उत्तराखंड में प्रतिबंधित कफ सिरप के खिलाफ सख्त अभियान, 63 औषधियों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए

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उत्तराखंड में प्रतिबंधित कफ सिरप के खिलाफ सख्त अभियान, 63 औषधियों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए
उत्तराखंड में प्रतिबंधित कफ सिरप के खिलाफ सख्त अभियान, 63 औषधियों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए

उत्तराखंड में प्रतिबंधित कफ सिरप के खिलाफ सख्त अभियान

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कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड में एफ.डी.ए. ने प्रतिबंधित कफ सिरप के खिलाफ एक व्यापक अभियान शुरू किया है, जिसमें 63 औषधियों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।

देहरादून: खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफ.डी.ए.) ने पूरे उत्तराखंड में प्रतिबंधित और संदिग्ध कफ सिरप की बिक्री के खिलाफ एक सघन अभियान का संचालन शुरू किया है। यह अभियान एफ.डी.ए. आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार के आदेश पर चलाया जा रहा है और इसका उद्देश्य बच्चों के स्वास्थ्य की रक्षा करना है।

अभियान के तहत हो रही छापेमारी

सार्वजनिक स्वास्थ्य को बचाने के लिए, एफ.डी.ए. की टीम ने राज्यभर में चिकित्सा स्टोर्स, थोक विक्रेताओं, और अस्पतालों की दवाई दुकानों पर लगातार छापे मारे हैं। विभिन्न स्थानों से सैंपल एकत्र कर उन्हें प्रयोगशालाओं में जांच के लिए भेजा जा रहा है।

महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता

सोमवार को, एफ.डी.ए. मुख्यालय में अपर आयुक्त और ड्रग कंट्रोलर ताजवर सिंह जग्गी ने एक प्रेस वार्ता आयोजित की। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ समय में राजस्थान और मध्य प्रदेश में कफ सिरप के सेवन से बच्चों की तबीयत बिगड़ने की घटनाओं के बाद, उत्तराखंड सरकार ने यह कदम उठाया है। यह अभियान बच्चों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है।

प्रत्येक जिले में सक्रियता

अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि सभी जिलों में औषधि नियंत्रण अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे कफ सिरप के नमूने एकत्र करें और परीक्षण के लिए अधिकृत प्रयोगशालाओं को भेजें। इसके साथ ही निर्माण कंपनियों से भी कच्चे माल के सैंपल लिए जा रहे हैं, ताकि गुणवत्ता की जांच सुनिश्चित की जा सके।

बिना डॉक्टरी सलाह के दवा न दें

अपर आयुक्त ने जनता से अपील की है कि वे बिना चिकित्सक के परामर्श के बच्चों को कोई भी कफ सिरप या दवाई न दें। यदि बच्चे को सर्दी, खांसी या बुखार जैसे लक्षण दिखाई दें, तो केवल योग्य चिकित्सक से सलाह लेकर ही दवा दें।

खुली दवाइयों का उपयोग न करें

ताजवीर सिंह जग्गी ने बताया कि पुरानी या खुली दवाइयों का बच्चों को देना खतरनाक हो सकता है। ऐसे मामलों में, दवा को सुरक्षित तरीके से नष्ट करना चाहिए और घर में दवाइयों को खुला रखने से परहेज करना चाहिए।

मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के सख्त निर्देश

अपर आयुक्त ने कहा कि मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने अभियान की नियमित अपडेट लेने के निर्देश दिए हैं। सभी गतिविधियों की निगरानी की जा रही है ताकि राज्यभर में औषधियों की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।

दीपावली से पूर्व खाद्य पदार्थों पर भी ध्यान

अधिकारी ने बताया कि दीपावली पर्व के पहले खाद्य सामग्री में मिलावट की रोकथाम के लिए भी विशेष अभियान चलाया जा रहा है। मिठाइयों के सैंपल लेकर जांच की जा रही है और यदि कोई मिलावट पाई जाती है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

जनता से सहयोग की अपील

अपर आयुक्त ने एफ.डी.ए. की कार्रवाई को सरकार की जनहित प्रतिबद्धता का हिस्सा बताया। उन्होंने आम जनता और मीडिया से सहयोग की अपील की ताकि अधिक से अधिक लोगों को जागरूक किया जा सके।

यह अभियान राज्यभर में लगातार जारी रहेगा और इससे बच्चों के स्वास्थ्य की सुरक्षा में सुधार होगा।

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सादर, टीम दOdd नारी - बिंदु शर्मा