राहुल गांधी के सवालों का PM मोदी ने दिया सख्त उत्तर, दुनिया ने 'ऑपरेशन सिंदूर' रोकने को नहीं कहा
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में यह स्पष्ट किया कि दुनिया के किसी भी नेता ने भारत से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ रोकने के लिए नहीं कहा। उन्होंने लोकसभा में, ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए यह भी कहा कि भारत ने ‘‘पाकिस्तान की नाभि पर’’ वार किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर करारा प्रहार किया और कहा कि इस अभियान के दौरान पूरी दुनिया का समर्थन मिला, लेकिन जवानों के पराक्रम को मुख्य विपक्षी दल का समर्थन नहीं मिला। उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया के किसी भी नेता ने हमें ऑपरेशन (सिंदूर) रोकने के लिए नहीं कहा।’’ उन्होंने यह टिप्पणी ऐसे समय की है जब विपक्ष संघर्ष विराम के बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता संबंधी दावे पर जवाब की मांग कर रहा। इसे भी पढ़ें: खून और पानी साथ-साथ नहीं बह सकते..., PM Modi बोले- भारत ने वह पुरानी गलती सुधारी, आतंकवाद पर लगाया लगाम प्रधानमंत्री ने कहा कि 22 अप्रैल के बाद मैंने सार्वजनिक रूप से कहा था कि यह हमारा संकल्प है कि हम आतंकियों को मिट्टी में मिला देंगे। सजा उनके आकाओं को भी मिलेगी...और ऐसी सजा मिलेगी जो कल्पना से भी बड़ी होगी। उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को मैं विदेश में था। वहां से लौटने के तुरंत बाद मैंने एक बैठक बुलाई। उस बैठक में मैंने स्पष्ट निर्देश दिए कि आतंकवाद को करारा जवाब देना होगा, और यह हमारा राष्ट्रीय संकल्प है। मोदी ने कहा, ‘‘सेना को कार्रवाई की खुली छूट दी गई। हमें गर्व है, आतंकियों को वो सजा दी कि आज भी आतंक के उन आकाओं की नींद उड़ी हुई है।’’ इसे भी पढ़ें: अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने फोन मिलाया, 1 घंटे का इंतजार कराया, PAK का नाम लेकर बड़े हमले के बारे में बताया, मोदी का गोली का जवाब गोले से मिलेगा वाला रिप्लाई आया उन्होंने कहा कि भारत ने सिद्ध कर दिया है कि ‘न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग’ अब नहीं चलेगी, और न ही इसके सामने झुकेगा। उन्होंने कहा, ‘‘22 अप्रैल को पहलगाम में जिस प्रकार की क्रूर घटना हुई, जिस तरह आतंकवादियों ने निर्दोष लोगों से धर्म पूछकर गोलियां चलाईं, यह क्रूरता की पराकाष्ठा थी। यह भारत को हिंसा की आग में झोंकने का एक सुविचारित प्रयास था, भारत में दंगे फैलाने की साजिश थी। मैं आज देशवासियों का धन्यवाद करता हूं कि देश ने एकता के साथ उस साजिश को नाकाम कर दिया।

राहुल गांधी के सवालों का PM मोदी ने दिया सख्त उत्तर, दुनिया ने 'ऑपरेशन सिंदूर' रोकने को नहीं कहा
कम शब्दों में कहें तो, PM मोदी ने संसद में स्पष्ट किया कि सभी नेताओं ने भारत से 'ऑपरेशन सिंदूर' रोकने की मांग नहीं की। पूरी दुनिया ने हमारे सैन्य अभियानों का समर्थन किया है। Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - The Odd Naari
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि दुनिया के किसी भी नेता ने भारत से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को रोकने के लिए नहीं कहा है। उन्होंने इस संदर्भ में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर विशेष चर्चा के दौरान कहा कि भारत ने "पाकिस्तान की नाभि पर" वार किया है।
प्रधानमंत्री का कांग्रेस पर तीखा हमला
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर भी कड़ा प्रहार किया और कहा कि इस अभियान के दौरान भारत को सम्पूर्ण विश्व का समर्थन प्राप्त हुआ है, लेकिन मुख्य विपक्षी दल ने हमारे जवानों के पराक्रम को समर्थन नहीं दिया। उन्होंने यह भी कहा, "दुनिया के किसी भी नेता ने हमें ऑपरेशन (सिंदूर) रोकने के लिए नहीं कहा।"
यह टिप्पणी ऐसे समय पर आई है जब विपक्ष संघर्ष विराम के संदर्भ में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा की गई मध्यस्थता पर सवाल उठा रहा है। यह स्पष्टता कुछ हद तक महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें प्रतिक्रिया और जवाबदेही की आवश्यकता होती है।
आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाने का संकल्प
प्रधानमंत्री ने आगे अपने विचार साझा करते हुए कहा कि 22 अप्रैल के बाद उन्होंने स्पष्टता से कहा था कि उनका संकल्प है कि आतंकियों को मिट्टी में मिला दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनके आकाओं को भी सजा मिलेगी, जो कि आश्चर्यजनक रूप से बड़ी होगी। उन्होंने बताया कि इस दिन वह विदेश में थे और भारत लौटने के तुरंत बाद एक बैठक बुलाई, जिसमें उन्होंने आतंकवाद को ठोस जवाब देने के निर्देश दिए।
मोदी ने कहा, "सेना को कार्रवाई की खुली छूट दी गई हैं। हमें गर्व है कि आतंकियों को ऐसी सजा दी गई है कि आज भी आतंक के उन आकाओं की नींद उड़ी हुई है।"
डॉक्ट्रिन और न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग का अंत
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि भारत ने यह सिद्ध कर दिया है कि अब 'न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग' नहीं चलेगी और न ही इसके सामने झुकना होगा। उन्होंने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुई उस क्रूरतापूर्ण घटना का भी जिक्र किया, जब आतंकवादियों ने निर्दोष लोगों से धर्म पूछकर गोलियां चलाईं। यह एक सुविचारित प्रयास थी, जिसमें भारत को हिंसा की आग में झोंकने की दिशा में काम किया गया।
मोदी ने कहा कि मैं देशवासियों का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने उस साजिश को मिलकर नाकाम किया।
सियासी चर्चा और भविष्य की योजनाएँ
इस बयान के बाद, राजनीतिक दलों के बीच सियासी बहस तेज हो गई है। राहुल गांधी और उनके समर्थक पहले ही ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल उठाते रहे हैं और मोदी सरकार की नीतियों पर चिंता व्यक्त की थी। वे चाहते हैं कि सरकार इस मुद्दे पर अधिक स्पष्टता प्रदान करे।
इस घटनाक्रम से भारत की सुरक्षा नीति और आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई पर सवाल उठेंगे। क्या मोदी सरकार अपनी कड़ी नीतियों को लागू रखते हुए आगे बढ़ेगी, या विपक्ष की चिंताओं का ध्यान रखते हुए नया मार्ग अपनाएगी? यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है जो समय के साथ सामने आएगा।
भविष्य में राजनीतिक गतिविधियाँ और भी तेज हो सकती हैं, और यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार किस प्रकार से अपनी कार्रवाई को आगे बढ़ाती है। PM मोदी का यह स्पष्ट उत्तर ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में एक नई सोच को प्रस्तुत करता है और यह दर्शाता है कि सरकार आतंकवाद के खिलाफ कठोर कदम उठाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
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