PHOTOS: इंदिरा और संजय गांधी के साथ काम कर चुकीं झारखंड की कांग्रेस नेता आयशा अहमद नहीं रहीं, अंतिम यात्रा 8 को
Congress Leader of Jharkhand Ayesha Ahmed is Dead: आयशा अहमद कांग्रेस की एक मजबूत नेता थीं. वे अपने क्षेत्र में एक गहरी पैठ रखनेवाली महिला के रूप में भी जानी जाती थीं. उनका अपना एक रुतबा था, जिसे उन्होंने अपनी मेहनत व समाज सुधार अभियान को लेकर बनाया था. देखें, कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के साथ आयशा के PHOTOS. The post PHOTOS: इंदिरा और संजय गांधी के साथ काम कर चुकीं झारखंड की कांग्रेस नेता आयशा अहमद नहीं रहीं, अंतिम यात्रा 8 को appeared first on Prabhat Khabar.
Congress Leader Ayesha Ahmed is Dead: वर्ष 1945 में जन्मी कोल्हान की कद्दावर कांग्रेस नेता आयशा अहमद उर्फ इवा शमीम का शुक्रवार को 80 साल की उम्र में निधन हो गया. दो अगस्त को इवा शमीम ने अपना 80वां जन्मदिन मनाया था. शहर के प्रमुख चिकित्सक डॉ शमीम अहमद की पत्नी इवा शमीम बीते 15 दिनों से बीमार थीं. उन्हें इलाज के लिए तामोलिया स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां शुक्रवार की सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली.

एआइसीसी की नेता रहीं आयशा अहमद को शनिवार को साकची कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया जायेगा. इसके पहले दोपहर में साकची जामा मस्जिद में जनाजे की नमाज अदा की जायेगी. पति डॉ शमीम अहमद का 2011 में इंतकाल हो गया है.
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इवा शमीम अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़ कर गयी हैं. उनकी दो बेटे और दो बेटियां डॉक्टर हैं. पुत्र डॉ शाहिद अहमद, डॉ शकील अहमद सऊदी अरब में नियुक्त हैं और बेटियां डॉ शबाना अहमद व डॉ साजिया अहमद हैं. आयशा अहमद का जन्म ह्यूम पाइप क्षेत्र में हुआ था.

जमशेदपुर पश्चिमी विधानसभा सीट से आयशा अहमद ने 2005 में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा था. उनके चुनाव प्रचार में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह चुनाव प्रचार के लिए जमशेदपुर आये थे और सभा को संबोधित किया था. इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सरयू राय को जीत हासिल हुई थी.

आयशा अहमद कांग्रेस की एक मजबूत नेता थीं. वे अपने क्षेत्र में एक गहरी पैठ रखनेवाली महिला के रूप में भी जानी जाती थीं. उनका अपना एक रुतबा था, जिसे उन्होंने अपनी मेहनत व समाज सुधार अभियान को लेकर बनाया था.

उनके पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी व मनमोहन सिंह, कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष रहीं सोनिया गांधी, सिने स्टार अमिताभ बच्चन के अलावा सलमान खुर्शीद, मणिशंकर अय्यर समेत कई प्रमुख नेताओं से मधुर संबंध थे. 1979 में जमशेदपुर में हुए सांप्रदायिक दंगों के दौरान जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी शहर पहुंचीं, तो आयशा अहमद प्रमुख रूप से उनके साथ रहीं और पीड़ितों से मुलाकात करायी.
प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. आयशा अहमद कांग्रेस पार्टी में एआइसीसी की सदस्य के अलावा कांग्रेस पार्टी में विभिन्न पदों पर जिम्मेदारी के साथ अपनी जवाबदेही निभाती रहीं. कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय स्तर के नेता जब भी जमशेदपुर आते थे, तो उनके मानगो आवास में जरूर पहुंचते थे.

आयशा अहमद के पुत्र डॉ शकील अहमद ने बताया कि 50 साल पहले उनकी मां ने ईदगाह मैदान के पास एक स्कूल की स्थापना की थी. उसका नाम रखा था क्रिसेंट स्कूल. उनकी सोच थी कि एक ऐसा स्कूल हो, जिसमें शिक्षा देनेवाले शिक्षक बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ हुनरमंद भी बनाया जाये.
स्कूल की 50वीं वर्षगांठ दिसंबर में आयोजित की जानी थी. इसके आयोजन को लेकर बिष्टुपुर के एक्सएलआरआइ का प्रेक्षागृह भी आरक्षित कर लिया गया था. आयोजन को लेकर वे हर दिन तैयारियों का जायजा ले रही थीं. इसी बीच तबीयत खराब रहने लगी.

हर दूसरे दिन उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ रहा था. अधिक तबीयत बिगड़ने की जानकारी मिलने पर वे खुद दो दिन पहले सऊदी अरब से जमशेदपुर पहुंचे हैं. एआइसीसी की नेता रहीं इवा शमीम ने संजय गांधी के साथ भी काम किया था.
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