देहरादून में मंडी परिषद ने मुख्यमंत्री राहत कोष में दिए 1 करोड़ रुपये
देहरादून : सीएम पुष्कर सिंह धामी से आज मुख्यमंत्री आवास, देहरादून में उत्तराखण्ड राज्य उत्पादन एवं कृषि विपणन बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. अनिल डब्बू ने शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर डॉ. अनिल डब्बू ने राज्य में विभिन्न आपदाओं से प्रभावित लोगों की सहायता हेतु मुख्यमंत्री राहत कोष में ₹1 करोड़ (एक करोड़ रुपये) की […] Source

देहरादून में मंडी परिषद का महत्वपूर्ण योगदान: 1 करोड़ रुपये का चेक
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कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड की मंडी परिषद ने मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में एक करोड़ रुपये का चेक प्रदान किया।
आज, देहरादून में मुख्यमंत्री आवास पर हुई एक महत्वपूर्ण मुलाकात में, उत्तराखंड राज्य उत्पादन एवं कृषि विपणन बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. अनिल डब्बू ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर, डॉ. डब्बू ने राज्य में आपदाओं से प्रभावित लोगों की सहायता हेतु मुख्यमंत्री राहत कोष में ₹1 करोड़ का योगदान देने की घोषणा की। इस योगदान से प्रभावित परिवारों को सहायता प्रदान की जाएगी और उनके दुखों को कम करने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री का स्वागत
मुख्यमंत्री धामी ने डॉ. डब्बू का धन्यवाद करते हुए कहा कि ऐसी दानशीलता से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लगातार ऐसे प्रयास कर रही है जिससे आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों को बेहतर किया जा सके। यह कदम न केवल आर्थिक बल्कि मानवीय दृष्टिकोन से भी महत्वपूर्ण है। प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों में आई भयानक आपदाओं ने कई परिवारों को प्रभावित किया है।
आपदा राहत कोष का महत्व
मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश राज्य में प्राकृतिक आपदाओं के समय त्वरित सहायता प्रदान करना है। इस कोष के माध्यम से राज्य सरकार प्रभावित लोगों को तुरंत राहत पहुंचाने के लिए सक्रिय रूप से काम करती है।
इस चेक के माध्यम से, मंडी परिषद ने न केवल अपनी जिम्मेदारियों को निभाया है, बल्कि अन्य संगठनों और लोगों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। यह दर्शाता है कि जब एकजुटता से काम किया जाता है, तो सभी की भलाई के लिए कुछ किया जा सकता है।
अधिकारियों की टिप्पणियाँ
डॉ. अनिल डब्बू ने कहा, "हमारी प्राथमिकता हर उस व्यक्ति की मदद करना है जो संकट में है। हमारा यह योगदान उन लोगों के लिए है जो आपदाओं में अपने प्रियजनों को खो चुके हैं और जिनके पास पुनर्निर्माण का साधन नहीं है।" उन्होंने यह भी कहा कि इस सहयोग से प्रदेश में एक सकारात्मक संदेश जाएगा और अन्य संस्थाओं को भी आगे आने के लिए प्रेरित करेगा।
अंत में
इस तरह की पहल निश्चित ही समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में मददगार साबित होगी। स्थानीय प्रशासन और सरकार को ऐसे संगठनों का सहयोग मिलता रहेगा। हमें उम्मीद है कि अन्य संस्थाएँ भी इस राहत कोष में योगदान देंगी और प्रभावित परिवारों की मदद करेंगी।
इसके अलावा, सरकार विभिन्न अभियान चला रही है, ताकि लोगों को राहत प्रदान करने के साथ-साथ आपदा प्रबंधन के प्रति जागरूक किया जा सके। प्रदेश में राहत कार्यों को और भी प्रभावी बनाने के लिए सभी हाथों की जरूरत है।
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सादर,
टीम द ऑड नारी