बिहार की राजनीति में नया मोड़: राजग से गठबंधन नहीं होने पर मोर्चा बनाकर चुनाव लड़ेंगे राजभर

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश सरकार के पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने शुक्रवार को कहा कि बिहार में उनका राजग से गठबंधन नहीं होता है तो वह मोर्चा बनाकर अवश्य चुनाव लड़ेंगे, इससे उनके मंत्री पद पर कोई खतरा नहीं है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें मंत्री पद का लालच नहीं है। राजभर ने शुक्रवार को जिले के नवानगर में सुभासपा की एक समीक्षा बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि बिहार में राजग से अलग चुनाव लड़ने पर उनके मंत्री पद पर कोई खतरा नहीं है। राजभर ने एक सवाल के जवाब में कहा, हम कहां कह रहे हैं कि बिहार में गठबंधन नहीं करेंगे, हमारी तो पहली कोशिश यही है कि हम लोग राजग गठबंधन से मिलकर चुनाव लड़ें। उन्होंने कहा, 2025 में बिहार में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का यदि गठबंधन नहीं होता है तो फिर मोर्चा बनाकर अवश्य चुनाव लड़ेंगे। जब उनसे बिहार में अलग चुनाव लड़ने पर राजग से रिश्तों को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें मंत्री पद का लालच नहीं है।

बिहार की राजनीति में नया मोड़: राजग से गठबंधन नहीं होने पर मोर्चा बनाकर चुनाव लड़ेंगे राजभर
बिहार में राजग से गठबंधन नहीं हुआ तो अलग मोर्चा बनाकर चुनाव लड़ेंगे: राजभर

बिहार की राजनीति में नया मोड़: राजग से गठबंधन नहीं होने पर मोर्चा बनाकर चुनाव लड़ेंगे राजभर

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कम शब्दों में कहें तो, बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से गठबंधन न हो पाने पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने अलग मोर्चा बनाने का संकेत दिया है। उन्होंने कहा है कि चुनाव लड़ने में उन्हें अपने मंत्री पद को लेकर कोई चिंता नहीं है।

राजभर, जो उत्तर प्रदेश सरकार में पंचायती राज मंत्री भी हैं, ने इस महत्वपूर्ण विषय पर शुक्रवार को नवानगर में हुई एक समीक्षा बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत की। उन्होंने कहा, "यदि हमें बिहार में राजग के साथ गठबंधन नहीं मिलता, तो हम चुनाव लड़ने के लिए एक अलग मोर्चा बनाने पर विचार करेंगे। लेकिन मैं यह स्पष्ट करता हूं कि मुझे मंत्री पद का कोई लालच नहीं है।"

गठबंधन की चर्चा

राजभर ने अपनी प्राथमिकता को स्पष्ट करते हुए कहा कि उनकी पहली कोशिश यही होगी कि सभी पक्ष एक साथ मिलकर चुनाव लड़ें। उन्होंने यह भी कहा कि वे गठबंधन के विचार को अस्वीकार नहीं कर रहे हैं। यह बयान इस संभावना को दर्शाता है कि यदि राजग के साथ उनकी बातचीत सफल होती है, तो वे एकजुट चुनावी मोर्चा बना सकते हैं।

राजग से अलग चुनाव लड़ने की स्थिति

राजभर ने कही गई बातों में न केवल मंत्री पद के प्रति अपने दृष्टिकोण को व्यक्त किया, बल्कि उन्होंने यह भी कहा कि यदि 2025 में राजग का गठबंधन नहीं होता है, तो उनकी पार्टी स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ेगी। यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि बिहार राजनीति में व्यापक संभावनाएं हैं और फील्ड के अलग-अलग दलों के बीच रिश्ते कभी-कभी जटिल होते हैं।

राजनीतिक परिदृश्य

बिहार में राजनीतिक परिदृश्य बदलते रहने की संभावना बनी हुई है। राजभर का यह बयान उनकी पार्टी की स्थिति को मजबूत करने और अपने मतदाताओं के समक्ष स्पष्टता लाने की दिशा में एक कदम हो सकता है। हालांकि, प्रभावी गठबंधन निर्माण के लिए कई कारकों की आवश्यकता होगी।

संभावनाएं और भविष्यवाणी

राजभर का बयान एक महत्वपूर्ण इशारा है। राजनीति में समय पर निर्णय लेना बहुत जरूरी होता है, और राजभर जानते हैं कि चुनाव का परिणाम अंततः मतदाताओं के हाथ में होता है। इस परिदृश्य में, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या बिहार में गठबंधन हो पाता है या राजभर अपने स्वतंत्र मोर्चे के साथ आगे बढ़ेंगे।

अंत में, हम अपने पाठकों से यह कहना चाहते हैं कि बिहार की इस राजनीतिक स्थिति पर हमारी नज़र बनी रहेगी। यदि आप इस विषय पर अधिक जानकारी चाहते हैं, तो हमारी वेबसाइट पर जाएं: The Odd Naari.

सादर,

टीम द ओड नारी, राधा यादव

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