उत्तराखंड समाचार: SGRRU में विशेषज्ञों ने पर्वतीय खेती में खुशहाली के नए रास्ते दिखाए

देहरादून। श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय (SGRRU) के स्कूल ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज में एक दिवसीय संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विषय था – “यूथ डायलॉग ऑन ट्रांसफॉर्मिंग हिल एग्रीकल्चर इन उत्तराखण्डः प्रॉस्पेक्ट्स एंड पोटेंशियल ऑफ एरोमैटिक प्लांट्स”। कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने कहा कि उत्तराखण्ड की पर्वतीय खेती में औषधीय और सुगंधित पौधों की अपार […] The post Uttarakhand News: एसजीआरआरयू में विशेषज्ञों ने दिखाई पर्वतीय खेती में खुशहाली की राह। औषधीय व सुगंधित पौधों में अपार संभावनाएं appeared first on पर्वतजन.

उत्तराखंड समाचार: SGRRU में विशेषज्ञों ने पर्वतीय खेती में खुशहाली के नए रास्ते दिखाए
उत्तराखंड समाचार: SGRRU में विशेषज्ञों ने पर्वतीय खेती में खुशहाली के नए रास्ते दिखाए

उत्तराखंड में पर्वतीय कृषि की संभावनाओं पर एजुकेटिव कार्यक्रम

कम शब्दों में कहें तो, श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय (SGRRU) ने पर्वतीय कृषि में औषधीय और सुगंधित पौधों के महत्व पर एक संवाद कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें विशेषज्ञों ने संभावनाओं की चर्चा की।

देहरादून। उत्तराखंड के देहरादून स्थित श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय (SGRRU) के स्कूल ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज में एक महत्वपूर्ण संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य पर्वतीय कृषि में परिवर्तन लाना था, जिसमें "यूथ डायलॉग ऑन ट्रांसफॉर्मिंग हिल एग्रीकल्चर इन उत्तराखण्ड: प्रॉस्पेक्ट्स एंड पोटेंशियल ऑफ एरोमैटिक प्लांट्स" विषय पर विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए।

विशेषज्ञों का मत

इस कार्यक्रम में उपस्थित विशेषज्ञों ने उत्तराखंड की पर्वतीय खेती में औषधीय और सुगंधित पौधों की अपार संभावनाओं पर जोर दिया। विशेषज्ञों ने कहा कि इस क्षेत्र में युवाओं की भागीदारी बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये पौधे न केवल आर्थिक विकास के लिए सहायक हो सकते हैं, बल्कि पर्यावरणीय स्थिरता में भी योगदान कर सकते हैं।

युवाओं की भूमिका

कार्यक्रम में युवाओं को इस दिशा में प्रशिक्षित करने का भी सुझाव दिया गया, ताकि वे इन पौधों के साथ जुड़कर न केवल अपनी आजीविका बना सकें, बल्कि उत्तराखंड की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत कर सकें। विभिन्न फसलों के साथ इस प्रकार के पौधों को उगाने से किसानों की आय में वृद्धि होगी और यह पारिस्थितिकी के लिए भी फायदेमंद रहेगा।

औषधीय पौधों का महत्व

विशेषज्ञों का मानना है कि औषधीय पौधों की खेती से न केवल बाजार में उनकी मांग को पूरा किया जा सकेगा, बल्कि ये पौधे विभिन्न बीमारियों के उपचार में भी सहायक साबित हो सकते हैं। इसके अलावा, सुगंधित पौधे जैसे कि तुलसी, अदरक, और मिंट की खेती भी पर्यटन क्षेत्र में वृद्धि का एक प्रमुख कारण हो सकता है।

आगे का रास्ता

SGRRU में आयोजित कार्यक्रम ने पर्वतीय खेती के भविष्य के लिए एक नई दृष्टि पेश की है। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि सरकार और कृषि विभाग को युवाओं के लिए विशेष योजनाएं तैयार करनी चाहिए ताकि वे पर्वतीय कृषि में योगदान कर सकें।

विशेषज्ञों की बातचीत और प्रस्तुतियों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि हम सही दिशा में काम करें, तो उत्तराखंड की पर्वतीय खेती में खुशहाली की नई राह खोजी जा सकती है।

यह कार्यक्रम कृषि क्षेत्र में युवाओं को जागरूक करने और विभिन्न संपत्तियों को बढ़ावा देने में मदद करेगा।

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टीम द ओड नारी