बिहार के कॉलेजों में अब पढ़ाई होगी दुरुस्त, यूनिवर्सिटी में सुधार के लिए राजभवन ने बनायी हाईलेवल कमेटी
Bihar: बिहार के विश्वविद्यालयों में छात्रों और कर्मचारियों की समस्याओं को दर्ज करने के लिए 'समर्थ' पोर्टल शुरू किया गया था, लेकिन इस पोर्टल में तकनीकी दिक्कतों के कारण समस्याओं का समाधान पूरी तरह से नहीं हो पा रहा. अब इस कमेटी को पोर्टल की खामियों को दूर करने और इसे और प्रभावी बनाने की जिम्मेदारी दी गई है. The post बिहार के कॉलेजों में अब पढ़ाई होगी दुरुस्त, यूनिवर्सिटी में सुधार के लिए राजभवन ने बनायी हाईलेवल कमेटी appeared first on Prabhat Khabar.

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पटना, बिहार - बिहार के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में अब शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। राज्यपाल-सह-कुलाधिपति के निर्देश पर एक उच्चस्तरीय तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। यह समिति, जो 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी, बिहार के विश्वविद्यालयों में छात्रों की समस्याओं के समाधान की दिशा में काम करेगी।
कमेटी की भूमिका और जिम्मेदारियाँ
इस नई उच्चस्तरीय समिति में तीन प्रमुख विश्वविद्यालयों के कुलपति शामिल हैं - प्रो. परमेंद्र कुमार बाजपेई (जयप्रकाश विश्वविद्यालय), प्रो. अजय कुमार सिंह (पटना विश्वविद्यालय) और प्रो. विवेकानंद सिंह (पूर्णिया विश्वविद्यालय)। इन सबका मुख्य उद्देश्य 'समर्थ' पोर्टल जैसी तकनीकी समस्याओं का समाधान करना और कॉलेजों में पढ़ाई, दाखिला, रिजल्ट, और इंफ्रास्ट्रक्चर की विभिन्न चुनौतियों पर ध्यान देना है।
समर्थ पोर्टल में सुधार
बिहार सरकार द्वारा शुरू किया गया 'समर्थ' पोर्टल छात्रों और कर्मचारियों की समस्याओं को दर्ज करने के लिए बनाया गया था। हालांकि, तकनीकी दिक्कतों के कारण यह पोर्टल अपनी पूरी क्षमता से काम नहीं कर रहा था। इसलिए, इस समिति को यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदारी दी गई है कि शिकायतों का समाधान पारदर्शी और तेज़ी से किया जाए। साथ ही, पोर्टल की खामियों को दूर करने के लिए उपाय भी किए जाएंगे।
सुझावों की प्रक्रिया
राजभवन की अधिसूचना के अनुसार, बिहार के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को इस समिति से सुझाव देने का मौका दिया गया है। केवल सलाह ही नहीं, बल्कि अन्य कुलपति भी बैठक में भाग ले सकते हैं। समिति द्वारा सभी प्रस्तावों की गहन समीक्षा की जाएगी, जो अंततः शिक्षा विभाग को रिपोर्ट के रूप में प्रस्तुत की जाएगी।
प्रतीक्षा और निष्कर्ष
बिहार के विश्वविद्यालयों में चल रही समस्याओं के समाधान की इस पहल से प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में सुधार की आशा जताई जा रही है। इस कदम से न केवल छात्रों की समस्याओं का समाधान होगा, बल्कि शिक्षण की गुणवत्ता और बुनियादी ढांचे में भी बेहतरी आएगी। यह निश्चित रूप से बिहार के शिक्षा जगत के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है।
— By Neha Sharma, Priya Singh, and Riya Gupta, team theoddnaari