राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति को ठगी का प्रयास, साइबर पुलिस ने दर्ज की FIR

राज्यसभा सांसद और सामाजिक कार्यकर्ता सुधा मूर्ति हाल ही में एक धोखाधड़ी वाली कॉल का शिकार हुईं, जिसमें उनसे संवेदनशील निजी जानकारी हासिल करने की कोशिश की गई। 20 सितंबर को बेंगलुरु साइबर पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत में, मूर्ति ने 5 सितंबर की सुबह हुई इस घटना का विवरण साझा किया। उनके बयान के अनुसार, उन्हें एक नंबर से कॉल आया, जिसे ट्रूकॉलर ऐप पर चेक करने पर दूरसंचार विभाग का नंबर लगा। कॉल करने वाली महिला ने खुद को दूरसंचार मंत्रालय की कर्मचारी बताया। महिला ने कहा कि मूर्ति का मोबाइल नंबर जनवरी 2020 में उसके आधार से लिंक किए बिना ही रजिस्टर कर लिया गया था। उसने मूर्ति पर उस नंबर का इस्तेमाल अश्लील वीडियो देखने या वितरित करने का आरोप लगाया और चेतावनी दी कि उसी दिन दोपहर 12 बजे तक उसकी मोबाइल सेवाएँ बंद कर दी जाएँगी। इसे भी पढ़ें: Indian Armed Forces ने बनाई भविष्य की रणनीति, संयुक्त स्टेशन स्थापित करेंगी तीनों सेनाएं, Tri-Services Education Corps बनाने का भी ऐलानइसके बाद, कॉल करने वाले ने मूर्ति से संवेदनशील व्यक्तिगत जानकारी हासिल करने की कोशिश की। जब मूर्ति ने ऐसा करने से इनकार कर दिया, तो कॉल करने वाले ने गाली-गलौज की और धमकियाँ दीं। इस बीच, बेंगलुरु में साइबर अपराध पुलिस में इस मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। सुधा मूर्ति ने धोखाधड़ी से व्यक्तिगत जानकारी हासिल करने की कोशिश करने और धमकी भरे शब्दों का इस्तेमाल करने के आरोप में कॉल करने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। सुधा मूर्ति एक भारतीय लेखिका, सामाजिक कार्यकर्ता और परोपकारी हैं, जिन्हें शिक्षा और ग्रामीण विकास में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है। 1950 में जन्मी, वह इंफोसिस टेक्नोलॉजीज की परोपकारी शाखा, इंफोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष हैं।इसे भी पढ़ें: Bihar: साइबर अपराध पर नकेल कसने को जल्द तैयार होगा विशेष सेंटरसुधा मूर्ति ने अंग्रेजी और कन्नड़ में उपन्यास, यात्रा वृत्तांत और बाल साहित्य सहित कई किताबें लिखी हैं और अपनी सरल लेकिन प्रभावशाली कहानी कहने की कला के लिए व्यापक प्रशंसा अर्जित की है। विभिन्न सामाजिक पहलों, विशेष रूप से स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के माध्यम से वंचित समुदायों को सशक्त बनाने के प्रति उनके समर्पण के लिए उन्हें सराहा जाता है। उनके काम और विनम्रता ने उन्हें भारत और विदेशों में एक सम्मानित व्यक्ति बना दिया है।

राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति को ठगी का प्रयास, साइबर पुलिस ने दर्ज की FIR
राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति को ठगी का प्रयास, साइबर पुलिस ने दर्ज की FIR

राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति को ठगी का प्रयास, साइबर पुलिस ने दर्ज की FIR

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कम शब्दों में कहें तो, राज्यसभा सांसद और सामाजिक कार्यकर्ता सुधा मूर्ति को हाल ही में एक धोखाधड़ी कॉल का शिकार होना पड़ा, जिसमें उनकी संवेदनशील जानकारी हासिल करने का प्रयास किया गया। मामले की विस्तृत जानकारी 20 सितंबर को बेंगलुरु साइबर पुलिस में दर्ज कराई गई।

