मानसून में सड़कों और जल निकासी की तैयारी: सतपाल महाराज की अपील

The post ‘मानसून में सड़कें व जल निकासी ठीक करें’ appeared first on Avikal Uttarakhand. बाढ़ नियंत्रण कक्ष सक्रिय, दर्जनों चौकियां व संवेदनशील स्थल चिन्हित अविकल उत्तराखंड देहरादून। प्रदेश के लोक निर्माण एवं सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने मानसून सीजन को लेकर अधिकारियों को सतर्क… The post ‘मानसून में सड़कें व जल निकासी ठीक करें’ appeared first on Avikal Uttarakhand.

मानसून में सड़कों और जल निकासी की तैयारी: सतपाल महाराज की अपील
‘मानसून में सड़कें व जल निकासी ठीक करें’

मानसून में सड़कों और जल निकासी की तैयारी: सतपाल महाराज की अपील

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Written by Neha Sharma and Ritu Singh, signed off as Team The Odd Naari.

कम शब्दों में कहें तो

उत्तराखंड के लोक निर्माण एवं सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने मानसून के दौरान सड़कों और जल निकासी की स्थिति को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर जोर दिया है। इससे यातायात में समस्याएं कम होंगी और नागरिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सकेगा।

परिचय

मानसून का मौसम भारत में खासकर उत्तराखंड जैसे पहाड़ी इलाकों में बहुत महत्वपूर्ण होता है। भारी बारिश के कारण सड़कों में कीचड़ और जलभराव जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। इसी परिप्रीक्ष्य में, प्रदेश के लोक निर्माण एवं सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने संबंधित अधिकारियों को सजग रहने की सलाह दी है, ताकि यात्रा के दौरान किसी भी नागरिक को कठिनाइयों का सामना न करना पड़े।

सड़कें और जल निकासी प्रणाली

मंत्री सतपाल महाराज ने अपने बयानों में स्पष्ट किया है कि बारिश के दौरान सड़कों की सफाई और जल निकासी प्रणालियों की स्थिति प्राथमिकता में होनी चाहिए। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि जब यात्रियों को मौसम की संभावित कठिनाइयों के बारे में जानकारी मिलेगी, तो वे वैकल्पिक मार्गों का उपयोग कर सकेंगे।

वर्तमान में, अधिकारियों ने जानकारी दी है कि पिछले मानसून में 54 सड़कों में अवरोध उत्पन्न हुआ था, जिनमें से 19 अब तक खुल चुकी हैं। मानचित्रित स्थिति में, राज्य की 672 सड़कों में से अधिकांश खुल चुकी हैं और 361 वैकल्पिक मार्गों पर यातायात सुचारू रूप से चल रहा है। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि जलभराव की समस्याओं को सुलझाने के लिए उचित जल निकासी प्रबंधन किया जाए।

बाढ़ नियंत्रण की तैयारियां

उत्तराखंड में सिंचाई विभाग ने सभी जनपदों में बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं। देहरादून में केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष का संचालन सक्रिय है, जिससे बाढ़ संबंधित समस्याओं का त्वरित समाधान किया जा सकेगा। इसके अलावा, अधिकारियों के बीच 24x7 सूचना संचारण के लिए एक WhatsApp ग्रुप भी बनाया गया है, जो सामूहिक संवाद को सुगम बनाएगा।

समावेशी प्रयास और जागरूकता

उत्तराखंड में 747 स्थायी बाढ़ चौकियां और 304 संवेदनशील स्थलों की पहचान की गई है। राज्य की प्रमुख नदियों के जल स्तर की निरंतर निगरानी की जा रही है। यह व्यवस्था नागरिकों को समय पर सूचित करने में मदद करेगी, जिससे वे संभावित आपदाओं से पहले ही सुरक्षित रह सकें।

निष्कर्ष

उत्तराखंड में मानसून की तैयारियों पर यह ध्यान देने की आवश्यकता है कि अधिकारी और संबंधित विभाग सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नागरिक बिना किसी कठिनाई के यात्रा कर सकें, और उनकी सुरक्षा सर्वोत्तम प्राथमिकता पर हो।

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