुर्मू का बोत्सवाना आगमन किसी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष की बोत्सवाना की पहली राजकीय यात्रा है। यह यात्रा अफ्रीका के उनके दो-राष्ट्र दौरे का हिस्सा है, जिसकी शुरुआत अंगोला से हुई थी, जो इस महाद्वीप के साथ भारत के बढ़ते जुड़ाव को दर्शाता है।

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इस यात्रा का उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना और आठ कालाहारी रेगिस्तानी चीतों को भारत भेजने के समझौते को अंतिम रूप देना है। अंगोला की राजधानी लुआंडा से उड़ान भरने के बाद राष्ट्रपति मुर्मू बोत्सवाना की राजधानी गाबोरोने स्थित सर सेरेटस खामा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचीं, जहां उनका स्वागत राष्ट्रपति डुमा गिदोन बोको ने किया। उन्हें 21 तोपों की सलामी और गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया।

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अंगोला की भांति, किसी भारतीय राष्ट्रपति की यह बोत्सवाना की पहली राजकीय यात्रा है। अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति मुर्मू अपने समकक्ष राष्ट्रपति बोको के साथ प्रतिनिधिमंडल-स्तरीय वार्ता करेंगी। दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, कृषि और रक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिये कई समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान संभावित है। बुधवार को वह बोत्सवाना की राष्ट्रीय सभा के सांसदों को भी संबोधित करेंगी। इस यात्रा का एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम आठ चीतों को क्वारंटाइन सुविधा में छोड़े जाने का साक्षी बनना होगा।

यह घटना वन्यजीव संरक्षण पहल प्रोजेक्ट चीता के तहत बोत्सवाना द्वारा भारत को इन शिकारी जीवों के प्रतीकात्मक सुपुर्दगी को चिन्हित करेगी। ये चीते कालाहारी रेगिस्तान में स्थित घान्जी शहर से लाए गए हैं, जिन्हें गाबोरोने से 10 किलोमीटर दक्षिण में स्थित प्राकृतिक अभ्यारण्य में स्थानांतरित किया गया है। विदेश मंत्रालय (एमईए) के अनुसार, यह यात्रा बोत्सवाना के साथ भारत के पुराने और मैत्रीपूर्ण संबंधों को सुदृढ़ करने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। राष्ट्रपति मुर्मू बृहस्पतिवार को अपनी छह दिवसीय यात्रा समाप्त कर दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगी।