मुक्त व्यापार के लिए अमेरिका के प्रतिबद्ध होने तक कनाडा शुल्क जारी रखेगा: कार्नी

कनाडा के अगले प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार तब तक शुल्क जारी रखेगी जब तक अमेरिका सम्मान नहीं दिखाता और मुक्त व्यापार के लिए प्रतिबद्ध नहीं होता। कार्नी की टिप्पणी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस कदम के बाद आई है, जिसमें ट्रंप ने कनाडा के लिए शुल्क बढ़ाने का ऐलान किया है। डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा के लिए इस्पात और एल्युमीनियम उत्पादों पर लगाए जाने वाले सीमा शुल्क को 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने की मंगलवार को घोषणा की। इससे दोनों पड़ोसी देशों के बीच व्यापार युद्ध गहराने के आसार बनते दिख रहे हैं। ट्रंप ने कहा कि शुल्क वृद्धि का यह फैसला बुधवार से लागू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि शुल्क में वृद्धि कनाडा के ओंटारियो प्रांत की सरकार के अमेरिका को बेची जाने वाली बिजली की कीमतें बढ़ाने की प्रतिक्रिया है। आने वाले दिनों में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के स्थान पर शपथ लेने वाले कार्नी ने कहा कि ट्रंप के नवीनतम शुल्क कनाडाई श्रमिकों, परिवारों और व्यवसायों पर हमला हैं। कार्नी ने कहा, ‘‘मेरी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि हमारी प्रतिक्रिया का अमेरिका में अधिकतम प्रभाव हो और यहां कनाडा में न्यूनतम प्रभाव हो, साथ ही प्रभावित श्रमिकों का समर्थन किया जाएगा।

मुक्त व्यापार के लिए अमेरिका के प्रतिबद्ध होने तक कनाडा शुल्क जारी रखेगा: कार्नी
मुक्त व्यापार के लिए अमेरिका के प्रतिबद्ध होने तक कनाडा शुल्क जारी रखेगा: कार्नी

मुक्त व्यापार के लिए अमेरिका के प्रतिबद्ध होने तक कनाडा शुल्क जारी रखेगा: कार्नी

The Odd Naari द्वारा लेखन: प्रिया शर्मा, टीम नेटानागरी

परिचय

कनाडा के केंद्रीय बैंक के पूर्व गवर्नर, मार्क कार्नी ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान देते हुए कहा कि अमेरिका द्वारा मुक्त व्यापार के लिए प्रतिबद्ध होने तक कनाडा अपने शुल्क जारी रखेगा। यह विचार वास्तव में अमेरिका-कनाडा व्यापार युद्ध की पृष्ठभूमि में आया है, जिसमें दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को लेकर चिंताएँ बढ़ गई थीं।

कार्ने का बयान

मार्क कार्नी ने स्पष्ट किया कि कनाडा अपने घरेलू उद्योगों की रक्षा करने के लिए बाध्य है, और जब तक अमेरिका मुक्त व्यापार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता नहीं दर्शाता, तब तक शुल्क समाप्त नहीं होंगे। इस बयान का मकसद कनाडाई व्यापारियों और उद्योगपतियों को यह आश्वासन देना है कि उनका देश किसी भी स्थिति में अपने आर्थिक हितों की रक्षा करेगा।

राष्ट्रों के बीच व्यापार संबंध

कनाडा और अमेरिका के बीच का व्यापारिक संबंध विश्व में सबसे बड़ा द्विपक्षीय व्यापार समझौता है। दोनों देशों के बीच लाखों नौकरियाँ इस संबंध पर निर्भर करती हैं। कार्नी ने कहा कि यदि अमेरिका अपनी अंतरराष्ट्रीय व्यापार नीति में बदलाव करता है, तो कनाडा भी इस पर विचार कर सकता है।

विकास और संयोजन

अमेरिका और कनाडा के बीच तनाव ने कई क्षेत्रों को प्रभावित किया है, जैसे कृषि, निर्माण और टेक्नोलॉजी। कनाडा ने विशेष रूप से उन उत्पादों पर शुल्क बढ़ाए हैं, जिन्हें वे अपने स्थानीय उद्योग की सुरक्षा के लिए जरूरी मानते हैं। माइक्रोसॉफ्ट और एप्पल जैसे टेक कंपनियों ने भी इन बदलावों को लेकर चिंता व्यक्त की है, क्योंकि इससे उनकी बिक्री प्रभावित हो सकती है।

कनाडा का दृष्टिकोण

कनाडा की सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह अपने उद्योगों को समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है। व्यापार पर लगे शुल्क, एक तरह से अमेरिका को यह संदेश देती है कि कनाडा किसी परिस्थिति में समझौते के लिए झुकने वाला नहीं है। इससे देश की अर्थव्यवस्था को एक ठोस ढांचे में बनाए रखने में मदद मिलती है।

निष्कर्ष

इस तरह, मार्क कार्नी का बयान कनाडा के व्यापारिक दृष्टिकोण को स्पष्ट करता है। जब तक अमेरिका मुक्त व्यापार के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध नहीं होता, तक तक कनाडा अपनी सुरक्षा नीति को बढ़ाते रहेगा। इसके चलते दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों में आगे क्या बदलाव होंगे, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।

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