गुरु पूर्णिमा पर माता-पिता को भी होगा प्रणाम - डॉ. सच्चिदानंद जोशी का संदेश
आपका अखबार ब्यूरो। गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए) के कलाकोश विभाग ने अपना प्रतिष्ठा दिवस समारोह भव्य रूप से मनाया। यह आयोजन केन्द्र के समवेत सभागार में हुआ। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थीं भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान (शिमला) की अध्यक्ष प्रो. शशिप्रभा कुमार और सारस्वत अतिथि थे श्री […] The post गुरु पूर्णिमा पर गुरु के साथ माता को भी प्रणाम करें- डॉ. सच्चिदानंद जोशी first appeared on Apka Akhbar.

गुरु पूर्णिमा पर माता-पिता को भी होगा प्रणाम - डॉ. सच्चिदानंद जोशी का संदेश
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आपका अखबार ब्यूरो। गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए) के कलाकोश विभाग ने एक भव्य प्रतिष्ठा दिवस समारोह का आयोजन किया। यह आयोजन केन्द्र के समवेत सभागार में हुआ, जिसमें कई प्रमुख व्यक्तिगत शामिल हुए। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थीं भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला की अध्यक्ष प्रो. शशिप्रभा कुमार। इस अवसर पर डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने एक विशेष संदेश दिया जिसमें उन्होंने कहा कि गुरु के साथ-साथ माता-पिता को भी प्रणाम करना चाहिए।
गुरु पूर्णिमा का महत्व
गुरु पूर्णिमा, भारतीय संस्कृति में अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है। यह विशेष दिन गुरु और विद्या के प्रति हमारी श्रद्धा और सम्मान को व्यक्त करता है। गुरु को भारतीय परंपरा में ज्ञान, मार्गदर्शन और सच्चाई के स्रोत के रूप में मान्यता प्राप्त है। इस दिन हर कोई अपने गुरु को नमन करता है और उनकी शिक्षाओं को स्मरण करता है।
माता-पिता का सम्मान
डॉ. जोशी ने समारोह में कहा कि माता-पिता जीवन के पहले गुरु होते हैं। उनके द्वारा दी गई शिक्षाएँ न केवल जीवन जीने की कला सिखाती हैं, बल्कि नैतिक मूल्यों की भी सुरक्षा करती हैं। उन्होंने सभी से अपील की कि इस विशेष मौके पर हम माँ को भी याद करें और आभार प्रकट करें। संचालन के दौरान यह संदेश सुनकर हर किसी ने अपने माता-पिता के प्रति कृतज्ञता का अनुभव किया।
ऑनलाइन और ऑफलाइन कार्यक्रम
इस वर्ष गुरु पूर्णिमा के आयोजन में आईजीएनसीए ने एक भव्य समारोह की योजना बनाई थी जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और ज्ञानवर्धक भाषण शामिल किए गए थे। इस आयोजन का उद्देश्य सिर्फ गुरु को सम्मानित करना ही नहीं, बल्कि माता-पिता को भी विशेष सम्मान देना था, जिसे सभी ने सराहा।
संदेश का प्रभाव
प्रो. शशिप्रभा कुमार ने अपने संबोधन में डॉ. जोशी की बातें आगे बढ़ाते हुए कहा कि हमें जीवन की यात्रा में कभी भी अकेला नहीं महसूस करना चाहिए। माता-पिता और गुरु का संबंध हमें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। उनका यह संदेश सभी के दिलों में गहराई से बैठ गया।
समापन
गुरु पूर्णिमा पर दिए गए संदेश हमें यह सिखाते हैं कि हमें अपने जीवन में अच्छे मूल्य और नैतिकता को अपनाने की आवश्यकता है। यह हमें एक बेहतर व्यक्ति बनाने के साथ-साथ समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का अवसर भी देता है। हमें इस अवसर पर अपने गुरु और माता-पिता के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त करनी चाहिए।
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समर्पित, टीम द ओड नारी