उमा बिष्ट का निधन: प्रदेश में गहरा दुख और शोक का माहौल
The post पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष उमा बिष्ट का निधन appeared first on Avikal Uttarakhand. कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट को पत्नी शोक अविकल उत्तराखण्ड द्वाराहाट। अल्मोड़ा जिला पंचायत की पूर्व अध्यक्ष एवं विधायक मदन सिंह बिष्ट की धर्मपत्नी श्रीमती उमा बिष्ट का लम्बी बीमारी के… The post पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष उमा बिष्ट का निधन appeared first on Avikal Uttarakhand.

उमा बिष्ट का निधन
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अल्मोड़ा जिले की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और कांग्रेस विधायक मदन सिंह बिष्ट की पत्नी श्रीमती उमा बिष्ट का निधन हो गया। लंबे समय से बीमार चल रहीं उमा जी की मृत्यु ने न केवल उनके परिवार में बल्कि समस्त राजनीतिक समुदाय में एक बड़ा शोक का माहौल पैदा कर दिया है। उनके निधन की जानकारी आज सुबह ही पुष्टि की गई, जिसने विभिन्न राजनीतिक सर्कल और संबंधित समुदायों में हलचल मचा दी।
स्वास्थ्य समस्याओं और अंतिम दिन
श्रीमती उमा बिष्ट लंबे समय से गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही थीं, जिसके कारण उन्हें नोएडा के एक अस्पताल में वेंटिलेटर पर रखा गया था। जून में उनकी ब्रेन सर्जरी हुई थी, और इस समय से उनकी स्वास्थ्य स्थिति और बिगड़ गई। उनकी बिगड़ती सेहत के चलते विधायक मदन बिष्ट भी महत्वपूर्ण गैरसैंण विधानसभा सत्र में शामिल नहीं हो सके, जिसका राजनैतिक परिदृश्य पर गहरा असर पड़ा।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ और शोक संदेश
उमा बिष्ट के निधन की खबर पर विभिन्न राजनीतिक नेताओं और संगठनों की ओर से शोक संदेश की बाढ़ आ गई। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, और अन्य नेता जैसे यशपाल आर्य और करण महरा ने शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। इस दुख के समय में राजनीतिक समुदाय की एकता और समर्थन मानवीय बंधनों की महत्ता को दर्शाता है।
उमा बिष्ट की विरासत
उमा बिष्ट केवल एक समर्थक पत्नी के रूप में नहीं, बल्कि एक सशक्त महिला के रूप में जानी जाती थीं, जिन्होंने स्थानीय शासन और समाज कल्याण में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके जिला पंचायत अध्यक्ष के रूप में कार्यकाल में ग्रामीण विकास और उत्थान के लिए कई पहलों को प्रोत्साहित किया गया। उनके द्वारा किए गए कार्यों का लाभ उठाने वाले लोगों के दिलों में उनके प्रति गहरी कृतज्ञता और संबंध हैं।
चिंतन का समय
जब हम उमा बिष्ट को याद करते हैं, तो यह आवश्यक है कि हम उनके जीवन और सेवा के व्यापक प्रभाव पर सोचें। समुदाय की प्रतिक्रिया यह दर्शाती है कि उन्होंने वर्षों में कितना सम्मान और प्रशंसा अर्जित की। उनकी स्थायी विरासत युवा नेताओं और समुदाय के सदस्यों को बेहतर शासन और सामाजिक कल्याण के लिए प्रेरित करती रहेगी।
निष्कर्ष
श्रीमती उमा बिष्ट का निधन जीवन की नाजुकता का एक गहरा अनुस्मारक है। यह हमें उन रिश्तों की कद्र करने के लिए प्रेरित करता है, जिन्हें हम महत्व देते हैं, और उन व्यक्तियों के योगदान की सराहना करते हैं जो दूसरों की भलाई के लिए निरंतर कार्यरत रहते हैं। उनके सम्मान में, आइए हम सामूहिक रूप से उन मूल्यों को बनाए रखने के प्रति कार्य करें जो उन्होंने अपने जीवन में अपनाए।
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