अमेरिकी डिफेंस डिपार्टमेंट बनाएगा अमेजन जैसा शापिंग पोर्टल, जानें किस तैयारी में लगा है पेंटागन?

Pentagon Amazon-style shopping portal anti-drone equipment: अमेरिकी रक्षा विभाग अपने ड्रोन विरोधी अभियान को और मजबूती देने के लिए एक अमेजन स्टाइल का शॉपिंग पोर्टल बनाने जा रहा है. इसके तहत वह छोटे ड्रोन से पैदा होने वाले खतरों का मुकाबला करेगा. इसमें अमेरिका की अलग-अलग एजेंसियां एंटी-ड्रोन उपकरण और उनके हिस्से खरीद सकेंगी. The post अमेरिकी डिफेंस डिपार्टमेंट बनाएगा अमेजन जैसा शापिंग पोर्टल, जानें किस तैयारी में लगा है पेंटागन? appeared first on Prabhat Khabar.

अमेरिकी डिफेंस डिपार्टमेंट बनाएगा अमेजन जैसा शापिंग पोर्टल, जानें किस तैयारी में लगा है पेंटागन?

Pentagon Amazon-style shopping portal anti-drone equipment: अमेरिकी रक्षा विभाग (पेंटागन) द्वारा छोटे ड्रोन से पैदा होने वाले खतरों का मुकाबला करने के लिए एक नई योजना पर काम करने जा रहा है. वह अमेजन की तरह का एक मार्केट प्लेस तैयार करेगा, जहां उसकी अलग-अलग एजेंसियां एंटी ड्रोन उपकरण खरीद सकेंगी. इसके लिए बनाई गई नई टास्क फोर्स ने शुक्रवार को घोषणा की कि वह एक ऐसा केंद्र (हब) तैयार कर रही है. इसके साथ ही, यह भी बताया गया कि इन सिस्टमों को आपस में बेहतर तरीके से कैसे जोड़ा जा सकता है. यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब अमेरिका की कई सैन्य और सरकारी सुविधाओं के ऊपर छोटे ड्रोन की अनधिकृत उड़ानें लगातार बढ़ रही हैं. लगभग एक साल पहले पूरे महाद्वीप में ऐसी घटनाएँ अचानक तेजी से बढ़ने लगी थीं.

नई संयुक्त अंतर-एजेंसी टास्क फोर्स-401 (JIATF-401) नाम से चलाई जाएगी. द वॉर जोन की एक खबर के मुताबिक इसके निदेशक ब्रिगेडियर जनरल मैट रॉस ने बताया, “हम अपने सभी साधनों का इस्तेमाल करेंगे ताकि नई तकनीक को जितनी जल्दी हो सके, सैनिकों तक पहुँचाया जा सके.” सेना के नेतृत्व वाली यह टास्क फोर्स एक यूएएस और काउंटर-यूएएस मार्केटप्लेस बना रही है. यह एक ऐसा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म होगा जहाँ सैन्य ठिकानों के कमांडर, एफबीआई, होमलैंड सिक्योरिटी विभाग और स्थानीय पुलिस जैसी एजेंसियाँ एंटी-ड्रोन उपकरण और उनके हिस्से खरीद सकेंगी.

एंटी-ड्रोन उपकरणों का ‘मार्केटप्लेस’

टास्क फोर्स के प्रवक्ता ने इसे अमेजन की तरह का ऑनलाइन मार्केटप्लेस बताया, जहाँ खरीदार विभिन्न एंटी-ड्रोन तकनीकों, उपकरणों और उपयोगकर्ताओं की राय देख सकेंगे. यह उसी तरह होगा जैसे सेना ड्रोन खरीदने के लिए मार्केटप्लेस बना रही है. रॉस के मुताबिक यह प्लेटफॉर्म बताएगा कि कौन-सा सिस्टम अलग-अलग परिस्थितियों में कैसे काम करता है, ताकि खरीदार अपनी जरूरत के हिसाब से सही उपकरण चुन सकें. उन्होंने कहा, “हमारे पास एंटी-ड्रोन तकनीक की कई किस्में हैं और हमें लगता है कि इन सबकी जरूरत पड़ सकती है. हर जगह या हर खतरे के हिसाब से जरूरतें अलग होती हैं, इसलिए हम अपने सैन्य विभाग और अन्य एजेंसियों को कई विकल्प देना चाहते हैं.”

