छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का आतंक: बीजापुर में IED विस्फोट से एक डीआरजी जवान शहीद

नक्सलियों का आतंक कम होने का नाम नहीं ले राह है। एक तरफ भारी संख्या में नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं वहीं कुछ बागी अभी भी सरकार के खिलाफ अपनी लड़ाई को आगे ले जाना चाहते हैं। इसी लिए ये नक्सली पुलिस और सुरक्षा बलों को सबसे ज्यादा अपना निशाना बनाते हैं। ताजा नक्सली हमला छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में हुआ है। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में माओवादियों द्वारा लगाए गए आईईडी विस्फोट में एक जवान शहीद, 2 अन्य घायल हो गये।पुलिस ने बताया कि छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सोमवार को नक्सलियों द्वारा किए गए एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) विस्फोट में जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) का एक जवान शहीद हो गया और तीन अन्य घायल हो गए।  अधिकारियों ने बताया कि घायल जवानों की स्थिति खतरे से बाहर है। प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें बेहतर उपचार देने की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि अभियान पूरी होने के बाद अन्य जानकारी दी जाएगी। यह घटना ज़िले के राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में ज़िला रिज़र्व गार्ड्स (DRG) की एक टीम द्वारा चलाए जा रहे तलाशी अभियान के दौरान हुई। जानकारी के अनुसार, मृतक जवान की पहचान दिनेश नाग के रूप में हुई है।रविवार को, छत्तीसगढ़ के गरियाबंद ज़िले में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों ने विस्फोटक बरामद किए। यह घटना 19 लाख रुपये के इनामी चार माओवादियों के आत्मसमर्पण के बाद हुई।इसे भी पढ़ें: महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन होंगे NDA के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार, नड्डा ने किया ऐलान, जानें इनके बारे में आत्मसमर्पण करने वाले एक नक्सली द्वारा दी गई सूचना पर, सुरक्षा बलों ने सुबह नक्सल विरोधी अभियान के दौरान गोबरा रोड पर एक जंगली पहाड़ी में माओवादियों का एक डंप बरामद किया, जिसमें चार बीजीएल राउंड, एक हैंड ग्रेनेड, 15 इंसास राउंड और एक मैगज़ीन, 15 जिलेटिन रॉड, 50 डेटोनेटर, एक एसएलआर राइफल मैगज़ीन और 16.50 लाख रुपये नकद बरामद किए गए।इसे भी पढ़ें: Delhi Dchools Bomb Threat | दिल्ली के कई स्कूलों को बम की धमकी, हाई अलर्ट पर पुलिस, परिसर खाली कराया गया आत्मसमर्पण करने वाले चार नक्सलियों में दीपक उर्फ भीमा मंडावी एक डिवीजनल एरिया कमेटी सदस्य (डीवीसीएम) था, जबकि कैलाश उर्फ भीमा भोगम और रनिता उर्फ पायकी माओवादी संगठन के एरिया कमेटी सदस्य (एसीएम) के रूप में कार्यरत थे। एक अन्य नक्सली की पहचान सुजीता उर्फ करम के रूप में हुई है। यह ज्ञात है कि मंडावी पर 8 लाख रुपये का इनाम था, जबकि भोगम और पायकी पर 5-5 लाख रुपये और करम पर 1 लाख रुपये का इनाम था।

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का आतंक: बीजापुर में IED विस्फोट से एक डीआरजी जवान शहीद
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का आतंक जारी, बीजापुर में IED ब्लास्ट, डीआरजी का जवान शहीद

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का आतंक: बीजापुर में IED विस्फोट से एक डीआरजी जवान शहीद

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कम शब्दों में कहें तो छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का आतंक खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। जहां एक तरफ कई नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं, वहीं कुछ बागी अब भी अपने विद्रोही कार्यों को जारी रखे हुए हैं। हाल ही में बीजापुर जिले में माओवादियों द्वारा किए गए आईईडी विस्फोट ने एक और जवान की शहादत की कहानी लिखी है। इस घटना ने सुरक्षा बलों की चुनौतियों को एक बार फिर उजागर किया।

हमले की पूरी जानकारी

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सोमवार को एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) के विस्फोट में जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) का एक जवान शहीद हो गया। हमले में तीन अन्य जवान भी घायल हुए हैं, जिनकी स्वास्थ्य की स्थिति अब खतरे से बाहर है और उन्हें बेहतर उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह घटना ज़िले के राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में एक तलाशी अभियान के दौरान हुई।

शहीद जवान की पहचान दिनेश नाग के रूप में की गई है। उनका बलिदान उन सभी सुरक्षा बलों के लिए प्रेरणा है, जो नक्सलवाद के खिलाफ लगातार संघर्ष कर रहे हैं।

सुरक्षा बलों की सक्रियता की कहानी

रविवार को गरियाबंद ज़िले में सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के साथ एक मुठभेड़ के दौरान कई विस्फोटक बरामद किए। यह कार्रवाई चार नक्सलियों के आत्मसमर्पण के बाद की गई थी, जिन पर कुल मिलाकर 19 लाख रुपये का इनाम था। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में से एक ने सुरक्षा बलों को गोबरा रोड पर मौजूद माओवादी साजिशों की जानकारी दी, जिससे कई विस्फोटक और हथियारों का संग्रह बरामद किया गया।

इससे यह स्पष्ट होता है कि छत्तीसगढ़ के जंगलों में नक्सलियों की गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं। हाल ही में बरामद विस्फोटकों में चार बीजीएल राउंड, एक हैंड ग्रेनेड, 15 इंसास राउंड, 15 जिलेटिन रॉड, 50 डेटोनेटर और 16.50 लाख रुपये नकद शामिल हैं।

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की जानकारी

आत्मसमर्पण करने वाले चार नक्सलियों में से दीपक उर्फ भीमा मंडावी एक डिवीजनल एरिया कमेटी सदस्य था, जबकि अन्य नक्सली कैलाश उर्फ भीमा भोगम और रनिता उर्फ पायकी एरिया कमेटी के सदस्य थे। इस स्थिति से नक्सल समस्या के गहरे जड़ों का पता चलता है, जो छत्तीसगढ़ में लंबे समय से बनी हुई हैं।

निष्कर्ष

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का आतंक सुरक्षा बलों के साथ-साथ आम जनता के लिए भी एक घातक खतरा बना हुआ है। आए दिन होने वाले ऐसे हमले साबित करते हैं कि राज्य में शांति और स्थिरता कायम करने के लिए सुरक्षा बलों को नई प्राथमिकताओं और रणनीतियों को अपनाना होगा। दिनेश नाग जैसे शहीदों का बलिदान हमारे देश की एकता और सच्चाई की रक्षा के लिए निरंतर संघर्ष की जरुरत को रेखांकित करता है। इसलिए, हमें सभी शहीदों को याद करते हुए नक्सलवाद के खिलाफ अपनी एकजुटता दिखानी होगी।

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सादर, टीम द ओड नारी