दिल्ली में कांवड़ यात्रा के दौरान सख्ती, मीट की दुकानों को बंद करने का निर्णय
हिंदू कैलेंडर के पवित्र महीने सावन के दौरान श्रद्धालु पवित्र नदियों से जल लेकर विभिन्न मंदिरों में भगवान शिव को चढ़ाने के लिए कांवड़ यात्रा करते हैं। इस साल कांवड़ यात्रा 11 जुलाई से शुरू होगी। 11 जुलाई से 23 जुलाई तक चलने वाली कांवड़ यात्रा के दौरान, यूपी की तर्ज़ पर अब दिल्ली में भी मीट की दुकानें बंद रहेंगी। इस बात की जानकारी मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता कपिल मिश्रा ने दी। मिश्रा ने संवाददाताओं से कहा कि इनमें से ज़्यादातर मीट की दुकानें वैसे भी अवैध हैं और कानून के मुताबिक इन्हें नहीं चलना चाहिए। लेकिन कांवड़ यात्रा के दौरान इन्हें खास तौर पर बंद रखा जाएगा। हालांकि, मंत्री ने यह स्पष्ट नहीं किया कि यह प्रतिबंध केवल तीर्थयात्रा मार्ग पर पड़ने वाली मांस की दुकानों पर ही लागू होगा या नहीं। उन्होंने कहा कि इसको लेकर मांग की जरूरत नहीं है। कांवड़ यात्रा के दौरान इन्हें विशेष रूप से बंद रखा जाएगा। ये सभी अवैध दुकानें हैं और हम कांवड़ यात्रा के दौरान इन्हें संचालित करने की अनुमति नहीं दे सकते। पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने भी अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि राज्य में कांवड़ यात्रा मार्ग पर कोई मांस न बेचा जाए। 26 जून को सरकार ने यह भी आदेश दिया कि तीर्थयात्रा मार्ग पर सभी भोजनालयों को अपने मालिकों के नाम प्रदर्शित करने होंगे। दूसरी ओर जंगपुरा से भाजपा विधायक तरविंदर सिंह मारवाह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर दिल्ली में कांवड़ यात्रा मार्ग पर सभी शराब और मांस की दुकानों को अस्थायी रूप से बंद करने का अनुरोध किया था। विधायक ने कहा था कि शराब और मांस की दुकानों पर अस्थायी प्रतिबंध यात्रा की पवित्रता का सम्मान करेगा और किसी भी संभावित अप्रिय घटना को रोकेगा।

दिल्ली में कांवड़ यात्रा के दौरान सख्ती, मीट की दुकानों को बंद करने का निर्णय
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कम शब्दों में कहें तो, दिल्ली में कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करने के लिए मीट की दुकानों को बंद रखने का निर्णय लिया गया है। इस साल कांवड़ यात्रा 11 जुलाई से शुरू हो रही है और यह 23 जुलाई तक चलेगी।
कांवड़ यात्रा का महत्व
हिंदू कैलेंडर के पवित्र महीने सावन में, श्रद्धालु पवित्र नदियों से जल लाकर भगवान शिव को चढ़ाने के लिए कांवड़ यात्रा करते हैं। यह यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक होती है, बल्कि सामाजिक सद्भाव और संयम का भी संदेश देती है। इसलिए, दिल्ली सरकार ने इस विशेष अवसर पर सख्ती बरतने का निर्णय लिया है।
दिल्ली में मीट की दुकानों पर प्रतिबंध
दिल्ली सरकार ने 11 जुलाई से 23 जुलाई तक कांवड़ यात्रा के पालन के दौरान मीट की दुकानों को बंद रखने का निर्णय लिया है। यह जानकारी राजनीति के प्रमुख नेता और मंत्री कपिल मिश्रा ने दी। उन्होंने उल्लेख किया कि इनमें से अधिकांश मीट की दुकानें अवैध रूप से चल रही हैं और कावंड़ यात्रा के दौरान इन्हें विशेष रूप से बंद रखा जाना चाहिए।
कानूनी स्थिति और प्रशासनिक कार्रवाई
हालांकि, मंत्री कपिल मिश्रा ने स्पष्ट रूप से नहीं बताया कि क्या यह प्रतिबंध केवल तीर्थयात्रा मार्ग पर स्थित मीट की दुकानों पर ही लागू होगा। उनका यह कहना था कि "इस बारे में किसी मांग की आवश्यकता नहीं है। कांवड़ यात्रा के दौरान इन्हें विशेष रूप से बंद रखा जाएगा क्योंकि ये सभी अवैध दुकानें हैं।"
उत्तर प्रदेश में भी इसी तरह के निर्देश जारी किए गए हैं। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रा के मार्ग पर मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए पर्याप्त कदम उठाने का आदेश दिया है। इसके अलावा, 26 जून को राज्य सरकार ने आदेश दिया कि तीर्थयात्रा मार्ग पर सभी भोजनालयों को अपने मालिकों के नाम प्रदर्शित करना होगा।
सुरक्षा और पवित्रता को प्राथमिकता
भाजपा विधायक तरविंदर सिंह मारवाह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर दिल्ली में कांवड़ यात्रा मार्ग के आस-पास सभी शराब और मांस की दुकानों को अस्थायी रूप से बंद करने का अनुरोध किया। विधायक का मानना है कि यह कदम यात्रा की पवित्रता को बनाए रखेगा और किसी भी संभावित अप्रिय घटना से बचाएगा।
निष्कर्ष
2023 में कांवड़ यात्रा के मद्देनजर दिल्ली में सख्ती बरती जा रही है ताकि श्रद्धालु बिना किसी विघ्न के अपनी धार्मिक यात्रा को पूरी कर सकें। मंत्री कपिल मिश्रा का कहना है कि यह निर्णय कांवड़ यात्रा की पवित्रता को संरक्षित करने के लिए जरूरी है। आने वाले समय में इस संदर्भ में स्थिति पर नज़र रखी जाएगी।
इसके अतिरिक्त, हमने देखा है कि इस तरह के निर्णय न केवल धार्मिक उत्सव की पवित्रता को बढ़ाते हैं बल्कि सामाजिक समरसता को भी सुदृढ़ करते हैं। ऐसे कदमों से श्रद्घालुओं के मन में विश्वास और सुरक्षा का अनुभव होता है।
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सादर,
टीम द ओड नारी - राधिका