भारत का 'अनंत शस्त्र': पाक-चीन के सपनों को चूर करने वाला एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम

भारतीय सेना ने अपनी हवाई सुरक्षा को मज़बूत करने के लिए एक निर्णायक कदम उठाया है। इसकी वायु रक्षा शाखा ने अनंतशस्त्र नामक त्वरित प्रतिक्रिया सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (QRSAM) प्रणाली को सेना में शामिल करने के लिए प्रस्ताव हेतु अनुरोध (RFP) जारी किया है। यह प्रणाली सिर्फ़ एक मिसाइल प्रणाली का आगमन नहीं है; यह भारत की उस भविष्य की ओर छलांग है जहाँ युद्धक्षेत्र की सुरक्षा स्वदेशी नवाचार पर टिकी है। यह सुनिश्चित करता है कि सैनिक एक सुरक्षात्मक गुंबद के नीचे लड़ें, इस विश्वास के साथ कि उनके आसमान पर नज़र रखी जा रही है।इसे भी पढ़ें: भारत तो अपना भाई है...जेलेंस्की ने उड़ाई ट्रंप के दावों की धज्जियां, यूरोप को भी दी नसीहतअनंतशस्त्र क्या है?अनंतशस्त्र एक आधुनिक त्वरित प्रतिक्रिया सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है जिसे विशेष रूप से भारतीय सेना की ज़रूरतों के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह मशीनीकृत और बख्तरबंद संरचनाओं के लिए एक ढाल के रूप में कार्य करेगी, यह सुनिश्चित करते हुए कि टैंक, पैदल सेना के लड़ाकू वाहन जैसे बीएमपी, और तोपखाने दुश्मन के विमानों, हेलीकॉप्टरों, ड्रोन, घूमते हुए हथियारों, रॉकेटों और यहाँ तक कि सटीक-निर्देशित हथियारों से सुरक्षित रहें। एक बार सेना में शामिल हो जाने पर, यह भारत के मोबाइल युद्ध समूहों को हवाई खतरों की लगातार चिंता किए बिना, स्वतंत्र रूप से काम करने का आत्मविश्वास देगा।शामिल करने का पैमानायोजना महत्वाकांक्षी है। अनंतशस्त्र की नौ इकाइयाँ बनाई जानी हैं, जिनमें 36 मिसाइलें और 36 रडार होंगे। कुल मिलाकर, तीन रेजिमेंटों का गठन किया जाएगा, जो भारत की अग्रिम पंक्ति की वायु रक्षा क्षमताओं का एक बड़ा विस्तार होगा। पूरी परियोजना का मूल्य लगभग 30,000 करोड़ रुपये है, जो इसे हाल के वर्षों में सेना के सबसे बड़े वायु रक्षा कार्यक्रमों में से एक बनाता है।इसे भी पढ़ें: जेल में बैठे इमरान खान ने बताया पाकिस्तान की जीत का प्लान, इन 2 को करनी होगी ओपनिंग, सुनकर मुनीर भी चौंक जाएंगेयुद्ध क्षमताएँयुद्ध में, 10 किलोमीटर तक का निम्न-से-मध्य हवाई क्षेत्र, जिसे वायु तटवर्ती क्षेत्र कहा जाता है, सैनिकों और उपकरणों के लिए सबसे खतरनाक क्षेत्र होता है। यहीं पर दुश्मन के जेट हमले के लिए नीचे उतरते हैं, हेलीकॉप्टर रॉकेट दागने के लिए उड़ान भरते हैं, और ड्रोन या मंडराते हुए हथियार लक्ष्यों की तलाश करते हैं। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, सेना की वायु रक्षा ने दुश्मन के हवाई खतरों को रोकते हुए एक दीवार की तरह काम किया। अनंतशस्त्र अब उस दीवार को और मज़बूत करेगा, यह सुनिश्चित करते हुए कि भारत इस महत्वपूर्ण क्षेत्र पर अपना दबदबा बनाए रखे और अपनी संरचनाओं को सुरक्षित रखे।

भारत का 'अनंत शस्त्र': पाक-चीन के सपनों को चूर करने वाला एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम
भारत का 'अनंत शस्त्र': पाक-चीन के सपनों को चूर करने वाला एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम

भारत का 'अनंत शस्त्र': पाक-चीन के सपनों को चूर करने वाला एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम

