उत्तराखंड समाचार: तीन वर्षों में बरामद हुई कुंतलों चरस, डोडा और अफीम - तस्करों के खिलाफ जबरदस्त कार्रवाई
देहरादून | अक्टूबर 2025 उत्तराखण्ड पुलिस ने पिछले तीन वर्षों में नशे के कारोबार पर बड़ी कार्रवाई करते हुए कुंतलों में चरस, डोडा, अफीम और हेरोइन बरामद की है। पुलिस की सशक्त कार्रवाई से अब तक 3431 अभियोगों में 4440 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। यह कार्रवाई NDPS एक्ट के अंतर्गत की गई […] The post Uttarakhand News: तीन सालों में कुंतलों चरस, डोडा और अफीम बरामद सैकड़ों तस्कर । सलाखों के पीछे appeared first on पर्वतजन.
उत्तराखंड समाचार: तीन वर्षों में बरामद हुई कुंतलों चरस, डोडा और अफीम - तस्करों के खिलाफ जबरदस्त कार्रवाई
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कम शब्दों में कहें तो: उत्तराखंड पुलिस ने नशे के कारोबार पर कड़ी कार्रवाई करते हुए पिछले तीन वर्षों में कुंतलों की मात्रा में चरस, डोडा, अफीम और हेरोइन बरामद की है, जिसके परिणामस्वरूप 4440 तस्करों को गिरफ्तार किया गया है।
देहरादून | अक्टूबर 2025: उत्तराखंड पुलिस ने नशे के कारोबार पर अत्यंत सशक्त कार्रवाई की है। पिछले तीन वर्षों के दौरान, पुलिस ने कुंतलों में चरस, डोडा, अफीम और हेरोइन जब्त की है, जो एक बड़ा कदम है, जिससे न केवल गांजा तस्करों पर लगाम कसी जा रही है, बल्कि यह कानून प्रवर्तन की दृढ़ता को भी दर्शाता है।
दृढ़ कार्रवाई का अभियान
पुलिस के अनुसार, इस कार्रवाई के अंतर्गत अब तक 3431 अभियोगों में 4440 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। यह सभी अभियोग NDPS (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस) एक्ट के तहत दायर किए जा चुके हैं। उत्तराखंड राज्य में बढ़ते नशे के सेवन के मामलों को देखते हुए, यह कार्रवाई बेहद आवश्यक थी।
पुलिस ने प्रतिबंधित मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ यह अभियान पिछले तीन सालों में चलाया है। इस दौरान प्राप्त जानकारियों के आधार पर कई छापेमारी की गई, जिससे विभिन्न स्थलों पर मादक पदार्थों को बरामद किया गया। यह भी देखा गया है कि तस्करी के मामलों में शामिल कई लोग स्थानीय लोगों के सहयोग से काम कर रहे थे।
समुदाय की भूमिका
मादक पदार्थों के सेवन की बढ़ती प्रवृत्ति के बीच, पुलिस का मानना है कि स्थानीय समुदाय का सहयोग भी इस अभियान में अत्यधिक महत्वपूर्ण है। पुलिस ने स्थानीय निवासियों से अपील की है कि वे नशे के कारोबार से जुड़े किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी देने में आगे आएं।
स्थानीय प्रशासन और पुलिस विभाग ने मिलकर कई जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए हैं, जिससे नागरिकों को नशे के दुष्परिणामों और तस्करी की गंभीरता के बारे में जानकारी दी जा सके। इनमें स्कूलों और कॉलेजों में सेमिनार आयोजित करना शामिल है।
तस्करों पर कड़ी नजर
पुलिस की सख्त कार्रवाई के बावजूद, तस्करों की गतिविधियाँ भी अभी कम नहीं हुई हैं। पुलिस विभाग ने तस्करों पर नज़र रखने के लिए विशेष टीमों का गठन किया है। इन टीमों ने कई ऐसे स्थानों की पहचान की है, जहाँ तस्करी की गतिविधियाँ अधिक होती हैं।
यह स्पष्ट है कि नशे के व्यापार के खिलाफ यह लड़ाई केवल पुलिस की नहीं है, बल्कि यह स्थानीय समुदाय की भी जिम्मेदारी है। पुलिस ने स्थानीय निवासियों से सहयोग की अपेक्षा की है ताकि इस खतरे का पूरी तरह से सामना किया जा सके।
निष्कर्ष
उत्तराखंड पुलिस का यह अभियान नशाक्रांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह साबित करता है कि पुलिस कार्रवाई के माध्यम से नशे के व्यापार को नियंत्रित किया जा सकता है, बशर्ते स्थानीय समुदाय का सहयोग मिले। आगे बढ़ते हुए, यह आवश्यक है कि हम सभी इस लड़ाई का हिस्सा बनें और समाज में व्याप्त इस बुराई को समाप्त करने में मदद करें।
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सादर,
टीम द ओड नारी