रूसी सेना में 27 भारतीय नागरिक बने हुए, सरकार की रिहाई की कोशिशें तेज़
विदेश मंत्रालय (MEA) ने पुष्टि की कि 27 भारतीय नागरिक वर्तमान में रूसी सेना में सेवारत हैं। विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमारी जानकारी के अनुसार, 27 भारतीय नागरिक वर्तमान में रूसी सेना में सेवारत हैं। हम इस मामले में उनके परिवारों के साथ निरंतर संपर्क में हैं। हमने अपने नागरिकों की रिहाई के लिए इस मुद्दे को पुरज़ोर तरीके से उठाया है। हम एक बार फिर सभी भारतीय नागरिकों से रूसी सेना में सेवा देने के प्रस्तावों से दूर रहने का आग्रह करते हैं, क्योंकि ये ख़तरे और जान के लिए जोखिम से भरे हैं। दो हफ़्ते पहले, मंत्रालय ने भारतीय पुरुषों को रूसी सेना में भर्ती होने के लिए बहकाए जाने और रूस-यूक्रेन संघर्ष के अग्रिम मोर्चे पर भेजे जाने की खबरों के बाद अपनी चेतावनी दोहराई थी। इसे भी पढ़ें: ट्रंप के H-1B वीजा पर भारत सरकार की प्रतिक्रिया, जानें क्या कहाजायसवाल ने कहा कि हमने हाल ही में रूसी सेना में भारतीय नागरिकों की भर्ती की खबरें देखी हैं।" उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने इस तरह की भर्ती के खतरों को बार-बार उजागर किया है। इस साल की शुरुआत में, विदेश मंत्रालय ने संसद को बताया था कि 127 भारतीय रूसी सशस्त्र बलों में शामिल हो गए हैं। इनमें से 98 को नई दिल्ली और मॉस्को के बीच निरंतर बातचीत और उच्चतम स्तर पर चर्चा के बाद सेवामुक्त कर दिया गया। उस समय, 13 भारतीय सेवा में थे, जिनमें से 12 लापता बताए गए थे। भारत स्थित रूसी दूतावास ने पिछले साल कहा था कि वह अब अपनी सेना में भारतीय नागरिकों की भर्ती नहीं कर रहा है। यह बयान जुलाई 2024 में मॉस्को में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई बातचीत के बाद आया था। दूतावास ने यह भी कहा कि वह यूक्रेन में पहले से तैनात भारतीयों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए भारतीय अधिकारियों के साथ "निकट समन्वय" में काम कर रहा है।

रूसी सेना में 27 भारतीय नागरिक बने हुए, सरकार की रिहाई की कोशिशें तेज़
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कम शब्दों में कहें तो, भारत सरकार ने पुष्टि की है कि अभी भी 27 भारतीय नागरिक रूसी सेना में सक्रिय हैं। विदेश मंत्रालय लगातार उनके परिवारों के संपर्क में है और उनकी रिहाई के लिए प्रयासरत है।
विदेश मंत्रालय (MEA) ने हाल ही में एक बयान जारी कर बताया कि वर्तमान में 27 भारतीय नागरिक रूस की सेना में सेवारत हैं। इस मामले की पुष्टि विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने की। उन्होंने कहा, “हमारे पास इस मुद्दे पर अपडेट्स हैं और हम उन सभी परिवारों के संपर्क में हैं।”
रिहाई की प्रक्रिया और चेतावनियाँ
जायसवाल ने बताया कि भारतीय सेना में भर्ती होने के प्रस्तावों से सभी नागरिकों को दूर रहने की सलाह दी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले दो हफ़्तों में ऐसे मामले सामने आए हैं जहां भारतीय नागरिकों को रूसी सेना में कार्यरत होने के लिए बहकाया गया है। यह जानकारी विशेष रूप से रूस-यूक्रेन संघर्ष के संदर्भ में महत्वपूर्ण है, जिसमें ये नागरिक जोखिम भरे हालात में पहुँच सकते हैं।
इस साल की शुरुआत में, विदेश मंत्रालय ने संसद को बताया था कि कुल 127 भारतीय नागरिक रूस की सशस्त्र बलों में शामिल हो गए थे। उनमें से 98 को नई दिल्ली और मॉस्को के बीच हुई बातचीत के बाद रिहा किया गया। इस समय, 13 भारतीय सेवा में थे, जिनमें से 12 लापता बताए गए हैं।
भारत में स्थित रूसी दूतावास का बयान
भारत में स्थित रूसी दूतावास ने पिछले साल बताया था कि उनकी सेना में भारतीय नागरिकों की भर्ती बंद कर दी गई है। यह महत्वपूर्ण बयान उस समय दिया गया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच उच्चस्तरीय वार्ता हुई थी। दूतावास ने यह भी कहा कि वह यूक्रेन में पहले से तैनात भारतीयों की रिहाई के लिए भारतीय अधिकारियों के साथ समन्वय में काम कर रहा है।
इस मुद्दे पर आगे की जानकारी
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समाज के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम इन मुद्दों को गंभीरता से लें और अपनी सरकार की चेतावनियों को ध्यान में रखें। रूस-यूक्रेन संघर्ष ने न केवल वैश्विक राजनीति पर असर डाला है, बल्कि भारतीय नागरिकों के लिए भी कई जोखिम पैदा किए हैं। सरकारी प्रयासों के साथ-साथ नागरिकों की जागरूकता इससे आगे बढ़ सकती है।
जिस प्रकार से सरकार प्रयासरत है, हम आशा करते हैं कि सभी नागरिक सुरक्षित रूप से वापसी कर सकें।
Team The Odd Naari