Kawad Yatra 2025 | मेरठ में डीजे संचालकों के साथ बैठक, भड़काऊ गाने बजाने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी
नारंगी रंग के कपड़े पहने कई लोग गंगा का पवित्र जल इकट्ठा करने और शिव को चढ़ाने के लिए अपने कंधों पर बर्तन लेकर चलते हैं। कांवड़ यात्रा भगवान शिव के भक्तों द्वारा की जाने वाली एक वार्षिक हिंदू तीर्थयात्रा है, जिन्हें शिव भक्त या कांवरिया भी कहा जाता है। वार्षिक जुलूस सावन के पवित्र महीने में होता है जो जुलाई-अगस्त के महीनों में पड़ता है। इस तीर्थयात्रा के दौरान, लाखों भक्त, जिन्हें कांवरिया के रूप में जाना जाता है, गंगा नदी से पवित्र जल इकट्ठा करते हैं और इसे शिव मंदिरों में चढ़ाने के लिए अपने गृहनगर वापस ले जाते हैं। कांवड़िए अपनी आस्था और तपस्या के प्रतीक के रूप में भगवान शिव को चढ़ाने के लिए गंगा जल ले जाते हैं। लेकिन कई बार कावड़िए अपनी डाक कांवर लेकर जब निकलते है तो ये कांवड़ दूसरों के लिए परेशानी का कारण बन जाती हैं। तेज आवाज में डीजे, ट्रेफिक जाम, छेड़छाड़- हिंसा आदि चीजें कई बार परेशानी उत्पन्न करती है।इसे भी पढ़ें: Trump के नहले पर मोदी का दहला, मुनीर को बुला लंच करा रहे थे, डोभाल को चीन भेज दिया उसी अंदाज में जवाब आगामी श्रावण मास में होने वाली कांवड़ यात्रा के शांतिपूर्ण एवं सुरक्षित संचालन के उद्देश्य से मेरठ पुलिस एवं प्रशासन ने मंगलवार को पुलिस लाइन स्थित सभागार में डीजे संचालकों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की और यात्रा के दौरान आपत्तिजनक तथा भड़काऊ गाने नहीं बजाने की हिदायत दी। जिला प्रशासन के आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को बताया कि अपर जिलाधिकारी (नगर) बृजेश कुमार सिंह और अपर पुलिस अधीक्षक (नगर) आयुष विक्रम सिंह की अध्यक्षता में आयोजित हुई इस बैठक में लगभग 200 डीजे संचालकों ने भाग लिया।इसे भी पढ़ें: Neeraj Chopra ने ओस्ट्रावा गोल्डन स्पाइक अपने नाम किया, फेंका इतना मीटर दूरी पर भाला अधिकारियों ने डीजे संचालकों को दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि वे 12 फुट से अधिक ऊंचे तथा 14 फुट से ज्यादा चौड़े डीजे वाहनों का प्रयोग न करें। बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए गए कि यात्रा के दौरान आपत्तिजनक, भड़काऊ या अश्लील गीतों के बजाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित रखने के लिए निर्धारित ध्वनि सीमा का पालन अनिवार्य होगा और रात 11 बजे के बाद डीजे संचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी। सूत्रों ने बताया कि बैठक में ही प्रशासन की ओर से सभी डीजे संचालकों को भारतीय न्याय संहिता की धारा 168 (निरोधात्मक कार्रवाई) के तहत औपचारिक नोटिस तामील कराए गए। बैठक में सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाए रखने तथा शासन-प्रशासन के निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने की अपील भी की गई। अधिकारियों ने कहा कि कांवड़ यात्रा आस्था, अनुशासन और सामाजिक समरसता का प्रतीक है, जिसे सभी पक्षों के सहयोग से शांति एवं सुव्यवस्था के साथ सम्पन्न कराया जाएगा। श्रावण मास आगामी 11 जुलाई को शुरू होकर नौ अगस्त तक चलेगा।

Kawad Yatra 2025 | मेरठ में डीजे संचालकों के साथ बैठक, भड़काऊ गाने बजाने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी
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कांवड़ यात्रा, जो भगवान शिव के अनेकों भक्तों द्वारा मनाई जाने वाली वार्षिक तीर्थयात्रा है, इस वर्ष 2025 में एक बार फिर से विशेष महत्व रखती है। इस यात्रा का आयोजन हर साल सावन के महीने में किया जाता है, जिसमें लाखों भक्त गंगा के पवित्र जल को एकत्रित करके अपने घरों में भगवान शिव के मंदिर में चढ़ाने के लिए ले जाते हैं। हाल ही में मेरठ में डीजे संचालकों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें कांवड़ यात्रा के दौरान भड़काऊ गाने बजाने पर सख्त चेतावनी दी गई है।
बैठक का विवरण
मेरठ के पुलिस लाइन में आयोजित इस बैठक में लगभग 200 डीजे संचालकों ने भाग लिया। अपर जिलाधिकारी (नगर) बृजेश कुमार सिंह और अपर पुलिस अधीक्षक (नगर) आयुष विक्रम सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक का मुख्य उद्देश्य कांवड़ यात्रा के शांतिपूर्ण संचालन को सुनिश्चित करना था।
अधिकारियों ने स्पष्ट निर्देश दिए कि डीजे संचालक 12 फुट से अधिक ऊंचे और 14 फुट से बड़े डीजे वाहनों का प्रयोग नहीं करेंगे। साथ ही, यात्रा के दौरान अश्लील या भड़काऊ गीतों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। यदि कोई भी डीजे संचालक ऐसा करेगा, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपाय
बैठक में ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए भी दिशा-निर्देश दिए गए। रात 11 बजे के बाद डीजे संचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी, ताकि नागरिकों की शांति और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। प्रशासन ने सभी डीजे संचालकों को भारतीय न्याय संहिता की धारा 168 के तहत औपचारिक नोटिस भी दिया, जिससे कि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था को समय रहते रोका जा सके।
कांवड़ यात्रा का महत्व
कांवड़ यात्रा आस्था, अनुशासन और सामाजिक समरसता का प्रतीक है। यह यात्रा न केवल व्यक्तिगत आस्था का प्रदर्शन करती है, बल्कि समाज में एकता और भाईचारे का संदेश भी देती है। अधिकारियों का मानना है कि सभी पक्षों के सहयोग से इस यात्रा को शांति और सुव्यवस्था के साथ सम्पन्न कराया जाएगा।
श्रावण मास, जो कि 11 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगा, में यह यात्रा हर साल हजारों भक्तों को आकर्षित करती है। इस दौरान लोग नारंगी रंग के कपड़े पहनकर गंगा के पवित्र जल को लेकर शिव मंदिरों की ओर चलने लगते हैं।
निष्कर्ष
मेरठ प्रशासन और पुलिस का प्रयास इस बार कांवड़ यात्रा को शांतिपूर्ण और सुरक्षित बनाना है। डीजे संचालकों के साथ की गई बैठक इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सभी के सहयोग से ही संभव हो सकेगा कि हम इस धार्मिक यात्रा का सही मान-सम्मान के साथ पालन कर सकें। इस वर्ष भी, भक्तों की आस्था और संयम से भरी कांवड़ यात्रा को सुखद और समृद्ध बनाने का समय आ गया है।
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समाचार लेख: टीम theoddnaari द्वारा