गुरुग्राम में राधिका यादव हत्याकांड: पिता ने कहा 'मैंने कन्या वध किया, मुझे मार दो'

राधिका यादव हत्याकांड में राधिका यादव के चाचा विजय यादव ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि हत्याकांड के बाद उसने मुझसे कहा, 'भाई, मैंने कन्या वध कर दिया है। मुझे मार दो...'.. उसने कोई कारण नहीं बताया... उसने कहा कि उसका दिमाग खराब हो गया है। राधिका हत्याकांड में एक नए घटनाक्रम में, आरोपी पिता दीपक यादव को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।  इसे भी पढ़ें: Radhika Yadav Death | राधिका की अपनी अकादमी नहीं थी, अलग-अलग टेनिस कोर्ट बुक करके देती थीं प्रशिक्षण, पुलिस का खुलासाविजय यादव ने आगे कहा कि राधिका के पिता उसे सुबह 5 बजे ट्रेनिंग के लिए ले जाते थे और शाम को ट्रेनिंग चलने तक वापस लाते थे। उसने कहीं आना-जाना सब बंद कर दिया था। थाने में भी कहा था कि अगर फांसी का नियम है तो फांसी दे दो। वो टेनिस कोच थी। मेरे हिसाब से उसने अपनी कोई अकादमी नहीं खोली थी। ये लोग शुरू से ही अमीर थे। उसके पिता ने बहुत मेहनत की है। जब उनके गाँव में सबके कच्चे घर थे, तब उन्होंने पक्का घर बनाया। जब कोई खुद दोषी हो, तो उसे एहसास होने से बड़ी कोई सजा नहीं होती।गुरुग्राम पुलिस ने शनिवार को कहा कि पूर्व राज्यस्तरीय टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की अपनी अकादमी नहीं थी और वह अलग-अलग जगहों पर टेनिस कोर्ट बुक कर खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देती थीं, जो उनके पिता को रास नहीं आ रहा था। गुरुग्राम के सेक्टर 57 में सुशांत लोक स्थित दोमंजिला मकान में बृहस्पतिवार को राधिका (25) की उनके पिता दीपक यादव (49) ने कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी थी। दीपक को शनिवार को शहर की एक अदालत में पेश किया गया, जिसने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया।  इसे भी पढ़ें: अनंत अंबानी-राधिका मर्चेंट की शादी: कैसे हिंदू विवाह के मूल्यों और आध्यात्मिक गहराई को प्रतिबिंबित किया गयाशुक्रवार को अदालत ने उसे एक दिन की पुलिस हिरासत में भेजा था, जिस दौरान पुलिस ने सेक्टर 57 में स्थित उसके घर से पांच गोलियां और एक कारतूस बरामद किया था। आरोपी को जांच के तहत उसके गांव पटौदी भी ले जाया गया। इससे पहले, पुलिस ने कहा था कि राधिका एक टेनिस अकादमी चलाती थीं, जो पिता-पुत्री के बीच विवाद का विषय बन गया था क्योंकि दीपक को अक्सर अपनी बेटी की कमाई पर निर्भर रहने के लिए ताना मारा जाता था।#WATCH | Radhika Yadav Murder case | Gurugram | Radhika Yadav's uncle, Vijay Yadav, says, "He said to me, 'Bhai, maine kanya vadh kar diya hai. Mujhe maar do.'.. He didn't reveal a reason... He said that he had lost his mind... "Vijay Yadav said, "... Her father used to take… pic.twitter.com/3XNESGoxhs— ANI (@ANI) July 12, 2025

गुरुग्राम में राधिका यादव हत्याकांड: पिता ने कहा 'मैंने कन्या वध किया, मुझे मार दो'
मैंने कन्या वध कर दिया है, मुझे मार दो..., राधिका के हत्या के बाद अपने भाई से बोला था दीपक यादव

गुरुग्राम में राधिका यादव हत्याकांड: पिता ने कहा 'मैंने कन्या वध किया, मुझे मार दो'

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कम शब्दों में कहें तो, हरियाणा के गुरुग्राम में एक हृदय विदारक हत्या ने हर किसी को झकझोर कर रखा है। राधिका यादव, जो एक पूर्व राज्य स्तरीय टेनिस खिलाड़ी थीं, की हत्या करने के आरोप में उनके पिता दीपक यादव को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। यह न केवल हत्या की एक साधारण कहानी है, बल्कि यह पारिवारिक कलह और मानसिक स्वास्थ्य की गंभीर समस्याओं को भी उजागर करता है।

घटनाक्रम का विवरण

राधिका की हत्या के बाद उनके चाचा विजय यादव ने जो बयान दिया, उसने पूरे मामले को एक नए मोड़ पर ले जाया। उन्होंने साझा किया कि दीपक ने हत्या के बाद उनसे कहा, "भाई, मैंने कन्या वध कर दिया है। मुझे मार दो..."। यह बयान गंभीर मानसिक स्वास्थ्य के संकट को भी दर्शाता है। दीपक ने स्पष्ट किया कि वह अपने मानसिक संतुलन को खो चुके थे और इसे ध्यान में रखते हुए, उन्होंने अपनी बेटी की हत्या की।

अदालत की कार्रवाई

दीपक यादव को गुरुग्राम के सेक्टर 57 स्थित अदालत में पेश किया गया, जहां उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। एक दिन की पुलिस हिरासत में, पुलिस ने उनके घर से पांच गोलियां और एक कारतूस बरामद किया। अब यह स्पष्ट हो रहा है कि दीपक को अपनी बेटी के टेनिस करियर से जुड़ी कुछ समस्याएं थीं, जो उनके मानसिक स्वास्थ्य में विकृतियाँ पैदा कर रही थीं।

राधिका यादव का पेशेवर सफर

राधिका यादव की टेनिस यात्रा आशाओं और मुश्किलों से भरी हुई थी। वह उच्च स्तर पर प्रशिक्षित टेनिस कोच थीं, लेकिन उनके पास अपनी व्यक्तिगत टेनिस अकादमी नहीं थी। विजय यादव का कहना है कि राधिका अलग-अलग स्थानों पर कोर्ट बुक कर खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देती थीं, और यह उनके पिता को असहनीय प्रतीत हुआ। राधिका ने सुबह 5 बजे ट्रेनिंग के लिए निकलना और शाम को लौटना जारी रखा, लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने अन्य गतिविधियों से दूरी बना ली।

समाज का नज़रिया

इस हृदय विदारक घटना ने समाज में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चर्चा शुरू कर दी है। क्या हम बच्चों की मानसिक स्थिति को गंभीरता से लेते हैं? यह सवाल अब हर किसी के दिमाग में घूम रहा है। यह मामला न केवल एक परिवार की दुःखद स्थिति को दर्शाता है, बल्कि उन सभी परिवारों को भी जागरूक करता है, जहाँ तनाव और मानसिक स्वास्थ्य बहस का विषय हैं।

निष्कर्ष

राधिका की हत्या ने यह स्पष्ट किया है कि मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी के परिणाम कितने भयानक हो सकते हैं। दीपक यादव का बयान 'मुझे मार दो' यह संकेत देता है कि वह स्वयं भी इस स्थिति में असहाय महसूस कर रहे थे। अब कानूनी प्रणाली इस मामले में क्या कार्रवाई करेगी, यह देखना दिलचस्प होगा। हमें इन घटनाओं से सीखने की आवश्यकता है ताकि हम एक स्वस्थ और सुरक्षित समाज की दिशा में आगे बढ़ सकें।

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