बांग्लादेश सचिवालय और आसपास के इलाकों को किया गया सील, अब क्या नया खेल खेलने में लगे युनूस?
मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को विपक्षी दलों, सिविल सेवकों, शिक्षकों और सेना के साथ असंतोष के संकेतों के बीच तीव्र विरोध का सामना करना पड़ रहा है। वहीं ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (डीएमपी) ने राजधानी की सत्ता के केंद्र में सभी सार्वजनिक समारोहों, जुलूसों और रैलियों पर व्यापक प्रतिबंध लगा दिया है। द डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने सोमवार को मोहम्मद यूनुस के आधिकारिक निवास जमुना गेस्ट हाउस, बांग्लादेश सचिवालय और आसपास के इलाकों को अनिश्चित काल के लिए सील कर दिया।इसे भी पढ़ें: Bangladesh से रेडीमेड कपड़ों के आयात पर दिल्ली सरकार ने लगाता प्रतिबंध, ठप्प हुआ कारोबार, व्यापारी परेशानसुरक्षा बंदोबस्ती ढाका सचिवालय में सिविल सेवकों और अधिकारियों द्वारा यूनुस सरकार के अध्यादेश के खिलाफ हफ्तों से चल रहे लगातार विरोध प्रदर्शनों के बीच की गई है, जो बिना किसी उचित प्रक्रिया के 14 दिनों के भीतर कदाचार के लिए उन्हें बर्खास्त करने की अनुमति देता है। सिविल सेवकों ने इसे "अवैध काला कानून" करार दिया और इसे तत्काल निरस्त करने की मांग की। बीडी24न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, डीएमपी आयुक्त एसएम सजात अली के अनुसार, सेंट्रल ढाका इलाके में विरोध प्रदर्शन और रैलियों पर प्रतिबंध "सार्वजनिक व्यवस्था और मुख्य सलाहकार [मुहम्मद यूनुस] की सुरक्षा के हित में है। इसे भी पढ़ें: Bangladeshi घुसपैठियों को धक्के देकर भारत निकालने लगा तो विदेशी मीडिया रोना-धोना मचाने लगामध्य ढाका में विरोध प्रदर्शनों पर नवीनतम प्रतिबंध 10 मई को जारी किए गए इसी तरह के निर्देश के बाद लगाया गया है, जब अंतरिम सरकार ने प्रमुख सरकारी प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) और पुलिस की स्वाट इकाइयों सहित अर्धसैनिक बलों को तैनात किया था। फ़िलहाल, ईद ने विरोध प्रदर्शनों की तीव्रता में अस्थायी विराम लगा दिया है, लेकिन ढाका स्थित न्यूएजबीडी की रिपोर्ट के अनुसार, सिविल सेवकों ने चेतावनी दी है कि अगर 15 जून तक उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे और भी कड़ा आंदोलन करेंगे। 8 अगस्त, 2024 से सत्ता में काबिज यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार बढ़ती चुनौतियों और विरोधों से जूझ रही है। यूनुस ने व्यापक न्यायिक और संस्थागत सुधारों और अप्रैल 2026 के पहले सप्ताह तक स्वतंत्र चुनाव कराने का वादा किया है।

बांग्लादेश सचिवालय और आसपास के इलाकों को किया गया सील, अब क्या नया खेल खेलने में लगे युनूस?
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लेखक: सिमा शर्मा, पूजा गुप्ता, टीम दoddnaari
मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार, जो 8 अगस्त 2024 से सत्ता में हैं, अब एक नया संकट का सामना कर रही है। इस बीच, ढाका की मेट्रोपॉलिटन पुलिस (डीएमपी) ने बांग्लादेश सचिवालय और उसके आसपास के इलाकों को अनिश्चितकाल के लिए सील कर दिया है। यह निर्णय विपक्षी दलों, सिविल सेवकों और सेना में असंतोष के संकेतों के बीच लिया गया है।
विरोध प्रदर्शनों का बढ़ता दबाव
खबरों के अनुसार, हाल के दिनों में यूनुस सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं। सिविल सेवकों और अधिकारियों ने बिना उचित प्रक्रिया के 14 दिनों के भीतर कदाचार के लिए बर्खास्तगी का अधिकार दिए जाने वाले अध्यादेश को "अवैध काला कानून" करार दिया है। उन्होंने इस अध्यादेश को तुरंत निरस्त करने की मांग की है।
डीएमपी आयुक्त, एसएम सजात अली ने बताया कि सेंट्रल ढाका में जनता की सुरक्षा के हित में विरोध प्रदर्शन और रैलियों पर प्रतिबंध लगाया गया है। इससे पहले भी, 10 मई को इसी तरह के निर्देश के बाद प्रमुख सरकारी प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया था।
उदारीकरण से असंतोष की ओर
यूनुस ने चुनावी सुधारों और सरकारी कार्रवाई के संबंध में जनता से वादा किया था। लेकिन अब इन वादों पर सवाल उठ रहे हैं। शिक्षकों और सेना के अधिकारियों का भी असंतोष सामने आया है, जो इस सरकार के खिलाफ गहरी नाराजगी को दर्शाता है।
इस बीच, माना जा रहा है कि ईद समारोहों ने विरोध प्रदर्शनों की तीव्रता में अस्थायी विराम दिया है, लेकिन सिविल सेवकों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें 15 जून तक नहीं मानी गईं, तो वे और अधिक कठोर आंदोलन करने की योजना बना रहे हैं।
क्या नए खेल में जुटे हैं यूनुस?
यूजर्स के मन में यह सवाल उठ रहा है, "युनूस अब क्या नया खेल खेलने की योजना बना रहे हैं?" उनके द्वारा किए गए वादे और जमीनी हकीकत के बीच जो बड़ा अंतर है, वह इस असंतोष का मुख्य कारण है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यूनुस को अब अपनी राजनीतिक समझदारी दिखानी होगी और शीघ्रता से कदम उठाने होंगे।
निष्कर्ष
बांग्लादेश अधिकार और न्याय के लिए लड़ाई जारी है। नई सरकार को सिविल सेवकों और आम जनता के बीच बनी असंतोष की स्थिति को हल करने के लिए यथाशीघ्र कदम उठाने की आवश्यकता है। क्या यूनुस अपनी योजनाओं में सफल हो पाएंगे या फिर यह पूरे राजनीतिक ढांचे को हिला देगा, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।