‘नॉरवर्ग विला’: रिश्तों के जटिल ताने-बाने
नाट्य समीक्षा। सत्यदेव त्रिपाठी। प्रियवर योगेश त्रिपाठी लिखित एवं रानावि के स्नातक मुकुल नाग के निर्देशन में ‘पंख’ नाट्य समूह द्वारा आराम नगर (वरसोवा) स्थित ‘बेदा फ़ैक्टरी’ चौबारा में प्रस्तुत हुआ नाटक ‘नॉरवर्ग विला’ देखने का अवसर बना। योगेशजी ‘मंजे हुए नाटककार हैं। इधर डेढ़ दशकों से उनके नाटकों को पढ़ते-देखते हुए जो सामाजिक सरोकारों […] The post ‘नॉरवर्ग विला’ : रिश्तों के रहस्यमय वितान first appeared on Apka Akhbar.

‘नॉरवर्ग विला’: रिश्तों के जटिल ताने-बाने
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कम शब्दों में कहें तो, नाटक ‘नॉरवर्ग विला’ वास्तव में रिश्तों की जटिलताओं और सामाजिक सरोकारों की गहराई को उजागर करता है। प्रियवर योगेश त्रिपाठी द्वारा लिखित और रानावि के स्नातक मुकुल नाग के निर्देशन में ‘पंख’ नाट्य समूह ने इस अद्वितीय अनुभव को प्रस्तुत किया। यह नाटक हाल ही में आराम नगर (वरसोवा) में स्थित ‘बेदा फ़ैक्टरी’ चौबारा में दिखाया गया।
नाटक की पृष्ठभूमि
‘नॉरवर्ग विला’ एक ऐसा नाटक है जो रिश्तों की गहराइयों को टटोलता है। इस नाटक की कहानी एक ऐसे घर में घटित होती है जहाँ पर उस परिवार के सदस्यों और बाहर के कुछ लोगों के बीच रिश्तों में खटास आती है। नाटक में एक परिवार की संवेदनाओं, संघर्षों और आपसी सामंजस्य की तलाश के दृष्य प्रस्तुत किए गए हैं, जहाँ प्रेम और द्वेष के बीच की कागती रेखा को भेदना एक चुनौती बनता है।
लेखक और निर्देशक की रचना क्षमता
प्रियवर योगेश त्रिपाठी, एक प्रतिष्ठित नाटककार हैं जिन्होंने पिछले डेढ़ दशकों में समाज के विभिन्न मुद्दों पर आधारित नाटकों को लिखा है। उनके लेखन में गहराई और आम जन के अनुभवों को समेटा गया है। उनका नवीनतम नाटक ‘नॉरवर्ग विला’ भी इससे अलग नहीं है, जो दर्शकों को सोचने पर मजबूर करता है कि रिश्तों की जटिलताएँ किस प्रकार हमारे जीवन को प्रभावित करती हैं।
प्रदर्शन का अनुभव
नाटक का निर्देशन मुकुल नाग ने किया है, जिन्होंने इसे गतिशील और सजीव रखा है। उनकी कलात्मक दृष्टि ने नाटक के प्रत्येक दृश्य को जीवंतता प्रदान की है। ‘पंख’ नाट्य समूह द्वारा प्रस्तुत किया गया यह नाटक देखने में बेहद आकर्षक और विचारणीय है। यहाँ खेलते सभी कलाकारों ने अपने किरदारों को इतनी खूबी से निभाया है कि दर्शकों को हर एक पल में उनके साथ जुड़ने का अनुभव होता है।
सामाजिक सरोकारों का चित्रण
योगेश त्रिपाठी के नाटकों में सामाजिक सरोकारों को उजागर करने की एक अनोखी खासियत है। ‘नॉरवर्ग विला’ में भी उन्होंने ऐसे पहलुओं को छुआ है जो आज के दौर में बहुत प्रासंगिक हैं। यह नाटक न केवल रिश्तों की जटिलताओं को समझाता है बल्कि यह भी दर्शाता है कि किस प्रकार समाज का विकास इन रिश्तों पर निर्भर करता है।
संक्षेप में
‘नॉरवर्ग विला’ एक महत्वपूर्ण नाटक है जो दर्शकों को एक नई दृष्टि से रिश्तों को देखने के लिए प्रेरित करता है। यह नाटक न केवल मनोरंजन करता है, बल्कि यह सोचने पर मजबूर करता है कि हमारे आस-पास के रिश्ते कितने जटिल होते हैं।
अंत में, अगर आप इस नाटक को देखना चाहते हैं तो इसकी प्रस्तुति को मौका न चूकें। यह नाटक निश्चित रूप से आपके हृदय को छूने वाला अनुभव है।
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टीम द ऑड नारी - साक्षी वर्मा