तमिलनाडु के सीएम स्टालिन ने पीएम मोदी से शिक्षा योजना के लिए फंड जारी करने की मांग की
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक याचिका सौंपी, जिसमें लंबित शिक्षा निधि में से 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि तत्काल जारी करने और राज्य भर में लंबे समय से लंबित रेलवे परियोजनाओं के कार्यान्वयन का आग्रह किया गया। यह अपील राज्य के वित्त मंत्री थंगम थेन्नारासु के माध्यम से प्रधानमंत्री की दो दिवसीय तमिलनाडु यात्रा के दौरान की गई, जहाँ उन्होंने विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया और राजेंद्र चोझान के सम्मान में एक स्मारक सिक्के का अनावरण किया।इसे भी पढ़ें: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन को आचानक आया चक्कर, अस्पताल में भर्ती, डॉक्टरों की तीन दिन आराम की सलाहअपने पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा कि तमिलनाडु सरकार 2018 से समग्र शिक्षा अभियान (एसएसए) योजना को प्रभावी ढंग से लागू कर रही है, जिससे शैक्षिक परिणामों में लगातार सुधार हुआ है। हालाँकि, उन्होंने यह भी बताया कि केंद्र सरकार ने केंद्रीय धनराशि जारी करने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को पूरी तरह से अपनाना एक पूर्व शर्त बना दिया है। उन्होंने दोहराया कि राज्य को एनईपी के कुछ प्रावधानों, विशेष रूप से त्रिभाषा नीति को लागू करने और स्कूली शिक्षा को 5+3+3+4 प्रारूप में पुनर्गठित करने, पर कानूनी और नीतिगत आपत्तियाँ हैं।इसे भी पढ़ें: तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन बोले, अस्पताल में रहते हुए भी ड्यूटी जारी रख रहा हूँतमिलनाडु स्कूल शिक्षा प्रणाली में वर्तमान में 43.90 लाख छात्र, 2.2 लाख शिक्षक और 32,000 से अधिक सहायक कर्मचारी कार्यरत हैं। स्टालिन ने कहा कि इतनी महत्वपूर्ण और व्यापक योजना के लिए धनराशि रोकना लाखों छात्रों के भविष्य को बुरी तरह प्रभावित करता है। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वे वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए इस योजना के तहत राज्य को देय 2,149 करोड़ रुपये तुरंत जारी करें, 2025-26 के लिए पहली किस्त में तेजी लाएँ, और यह सुनिश्चित करें कि धनराशि का संबंध पीएम श्री (प्रधानमंत्री स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया) समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर से न हो।

तमिलनाडु के सीएम स्टालिन ने पीएम मोदी से शिक्षा योजना के लिए फंड जारी करने की मांग की
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कम शब्दों में कहें तो, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक याचिका सौंपी है, जिसमें उन्होंने लंबित शिक्षा निधि में से 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि तुरंत जारी करने का आग्रह किया है। यह ज्ञापन प्रधानमंत्री की हाल की तमिलनाडु यात्रा के दौरान सौंपा गया, जब उन्होंने कई विकास कार्यों की शुरुआत की और राजेंद्र चोझान की स्मृति में एक मेमोरियल सिक्का जारी किया।
शिक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता
मुख्यमंत्री स्टालिन ने अपने पत्र में कहा कि तमिलनाडु सरकार ने 2018 से समग्र शिक्षा अभियान (SSA) योजना को प्रभावी ढंग से लागू किया है, जिसका परिणाम नए शैक्षिक सुधारों के रूप में दिखाई दे रहा है। इसके बावजूद, केंद्रीय निधि जारी करने में अवरोध आ रहा है क्योंकि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 को अनिवार्य रूप से अपनाना एक शर्त बना दिया है।
स्टालिन ने कहा कि NEP के कुछ प्रावधान, विशेष रूप से त्रिभाषा नीति और स्कूली शिक्षा का 5+3+3+4 प्रारूप पर शिक्षकों और शिक्षा विशेषज्ञों में आपत्तियाँ हैं, जिससे इनका कार्यान्वयन कठिन हो रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री से इस मुद्दे का जल्द समाधान करने की अपील की।
राज्य का शिक्षा ढांचा
तमिलनाडु की शिक्षा प्रणाली में वर्तमान में लगभग 43.90 लाख छात्र, 2.2 लाख शिक्षक और 32,000 से अधिक सहायक कर्मचारी कार्यरत हैं। मुख्यमंत्री स्टालिन का मानना है कि इस महत्वपूर्ण योजना के लिए धनराशि का रोकना लाखों छात्रों के भविष्य को प्रभावित कर सकता है।
उन्होंने यह भी बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए शिक्षा योजना के तहत राज्य को 2,149 करोड़ रुपये की राशि तुरंत जारी की जानी चाहिए और 2025-26 के लिए प्रारंभिक किस्त में तेजी लाई जानी चाहिए।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और आगे के कदम
राज्य के वित्त मंत्री थंगम थेन्नारासु ने भी इस मुद्दे पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा का विकास प्रदेश के समग्र विकास का आधार है और इस दिशा में केंद्र के सहयोग की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री की यह अपील इस बात का संकेत देती है कि तमिलनाडु सरकार शिक्षा सुधार पर गंभीर है और वे हर संभव प्रयास कर रहे हैं ताकि राज्य के छात्रों को बेहतरीन शैक्षिक अवसर उपलब्ध कराया जा सके।
निष्कर्ष
यह ज्ञापन एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल शिक्षा प्रणाली को मजबूत करेगा, बल्कि लाखों छात्रों के भविष्य को भी सुरक्षित करेगा। स्टालिन सरकार की इस मांग का सकारात्मक उत्तर आवश्यक है, जिससे तमिलनाडु की शिक्षा प्रणाली को गुणात्मक रूप से आगे बढ़ाया जा सके।
इस संपूर्ण मुद्दे पर सभी की नजर बनाए रखना आवश्यक है, और हम आशा करते हैं कि केंद्र सरकार इस समस्या का समाधान जल्द करेगी।
लेखिका: दीप्ति शर्मा, टीम दOddnaari