हल्द्वानी: यशपाल आर्य की निगाहें मतदाता सूची पर, सरकार की कार्यशैली पर उठे सवाल
नेता प्रतिपक्ष श्री यशपाल आर्य ने कहा कि, नगरीय और ग्रामीण दोनों निकायों की मतदाता सूची में नाम होने को असंवैधानिक बताने के उनके विचार की माननीय उच्च न्यायालय ने भी पुष्टि की है।नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आज माननीय उच्च न्यायालय मुख्य न्यायाधीश की खंड पीठ ने 11 जुलाई 2025 के सचिव, उत्तराखण्ड चुनाव […] Source

हल्द्वानी: यशपाल आर्य की निगाहें मतदाता सूची पर, सरकार की कार्यशैली पर उठे सवाल
Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - The Odd Naari
कम शब्दों में कहें तो, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने नगरीय और ग्रामीण दोनों निकायों की मतदाता सूची को लेकर उत्तराखंड सरकार की कार्यशैली पर गंभीर चुनौतियाँ उठाई हैं। उनका कहना है कि वर्तमान में जारी मतदाता सूची में कई खामियां हैं जो चुनाव की निष्पक्षता को प्रभावित कर सकती हैं।
उच्च न्यायालय की पुष्टि
यशपाल आर्य ने कहा कि उनकी बातें अदालती मान्यता प्राप्त कर चुकी हैं। भारतीय उच्च न्यायालय ने उनकी आपत्तियों को सही ठहराया है, जिसमें नगरीय और ग्रामीण निकायों की मतदाता सूची में पाई जाने वाली अनियमितताओं पर विचार करने का आग्रह किया गया है। 11 जुलाई 2025 को मुख्य न्यायाधीश की खंड पीठ ने सचिव, उत्तराखण्ड चुनाव को सुनाते हुए उनकी चिंताओं को मान्यता दी थी। यह न्यायालय का फैसला भ्रष्टाचार और अनियमितताओं पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है, जो आगामी चुनावों पर भी असर डाल सकता है।
कोई आश्वासन नहीं
इसके उपरांत, यशपाल आर्य ने चुनाव आयोग से यह अनुरोध किया है कि वह किसी भी प्रकार की अनियमितता को गंभीरता से लें। उन्होंने सरकार के संबंधित अधिकारियों से अपेक्षा की है कि वे स्थिति का संज्ञान लें और तेजी से उपाय करें ताकि मतदाता सूची की सटीकता को सुनिश्चित किया जा सके।
जनता की प्रतिक्रिया
स्थानीय नागरिकों का मानना है कि यदि मतदाता सूची में कोई गलती या अनियमितता है, तो यह न केवल चुनावों को प्रभावित करेगी बल्कि लोकतंत्र पर भी बुरा असर डाल सकती है। लोग निष्पक्ष और स्पष्ट चुनाव की उम्मीद रखते हैं, और इसके लिए एक सच्ची और अद्यतन मतदाता सूची की आवश्यकता है।
आगे की योजना
यशपाल आर्य ने एक संवाददाता सम्मेलन में सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे एकजुट होकर काम करें ताकि इस मुद्दे का समाधान हो सके। उन्होंने आग्रह किया कि सभी राजनीतिक नेताओं को इस विषय पर गंभीरता से विचार करना होगा और चुनावी प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाना होगा।
इस विषय पर चर्चा के बाद, लोगों के बीच चिंतन का एक नया विषय बन गया है कि क्या वास्तव में सरकार अपनी जिम्मेदारियों को सही ढंग से निभा पा रही है या नहीं। सभी की इसी धारणा के साथ, जरूरी हो जाता है कि चुनाव प्रक्रिया के पूर्व सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं ताकि कोई भी मतदाता अपने अधिकारों से वंचित न हो।
यशपाल आर्य द्वारा उठाए गए मुद्दों ने इस समस्या पर गहराई से विचार करने की आवश्यकता को उजागर किया है। अब यह देखना होगा कि क्या सरकार इन चिंताओं का समाधान करने में सफल होती है या नहीं।
इस विषय पर और अधिक अपडेट के लिए, कृपया यहाँ विजिट करें: The Odd Naari