कांग्रेस का आरोप: मानसून में पंचायत चुनाव कराना जनता की जान को खतरे में डालना है
The post मानसून में पंचायत चुनाव कराना जनता की जान जोखिम में डालना – कांग्रेस appeared first on Avikal Uttarakhand. सुरक्षित महीनों को छोड़ बरसात का समय क्यों चुना?-यशपाल आर्य अविकल उत्तराखंड देहरादून। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने उत्तराखंड सरकार पर आरोप लगाया कि सात महीने तक त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव… The post मानसून में पंचायत चुनाव कराना जनता की जान जोखिम में डालना – कांग्रेस appeared first on Avikal Uttarakhand.

कांग्रेस का आरोप: मानसून में पंचायत चुनाव कराना जनता की जान को खतरे में डालना है
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लेख: प्रिया शर्मा, अंजली मेहता, टीम द ओड नारी
परिचय
उत्तराखंड राज्य में पंचायत चुनावों की तैयारी जारी है, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने इस पर गंभीर चिंताओं को उजागर किया है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि मौजूदा मानसून के समय पंचायत चुनाव कराना न केवल असामयिक है, बल्कि यह जनता की जान को भी जोखिम में डालता है। इस विषय की गंभीरता पर चर्चा करने के लिए हमने यह लेख प्रस्तुत किया है।
सरकार पर गंभीर आरोप
यशपाल आर्य ने पूर्व में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को विगत सात महीनों तक टालने के बाद अब, इस समय चुनाव कराए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा, “इस वक्त उत्तराखंड में भारी वर्षा के कारण नदियों और नालों का जलस्तर बढ़ गया है। जगह-जगह भूस्खलन और बादल फटने के प्रकरण हो रहे हैं, जिससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है।”
भारी बारिश के खतरनाक प्रभाव
आर्य ने बात करते हुए कहा कि हाल की पहली बारिश ने ही पूरे प्रदेश को अस्त-व्यस्त कर दिया है और इस दौरान कुछ लोगों की जान भी जा चुकी है। अगले महीनों में अगर बारिश और अधिक होती है, तो स्थिति और भी विकराल हो सकती है। उन्होंने इस बात पर तीखा सवाल उठाया कि जब पंचायतों का कार्यकाल पिछले साल सितंबर में समाप्त हो गया था, तो सरकार ने चुनावों का आयोजन समय पर क्यों नहीं किया?
सुरक्षा की चिंताएँ
नेता प्रतिपक्ष ने यह सुझाव दिया कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत चुनावों में ज्यादा से ज्यादा भागीदारी होनी चाहिए। लेकिन, जब सड़कें खराब हैं, तो विशेषकर महिला प्रत्याशियों के लिए नामांकन और प्रचार करना बेहद कठिन होगा। उन्होंने सरकार से पूछा कि वह कैसे सुनिश्चित करेगी कि प्रत्याशियों, कर्मचारियों, और आम जनता की सुरक्षा का उचित प्रबंध किया जाएगा।
आलंबिक दृष्टिकोण और निष्कर्ष
इस मुद्दे पर जनहित में सचेत रहना अत्यंत आवश्यक है। कांग्रेस पार्टी का यह आरोप सरकार की चुनावी प्रक्रिया में उठाए गए संभावित खतरों को स्पष्ट करता है। चुनावों के लिए अनुकूल मौसम का चुनाव करना हमेशा एक विवेकपूर्ण निर्णय होता है। इस स्थिति में यह सवाल उठता है कि क्या चुनाव आयोग और सरकार को इस तरह के जोखिमों का सामना करके चुनाव कराना चाहिए? सभी बिंदुओं पर विचार करते हुए यह स्पष्ट होता है कि इस समय पंचायत चुनाव कराना केवल जनता की जान को खतरे की ओर नहीं ले जाएगा, बल्कि इससे लोकतंत्र की मौलिक भावना भी प्रभावित हो सकती है।
कम शब्दों में कहें तो, कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया है कि मानसून में पंचायत चुनाव कराना अत्यंत खतरनाक है, और ऐसा करने से लोगों की जानें खतरे में पड़ सकती हैं।
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टीम द ओड नारी