राहुल गांधी ने पुणे कोर्ट में अर्जी लगाकर जताई जान को खतरे की आशंका
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि कुछ भाजपा सांसदों ने उन्हें धमकी दी है कि 2022 में 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान विनायक दामोदर सावरकर के खिलाफ उनकी टिप्पणी के लिए उनका भी वही हश्र होगा जो उनकी दादी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का हुआ था। कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बुधवार को पुणे की एक अदालत को सूचित किया कि उनके हालिया राजनीतिक संघर्षों और उनके खिलाफ मानहानि के मामले में शिकायतकर्ता सत्यकी सावरकर के वंश को देखते हुए उन्हें जान का खतरा है। इसे भी पढ़ें: Bihar: 17 अगस्त से शुरू होगी राहुल गांधी की वोट अधिकार यात्रा, तीन चरणों में 30 जिलों को करेंगे कवरबार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने मानहानि के एक मामले की सुनवाई कर रही विशेष सांसद/विधायक अदालत से आग्रह किया कि वह उनकी सुरक्षा और मामले की निष्पक्षता को लेकर उनके द्वारा व्यक्त की गई गंभीर आशंकाओं का न्यायिक संज्ञान ले। नेता प्रतिपक्ष के खिलाफ सत्यकी सावरकर ने मानहानि का मुकदमा दायर किया था। सत्यकी सावरकर ने मार्च 2023 में लंदन में एक भाषण दिया था जिसमें उन्होंने सावरकर के लेखन में एक घटना का जिक्र किया था जिसमें सावरकर और अन्य लोगों ने कथित तौर पर एक मुस्लिम व्यक्ति पर हमला किया था और इसे "सुखद" पाया था। इसे भी पढ़ें: यंत्र से तंत्र तक, नए Question Paper के साथ सामने आए राहुल, क्या सच में आपका वोट चोरी हो रहा है?सत्यकी सावरकर ने सावरकर की प्रकाशित रचनाओं में इस तरह के विवरण के अस्तित्व पर विवाद किया और अदालत का रुख करते हुए तर्क दिया कि ये टिप्पणियाँ झूठी, भ्रामक और मानहानिकारक थीं। उन्होंने गांधी को आईपीसी की धारा 500 के तहत दोषी ठहराए जाने और सीआरपीसी की धारा 357 के तहत मुआवजे की मांग की है। अदालत इस मामले की अगली सुनवाई 10 सितंबर को करेगी।

राहुल गांधी ने पुणे कोर्ट में अर्जी लगाकर जताई जान को खतरे की आशंका
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कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने हाल ही में पुणे स्थित एक अदालत में अर्जी दाखिल की है, जिसमें उन्होंने अपने जीवन को खतरे में बताने के साथ-साथ गंभीर आरोप भी लगाए हैं। इस मामले की शुरुआत तब हुई जब उन्होंने भाजपा के कुछ सांसदों द्वारा उन्हें मिली धमकियों का उल्लेख किया। इन धमकियों में कहा गया कि 2022 में 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान उनके द्वारा विनायक दामोदर सावरकर के बारे में किए गए बयान के लिए उन्हें भी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तरह नतीजों का सामना करना पड़ेगा। इस मामले ने राजनीतिक हलचल को बढ़ा दिया है।
क्या है मामला?
राहुल गांधी ने अदालत में स्पष्ट किया कि उन्हें ये धमकियां 2022 में मिली थीं, जब उन्होंने विनायक सावरकर पर टिप्पणियां की थीं। यह टिप्पणी उनकी दादी इंदिरा गांधी की हत्या का संदर्भ लेकर आई थी, जिसके चलते उन्हें अपनी जान को खतरा महसूस हो रहा है। उनकी यह अर्जी पुणे की विशेष सांसद/विधायक अदालत में दायर की गई थी, जिसे सुनने का अधिकार अदालत ने स्वीकार किया है।
जान का खतरा और सुरक्षा का आग्रह
राहुल गांधी ने अदालत में यह भी उल्लेख किया कि उनके हाल के राजनीतिक संघर्ष और उनके खिलाफ चल रहे मानहानि के मामलों को देखते हुए, उन्हें सुरक्षा की आवश्यकता महसूस हो रही है। उन्होंने अदालत से यह आग्रह किया कि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और न्यायिक प्रक्रिया में उनकी सुरक्षा को लेकर न्याय का संज्ञान लिया जाए।
सत्यकी सावरकर के आरोप
सत्यकी सावरकर, जो सावरकर के वंशज हैं, ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया है। उन्होंने मार्च 2023 में लंदन में एक भाषण देते हुए सावरकर के लेखन से जुड़ी एक घटना का जिक्र किया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि सावरकर ने एक मुस्लिम व्यक्ति पर हमले का समर्थन किया था। इसका जवाब राहुल गांधी ने दिया था, जिस पर सत्यकी ने अदालती कार्रवाई की।
मानहानि का मामला और सुनवाई की तिथियां
सत्यकी सावरकर ने राहुल गांधी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 500 के तहत मानहानि का मामला दर्ज कराया है। इस पर अगली सुनवाई 10 सितंबर को होने वाली है, जहां यह स्पष्ट होगा कि आरोप कितना प्रभावी होगा।
राहुल गांधी की सुरक्षा को लेकर चिंताएं
राहुल गांधी का यह मामला वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में चिंता का विषय बन गया है। राजनीतिक बयानबाजियों और व्यक्तिगत चोटों के बीच झगड़ा लेकर यह मामला एक गंभीर मोड़ ले सकता है। अगर राजनीतिक नेताओं को इस तरह की धमकियों का सामना करना पड़ता है, तो यह निश्चित रूप से लोकतंत्र के लिए चिंताजनक है।
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Team The Odd Naari, साक्षी शर्मा