पुरानी के साथ नई तकनीक भी रहेगी उपलब्ध

यह टास्क फोर्स बाजार में उपलब्ध मौजूदा तकनीकों की भी जांच कर रही है और इंडस्ट्री के साथ मिलकर नई तकनीकें विकसित करने पर भी काम कर रही है. टास्क फोर्स विस्फोटक हथियारों को शामिल नहीं करेगी क्योंकि वे घरेलू इलाकों के लिए सुरक्षित नहीं हैं, वे केवल युद्धक्षेत्रों के लिए उपयुक्त होते हैं. यहां पर पूरे सिस्टम के बजाय उसके हिस्से उपलब्ध होने से खरीदार अपनी जरूरत के हिसाब से चीजें चुन सकेंगे. उपकरण उपलब्ध कराने के अलावा, टास्क फोर्स सेना और उसकी साझेदार एजेंसियों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे विभिन्न एंटी-ड्रोन सिस्टमों के कमांड और कंट्रोल को भी सुव्यवस्थित कर रही है.

कौन-सा सिस्टम अपनाया जाएगा, इसका फैसला अभी बाकी

टास्क फोर्स के निदेशक रॉस के अनुसार JIATF-401 में वे यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि सूचनाएँ भेजने और प्राप्त करने के लिए एक समान संचार प्रोटोकॉल बनाया जाए ताकि हर उपकरण प्लग-एंड-प्ले तरीके से काम कर सके. उन्होंने आगे बताया कि पिछले महीने हर सैन्य सेवा के मिशन कमांड सिस्टम का मूल्यांकन ऑपरेशन ‘क्लियर होराइजन’ में किया गया. इसका उद्देश्य उनकी क्षमता का आंकलन करना और यह देखना था कि उनकी कार्यशैली अंतिम परिणाम को कैसे प्रभावित करती है. अब उसी का विश्लेषण चल रहा है.

रॉस ने कहा कि एक एकीकृत मिशन कमांड सिस्टम बनने के बावजूद, यह जरूरी है कि हर सैन्य ठिकाना अपनी सुरक्षा के लिए तेजी से स्वतंत्र निर्णय ले सके. छोटे ड्रोन इतनी तेजी से खतरा पैदा करते हैं कि ऑपरेटरों को तुरंत निर्णय लेने की ताकत, प्रशिक्षण और अधिकार होना चाहिए. उनके पास उच्च स्तर की मंजूरी का इंतजार करने का समय नहीं होता. उन्होंने बताया कि अमेरिका ने पिछले वर्ष पिकैट‍िनी आर्सेनल, राइट-पैटरसन एयर फोर्स बेस और अन्य ठिकानों पर हुए ड्रोन उल्लंघनों के बाद अपनी प्रतिक्रिया प्रणाली में काफी सुधार किया है. 2023 में लैंगली एयर फोर्स बेस के ऊपर भी ऐसे ड्रोन देखे गए थे.

ड्रोन तकनीक में काफी बदलाव आए हैं. इसलिए अमेरिका लगातार अपने ठिकानों पर नई एंटी-ड्रोन तकनीक तैनात कर रहा है. वह प्राथमिकता इस बात पर दे रहा है कि किस ठिकाने पर क्या सुरक्षा सबसे ज्यादा आवश्यक है. विशिष्ट उपकरण स्थान के अनुसार बदलते हैं, लेकिन उसका लक्ष्य हर उस जगह पर एक स्तरीकृत रक्षा प्रणाली तैयार करना है, जहाँ महत्वपूर्ण अवसंरचना की सुरक्षा आवश्यक है. इसमें विस्तृत सेंसरिंग और मल्टी लेयर्ड इफेक्टर शामिल होगा, ताकि वह हर प्रकार के खतरे का मुकाबला कर सके.

