ग्राफिक एरा की 33वीं वर्षगांठ पर 522 शिक्षकों को सम्मानित किया गया
The post तीस वर्ष तक की सेवा वाले 522 शिक्षक सम्मानित appeared first on Avikal Uttarakhand. ग्राफिक एरा का 33वां स्थापना दिवस अविकल उत्तराखण्ड देहरादून। ग्राफिक एरा के 33वें स्थापना दिवस पर 522 शिक्षकों व कर्मचारियों को 10 से 30 वर्षों तक की सतत सेवा पर… The post तीस वर्ष तक की सेवा वाले 522 शिक्षक सम्मानित appeared first on Avikal Uttarakhand.

ग्राफिक एरा की 33वीं वर्षगांठ पर 522 शिक्षकों को सम्मानित किया गया
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कम शब्दों में कहें तो, ग्राफिक एरा के 33वें स्थापना दिवस पर 522 शिक्षकों और कर्मचारियों को 10 से 30 वर्षों की उनकी निरंतर सेवा के लिए सम्मानित किया गया।
देहरादून: ग्राफिक एरा, जो शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित संस्थान माना जाता है, ने हाल ही में अपनी 33वीं वर्षगांठ मनाई। इस खास मौके पर, 522 शिक्षकों और कर्मचारियों को उनकी लम्बी और सफल सेवा के लिए सम्मानित किया गया। यह समारोह विकास और समर्पण की एक नई मिसाल प्रस्तुत करता है।
समारोह में डॉ कमल घनशाला, ग्राफिक एरा के संस्थापक अध्यक्ष, ने कहा कि "कम्युनिकेशन गैप से समस्याएं उत्पन्न होती हैं। हमारी कोशिश है कि हम सब मिलकर एक अच्छी और सकारात्मक कार्य संस्कृति का निर्माण करें।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस प्रकार की सेवाएं केवल सम्मान नहीं हैं, बल्कि यह एक जीवंत परिवार का हिस्सा बनने का प्रतीक हैं।
इस आयोजन की शुरुआत एक विशाल केक काटने के साथ हुई, जिसमें ग्राफिक एरा के मुख्य संरक्षक श्री आर सी घनशाला, अध्यक्ष श्रीमती लक्ष्मी घनशाला और डॉ कमल घनशाला ने सम्मिलित होकर केक काटा। डॉ घनशाला ने आगे कहा, “10 वर्षों से अधिक समय से ग्राफिक एरा से जुड़े शिक्षकों की संख्या 522 है, जो इस संस्थान की स्थिरता और कर्मचारियों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि ग्राफिक एरा ने कई बार अपने कर्मचारियों के परिवारों की सहायता की है, जिससे यह साफ है कि यह सिर्फ एक शिक्षण संस्थान नहीं, बल्कि एक परिवार है जो सभी के सुख-दुख में साथी है।
समारोह में उपस्थित सभी ने एक साथ "प्यार का नग़मा है..." जैसे प्रसिद्ध गीत के साथ एक अनूठा आत्मीय वातावरण बनाया। इससे यह स्पष्ट हो गया कि ग्राफिक एरा को केवल एक शैक्षणिक संस्थान के रूप में नहीं, बल्कि एक परिवार के रूप में देखा जाना चाहिए।
डॉ घनशाला ने कहा कि "हमेशा एक अच्छे संवाद की आवश्यकता होती है, इससे सभी संबंध मजबूत होते हैं। असुरक्षित व्यक्ति अपने काम में बाधाएं उत्पन्न कर सकते हैं।" उन्होंने यह भी बताया कि इस तरह की मानसिकता को कैसे बदलना चाहिए ताकि सभी कर्मचारियों को एक सार्थक कार्य वातावरण मिल सके।
इस कार्यक्रम में डॉ अमल शंकर शुक्ला, डॉ कमलेश पुरोहित, उपेन्द्र असवाल, रुचिरा रावत सहित अन्य कई ऐसे व्यक्तित्व मौजूद थे जो ग्राफिक एरा के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। सभी सम्मानित लोग, जो 10 से 30 वर्षों तक इस संस्थान का हिस्सा रहे हैं, ग्राफिक एरा की समृद्धि और विकास का प्रतीक हैं।
इस विशेष अवसर का उद्देश्य केवल शिक्षकों को सम्मानित करना ही नहीं, बल्कि एक सकारात्मक और समर्पित कार्य संस्कार का निर्माण भी था। इस कार्यक्रम ने सभी उपस्थित लोगों में एक नई ऊर्जा का संचार किया और सभी के दिलों में ग्राफिक एरा के प्रति गर्व की भावना पैदा की।
इसके साथ ही, डॉ कमल घनशाला ने कहा कि "नवाचार और शोध हमारी प्रगति के पंख हैं, और इन्हें उड़ान देने वाली ऊर्जा हमारे कर्मचारी हैं।" इस पहल ने ग्राफिक एरा के प्रति कर्मचारियों के समर्पण को और भी मजबूत किया, जिससे उनकी भावनाओं की गहराई का पता चलता है।
समारोह में प्रो-चांसलर डॉ राकेश शर्मा, ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ नरपिंदर सिंह और ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ अमित आर. भट्ट सहित अन्य प्रबंधकीय सदस्य भी मौजूद थे, जिन्होंने इस प्रकार के समर्पित प्रयास की सराहना की।
इस प्रकार, ग्राफिक एरा का 33वां स्थापना दिवस न केवल एक यादगार आयोजन रहा, बल्कि यह सबके लिए प्रेरणा का स्रोत भी बना। यह दर्शाता है कि शिक्षा, समर्पण और आपसी सहयोग का सही मायने में क्या महत्व है।
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सादर,
टीम The Odd Naari