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कम शब्दों में कहें तो, भारतीय सेना ने अपनी हवाई सुरक्षा को मजबूती प्रदान करने के लिए अनंतशस्त्र नामक त्वरित प्रतिक्रिया सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (QRSAM) प्रणाली के लिए प्रस्ताव अनुरोध (RFP) जारी किया है। यह प्रणाली न केवल एक सामान्य मिसाइल प्रणाली है, बल्कि यह भविष्य के लड़ाई के दृश्यों में स्वदेशी नवाचार की उद्घोषणा भी है।

वास्तव में, भारतीय सेना ने अपने हवाई सुरक्षा तंत्र को एक नया आयाम देने की दिशा में महत्वाकांक्षी कदम उठाया है। इसकी वायु रक्षा शाखा ने अनंतशस्त्र QRSAM प्रणाली को सेना में शामिल करने के लिए एक प्रस्ताव जारी किया है, जो पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित है। इसका उद्देश्य सैनिकों को सुरक्षात्मक गुंबद के नीचे लड़ाई करने का विश्वास दिलाना है, यह सुनिश्चित करते हुए कि उनका आसमान सुरक्षित है।

अनंतशस्त्र की विशेषताएँ

अनंतशस्त्र एक अत्याधुनिक त्वरित प्रतिक्रिया सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है, जो भारतीय सेना की विशेष आवश्यकताओं को ही ध्यान में रखकर तैयार की गई है। यह न केवल मशीनीकृत एवं बख्तरबंद संरचनाओं के लिए एक सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करेगी, बल्कि यह दुश्मन के विमानों, हेलीकॉप्टरों और ड्रोन सहित अन्य हवाई खतरों से सुरक्षित रखने में सहायक होगी। एक बार सेना की शस्त्रागार का हिस्सा बनने पर, यह प्रणाली भारत के मोबाइल युद्ध समूहों को आत्मविश्वास के साथ हवाई खतरों का सामना करने में समर्थ बनाएगी।

प्रोजेक्ट का विस्तृत दायरा

परीक्षा के तहत योजना बेहद महत्वाकांक्षी है। इसके तहत अनंतशस्त्र की नौ इकाइयाँ स्थापित की जानी हैं, जिनमें कुल 36 मिसाइलें और 36 रडार शामिल होंगे। इससे तीन रेजिमेंटों का गठन होगा, जो भारत की अग्रिम पंक्ति की वायु रक्षा क्षमताओं में एक बड़ा विस्तार प्रदान करेगा। इस पूरी परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 30,000 करोड़ रुपये है, जो इसे पिछले कुछ वर्षों में सेना का सबसे बड़ा वायु रक्षा कार्यक्रम बनाता है।

युद्ध क्षमताएँ और उनकी महत्ता

युद्ध में, निम्न से मध्य हवाई क्षेत्र, जिसे वायु तटवर्ती क्षेत्र कहते हैं, सैनिकों और उपकरणों के लिए सबसे खतरनाक क्षेत्र होता है। यहां पर दुश्मन के जेट हमले के लिए नीचे उतरने, हेलीकॉप्टरों द्वारा रॉकेट दागने, और ड्रोन या मंडराते हुए हथियारों द्वारा लक्ष्यों की खोज की जाती है। उदाहरण के लिए, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, सेना की वायु रक्षा ने दुश्मन के हवाई खतरों को रोकते हुए एक दीवार की तरह काम किया। अब अनंतशस्त्र उस दीवार को और मजबूत करेगा, यह सुनिश्चित करते हुए कि भारत इस महत्वपूर्ण क्षेत्र पर अपना दबदबा बनाए रखे और अपनी संरचनाओं को सुरक्षित रखे।

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आगे बढ़ते हुए, यह स्पष्ट है कि अनंतशस्त्र प्रणाली न केवल भारत की सामरिक ताकत को बेहतर बनाएगी, बल्कि यह सीमा पर स्थित पाकिस्तान और चीन जैसे देशों की नींद उड़ाने का कार्य भी करेगी। भारतीय सेना की यह पहल अत्यधिक महत्वपूर्ण है और इसके परिणाम स्वरूप भारतीय वायु सुरक्षा में एक बड़ा कदम उठाया गया है।

कुल मिलाकर, अनंतशस्त्र एक ऐसा प्रोजेक्ट है, जो न केवल स्वदेशी नवाचार का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय सैनिकों को सुरक्षित रखने का भी यथासम्भव प्रयास है।

टीम द ऑड नारी - साक्षी शर्मा