अरब देश अमेरिका और इजराइल के अगले टारगेट: फारूक अब्दुल्ला की चेतावनी

नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को अरब देशों को चेतावनी दी कि इजराइल और अमेरिका का अगला निशाना वही होंगे क्योंकि उनके तेल और गैस पर दोनों देशों की नजर है। उन्होंने कहा, ‘‘यह उनकी (अमेरिका की) लंबे समय से नीति रही है कि ईरान को परमाणु शक्ति नहीं बनना चाहिए। यहां तक ​​कि क्षेत्र के सुन्नी देश भी इसके खिलाफ हैं, लेकिन उनमें बोलने का साहस नहीं है।’’ अब्दुल्ला ने यहां नवा-ए-सुबह में पार्टी की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज वे सोचते हैं कि ईरान पर हमला हुआ है, लेकिन मैं आपके माध्यम से उन्हें चेतावनी देना चाहता हूं कि एक दिन इजराइल उन पर भी हमला करेगा, क्योंकि वे तेल और गैस जैसी उनकी संपत्ति चाहते हैं। इजराइल केवल एक मुखौटा है, अमेरिका उसके ठीक पीछे खड़ा है।’’ पश्चिम एशिया में युद्ध के विकराल रूप लेने के असर के बारे में पूछे जाने पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे सभी देशों की आर्थिक स्थिति पर गंभीर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि (अन्य) विश्व शक्तियां स्थिति पर नजर रख रही हैं। अगर यह (युद्ध) बढ़ता है, तो हर देश की आर्थिक स्थिति बर्बादी की ओर बढ़ जाएगी। उन्हें इसे रोकने की कोशिश करनी चाहिए और मैं प्रार्थना करता हूं कि वे सफल हों, क्योंकि भारत में भी हमारी स्थिति बहुत खराब है।’’ जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की शर्तों को लेकर मीडिया के एक धड़े में आई खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए अब्दुल्ला ने आरोप लगाया कि मीडिया झूठ फैला रहा है। नेकां नेता ने कहा, ‘‘उन्हें (शर्तों के बारे में) किसने बताया? क्या उनके समक्ष किसी ने रहस्योद्घाटन किया? यहां मीडिया झूठ फैलाने में माहिर है, वह सच नहीं बोलता। राज्य का दर्जा जम्मू-कश्मीर के लोगों का अधिकार है। यह उन पर कोई एहसान नहीं है।

अरब देश अमेरिका और इजराइल के अगले टारगेट: फारूक अब्दुल्ला की चेतावनी
अरब देश होंगे अमेरिका और इजराइल का अगला निशाना : फारूक अब्दुल्ला

अरब देश अमेरिका और इजराइल के अगले टारगेट: फारूक अब्दुल्ला की चेतावनी

Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - The Odd Naari

कम शब्दों में कहें तो, फारूक अब्दुल्ला ने अरब देशों को आगाह किया है कि इजराइल और अमेरिका उनकी तेल और गैस संपत्तियों पर नजर गड़ाए हुए हैं। इस बयान में वैश्विक राजनीतिक स्थिरता को लेकर गंभीर चिंताओं का संकेत मिलता है।

नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को अरब देशों को चेतावनी दी कि इजराइल और अमेरिका का अगला निशाना वही होंगे। उनका मानना है कि अमेरिका एवं इजराइल की नजर इन देशों के तेल और गैस पर है, जो कि दक्षिण-पश्चिम एशिया की सुरक्षा और स्थिरता को प्रभावित कर सकता है।

फारूक अब्दुल्ला की चेतावनी

बुधवार को नवा-ए-सुबह में पार्टी की बैठक के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए, अब्दुल्ला ने स्पष्ट किया, “यह अमेरिका की लंबे समय से चली आ रही नीति है कि ईरान को परमाणु शक्ति न बनने दिया जाए। यहाँ तक कि क्षेत्र के सुन्नी देश भी ईरान के खिलाफ हैं, लेकिन उनमें बोलने का साहस नहीं है।" उन्होंने इजराइल की भू-राजनीतिक गतिविधियों का उल्लेख करते हुए यह कहा कि, “जल्द ही, इजराइल अरब देशों पर भी हमला कर सकता है, क्योंकि वे उनकी संपत्तियों पर अपनी दृष्टि स्थापित कर रहे हैं। इजराइल केवल एक मुखौटा है, अमेरिका उसके पीछे खड़ा है।”

आर्थिक प्रभाव के बारे में चिंताएं

अब्दुल्ला ने पश्चिम एशिया में युद्ध के संभावित प्रभावों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, "यदि युद्ध बढ़ता है, तो यह न केवल अरब देशों के लिए, बल्कि पूरे वैश्विक आर्थिक ताने-बाने के लिए गंभीर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। भारतीय अर्थव्यवस्था समेत कई देशों की आर्थिक स्थिति में गिरावट आ रही है।" उनके इस बयान से यह साफ होता है कि एक धार्मिक और राजनीतिक संघर्ष कैसे वैश्विक आर्थिक स्थिरता को प्रभावित कर सकता है।

मीडिया पर टिप्पणी

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने मीडिया की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि मीडिया “झूठ फैलाने” में लगा हुआ है और ऐसी जानकारियाँ फैला रहा है जो वास्तविकताओं से परे हैं। उन्होंने कहा, “राज्य का दर्जा जम्मू-कश्मीर के लोगों का जन्मसिद्ध अधिकार है। यह किसी पर एहसान नहीं है।”

फारूक अब्दुल्ला के यह बयान हमें यह सोचने पर मजबूर करते हैं कि क्या वास्तव में वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य में बड़े देशों की योजनाएं खतरनाक हो रही हैं। अन्य विश्व शक्तियों के पास स्थिति को नजर में रखते हुए इसे ठीक करने की कोई रणनीति है या नहीं, यह महत्वपूर्ण है।

निष्कर्ष

फारूक अब्दुल्ला के बयान ने कई सवाल खड़े किए हैं, जो केवल अरब देशों तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि यह वैश्विक सुरक्षा और आर्थिक स्थिति पर भी गहरा असर डाल सकते हैं। हमें इस परिदृश्य पर ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि हम भविष्य में संभावित खतरों का सामना कर सकें। यह भी आवश्यक है कि हम कर्तव्यपरायणता से सत्य को उठाएं और गलत सूचना का सामना करें।

अन्त में, यदि आप इस मामले में और अधिक जानकारी चाहते हैं, तो मजेदार, तथ्यात्मक और अद्यतन समाचारों के लिए theoddnaari.com पर अवश्य जाएं।

Keywords:

Arab countries, US and Israel, Farooq Abdullah, Middle East politics, oil and gas resources, global economy, geopolitical analysis