पत्रकारों की राजनेताओं पर बढ़ती अविश्वास की भावना: नितिन गडकरी की चिंता
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि परियोजनाओं के लिए धन की कोई कमी नहीं है लेकिन नौकरशाही में लचीलेपन की कमी और लीक से हटकर न सोचना चिंता का विषय है। गडकरी ने सोमवार को महाराष्ट्र के पुणे में एक कार्यक्रम में कहा कि पूर्व नौकरशाह विजय केलकर ने लचीला रुख अपनाया और […] The post पत्रकार बड़ी घोषणाओं के मामले में राजनेताओं पर भरोसा नहीं करते: गडकरी first appeared on Apka Akhbar.

पत्रकारों की राजनेताओं पर बढ़ती अविश्वास की भावना: नितिन गडकरी की चिंता
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कम शब्दों में कहें तो, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम में बताया कि पत्रकारों का राजनेताओं पर विश्वास घट रहा है। उनके मुताबिक, विकास योजनाओं के लिए पैसे की कमी नहीं है, परंतु नौकरशाही का लचीला रुख सामने नहीं आ रहा, जिससे गंभीर समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं।
नौकरशाही की समस्याएँ और समाधान
गडकरी ने अपने वक्तव्य में कहा कि हमें समय पर विकास परियोजनाओं को लागू करने के लिए नौकरशाही में लचीलापन लाना होगा। उन्होंने पूर्व नौकरशाह विजय केलकर का उदाहरण दिया, जिनका लचीला दृष्टिकोण विकास कार्यों में तेजी लाने में सहायक रहा। उन्होंने कहा कि यदि सरकारी मशीनरी इस तरह से काम नहीं करती है, तो हम अपने विकास लक्ष्यों की ओर आगे नहीं बढ़ सकते।
पत्रकारिता की बदलती भूमिका
गडकरी की टिप्पणियों से यह स्पष्ट होता है कि पत्रकारों की भूमिका अब एक सामान्य सूचना प्रदाता से कहीं अधिक हो गई है। अब पत्रकार केवल सूचनाएँ नहीं देते, बल्कि वे राजनेताओं के बड़े वादों पर सवाल उठाने और उनकी सत्यता की जांच करने में भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि पत्रकारों की सामाजिक जिम्मेदारी पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है।
सोशल मीडिया के प्रभाव
गडकरी ने इस बात पर भी जोर दिया कि डिजिटल युग में सोशल मीडिया का प्रभाव पत्रकारिता के स्वरूप को पूरी तरह बदल चुका है। पत्रकार अब केवल प्रेस कॉन्फ्रेंस की रिपोर्टिंग करने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे जनता के साथ सीधा संवाद स्थापित कर रहे हैं। यह स्थिति न केवल पत्रकारिता के लिए लाभकारी है, बल्कि यह लोकतंत्र की मजबूती के लिए भी महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष
गडकरी का यह बयान हमें यह सोचने के लिए विवश करता है कि राजनीतिक घोषणाओं की सच्चाई और पत्रकारों का उनमें बढ़ता अविश्वास एक गंभीर मुद्दा है। यदि हमें विकास की दिशा में आगे बढ़ना है, तो हमें इन समस्याओं का समाधान करना होगा। साथ ही, पत्रकारों को अपनी स्वतंत्रता और अधिकार को सही तरीके से निभाने का मौका दिया जाना चाहिए, ताकि वे वास्तविकता को उजागर कर सकें। यह समय है जब हमें अपने नेताओं के वादों की सख्ती से पड़ताल करनी चाहिए, जिससे जनता को सही जानकारी मिल सके।
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