किन खतरों से परेशान है अमेरिका

अमेरिकी सेना के लिए एक और बड़ी चिंता वे हमले हैं, जो यूक्रेन के स्पाइडर वेब स्ट्राइक या इजरायल के ऑपरेशन राइजिंग लायन की तरह होते हैं. इन घटनाओं ने उन नजदीकी दूरी वाले ड्रोन हमलों के खतरे को उजागर किया है जो दुश्मन की सीमा के भीतर गहराई से लॉन्च किए जाते हैं और अपने लक्ष्यों के बहुत करीब होते हैं. सैन्य परिसंपत्तियाँ और अन्य हाई वैल्यू टार्गेट ऐसे हमलों के प्रति अत्यंत संवेदनशील हैं, खासकर घरेलू क्षेत्र में.

अमेरिका सबसे अधिक दिखाई देने वाले काउंटर-ड्रोन प्रयासों में से एक दक्षिणी सीमा पर चल रहा है, जहाँ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अवैध प्रवासियों और नशीले पदार्थों के प्रवाह को रोकने के लिए हजारों सैनिकों और उपकरणों को तैनात किया है. टास्क फोर्स एक एकीकृत, डिस्ट्रीब्यूटेड सेंसरिंग नेटवर्क विकसित कर रही है, जिसमें निष्क्रिय और सक्रिय दोनों प्रकार के सेंसर शामिल हैं और फिर उनमें काउंटर-यूएएस इफेक्टर्स जोड़े जाएंगे, ताकि सीमा पार करते ही खतरे को निष्क्रिय किया जा सके. रॉस ने कहा कि वे DHS, कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन, इंटीरियर विभाग और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. इसके अलावा, JIATF-401 नए तकनीकी समाधानों को भी शामिल करने पर काम कर रहा है, जैसे कम लागत वाले इंटरसेप्टर, जो अमेरिकी सैनिकों को मैक्सिको से लगती हुई दक्षिणी सीमा की रक्षा के दौरान अतिरिक्त विकल्प देंगे.

टास्क फोर्स कार्रवाई के लिए कर रहा अधिकारों की मांग

अमेरिका अपनी सुरक्षा तैयारी में चाक चौबंद हो रहा है. रॉस ने कहा कि सीमा पार आने वाले ड्रोन पहले भी गिराए गए हैं, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि कैसे. उपकरण और कर्मियों का होना एक बात है, लेकिन टास्क फोर्स कार्रवाई के लिए अधिक अधिकारों की मांग भी कर रही है. इसमें यह सुनिश्चित करना शामिल है कि सभी सैन्य ठिकाने 130(i) के प्रावधानों के तहत आते हों. यह संघीय कानून मानवरहित विमानों से संरक्षित विशेष सुविधाओं और परिसंपत्तियों की सुरक्षा से संबंधित है. 130(i) के तहत, अमेरिकी सेना को ड्रोन के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार है, जिसमें बिना पूर्व अनुमति के, उनके नियंत्रण को बाधित करना, संचार को निष्क्रिय करना, या आवश्यकता पड़ने पर ड्रोन को नुकसान पहुँचाना या नष्ट करना शामिल है.

JIATF-401 एक काउंटर-यूएएस समिट में होगी आगे चर्चा

25 नवंबर को JIATF-401 एक काउंटर-यूएएस समिट आयोजित करेगा, जिसमें विभिन्न एजेंसियों के विशेषज्ञ शामिल होंगे. यह समिट खुफिया, नीति, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और संचालन पर केंद्रित होगी. अमेरिका यह सुनिश्चित करना चाहता है कि सभी एजेंसियों के साथ हमारी स्थायी साझेदारी बनी रहे, क्योंकि यह समस्या लगातार विकसित होती रहेगी और वह उसी गति से आगे बढ़ना चाहता है.

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