धोखाधड़ी कॉल का विवरण

बेंगलुरु में एक नई घटना ने सभी को चौंका दिया जब सुधा मूर्ति को एक कॉल आई, जिसमें एक महिला ने खुद को दूरसंचार मंत्रालय के अधिकारी के रूप में प्रस्तुत किया। कॉल करने वाली ने दावा किया कि मूर्ति का मोबाइल नंबर बिना उनके आधार कार्ड से लिंक किए जनवरी 2020 में रजिस्टर हो गया था। इसके बाद, उसने मूर्ति पर आरोप लगाया कि इस नंबर का उपयोग अश्लील वीडियो देखने और साझा करने में किया गया है।

खतरनाक चेतावनी और धमकी

इस कॉल के दौरान, महिला ने चेतावनी दी कि अगर सुधा मूर्ति ने अपने व्यक्तिगत जानकारी नहीं दी तो उनके मोबाइल सेवाएँ उस दिन दोपहर 12 बजे तक बंद कर दी जाएंगी। जब मूर्ति ने अपनी जानकारी देने से इनकार कर दिया, तो कॉल करने वाली ने गाली-गलौज और धमकियाँ देना शुरू कर दिया। यह मामला केवल एक धोखा नहीं था, बल्कि यह संगठन द्वारा चलाए जा रहे एक साइबर अपराध का हिस्सा लग रहा है।

बेंगलुरु साइबर पुलिस की कार्रवाई

सुधा मूर्ति ने 5 सितंबर को हुई इस घटना की शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद बेंगलुरु पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की। उन्होंने कानूनी कार्रवाई की मांग की है और इस मामले में अपराधियों की पहचान के लिए जांच जारी है। ऐसे मामलों में आम जनता को सावधान रहना चाहिए, विशेष रूप से जब उन्हें सरकारी अधिकारियों से कॉल आती है।

सुधा मूर्ति की पहचान

सुधा मूर्ती न केवल एक विवादित राजनेता हैं, बल्कि एक प्रसिद्ध लेखिका और परोपकारी भी हैं। उन्होंने शिक्षा और ग्रामीण विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी लेखनी और समाज के प्रति समर्पण ने उन्हें महान पहचान दिलाई है। 1950 में जन्मी, वह इंफोसिस टेक्नोलॉजीज़ की परोपकारी शाखा, इंफोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष भी हैं।

साइबर अपराधों के खिलाफ सख्त कदम

यह घटना इस बात का संकेत है कि हमें अपनी व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा को लेकर अधिक सतर्क रहना चाहिए। हाल के समय में साइबर अपराध बढ़ते जा रहे हैं, और ऐसे मामलों में सख्त कानून बनाने की आवश्यकता है। बेंगलुरु में साइबर अपराध के खिलाफ विशेष सेंटर जल्द ही कार्य करने वाला है, जिससे इन अपराधों पर नकेल कसी जा सकेगी।

निष्कर्ष

सुधा मूर्ति का यह मामला केवल एक अकेला उदाहरण नहीं है। हमारे समाज में बढ़ते साइबर अपराधों के प्रति जागरूकता और सुरक्षा के उपाय अपनाना आवश्यक है। ऐसे संगठनों की गतिविधियों पर नजर रखना और जन सामान्य को जानकारी देना जरूरी है ताकि ऐसे ठगे जाने के मामलों से बचा जा सके।

सुधा मूर्ति जैसी जानेमाने व्यक्तित्वों को भी ऐसी कॉल का सामना करना पड़ता है, जो कि हमारे समाज में एक गंभीर समस्या है। आइए हम सभी मिलकर इस पर ध्यान दें और अपनी जानकारी की सुरक्षा सुनिश्चित करें।

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सादर,
टीम द ओड नारी (ऋतु चोपड़ा)