Hafiz Saeed को ISI ने सैन्य छावनी में छिपाया, कई मदरसों में प्रोग्राम रद्द

पाकिस्तान ने सुर्खियाँ बटोरीं, लेकिन किसी अच्छे कारण से नहीं। यह एक जानी-पहचानी वजह से सुर्खियों में आया - आतंकवाद। पिछले दो दिनों में पड़ोसी देश जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक आतंकी हमले में अपनी भूमिका के लिए चर्चा में रहा है, जिसमें 22 अप्रैल को 26 पर्यटक मारे गए और 17 घायल हो गए। बैसरन घाटी पर आतंकी हमले के बाद सबूत सामने आए - जिसे 'मिनी स्विट्जरलैंड' के नाम से भी जाना जाता है, एक आकर्षक पर्यटन स्थल ने पाकिस्तान की ओर जांच का रडार मोड़ दिया। पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) की एक शाखा 'द रेसिस्टेंस फ्रंट' (TRF) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली, जिसे 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद पहली सबसे घातक घटना के रूप में चिह्नित किया गया। पाकिस्तान को 'आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह' के रूप में जाना जाता है, यह शीर्ष आतंकवादियों का घर है जो जम्मू-कश्मीर को अस्थिर करने के लिए आतंकी हमलों की साजिश रचते रहते हैं। इसे भी पढ़ें: पाकिस्तानियों भारत छोड़ो... Amit Shah के निर्देश के बाद एक्शन में राज्य सरकारें, फडणवीस ने दी बड़ी चेतावनीपाकिस्तानी सेना के कथित समर्थन से, वे आतंकवादियों को प्रशिक्षित करते हैं और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से संचालित लॉन्च पैड से एलओसी के माध्यम से उन्हें घुसपैठ कराते हैं। लेकिन अब भारत के पलटवार के डर से आतंक की पनहगाह में ही कोहराम मचा है। पहलगाम आतंकी हमले के गुनहगार दहशत में हैं। आतंकी संगठन लश्कर -ए-तैयबा का सरगना हाफिज सईद एबटाबाद की सैन्य छावनी में हाफिज सईद खुफिया एजेंसी आईएसआई के सेफ हाउस में दुबक गया है। सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुरीदके में लश्कर के मदरसों में छिपे हाफिज को 'हमले' का खौफ सता रहा था। मुरीदके के मदरसे में 27 अप्रैल को होने वाले एक प्रोग्राम को भी निरस्त कर दिया गया है। लश्कर के कई अन्य मदरसों में भी प्रोग्राम रद्द हुए हैं। पता चला है कि जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर भी बहावलपुर में आईएसआई के सेफ हाउस में है। मसूद पिछले कुछ समय से खैबर के एक मदरसे में दुबका हुआ था। इसे भी पढ़ें: पहलगाम आतंकी हमले का 'शादी' पर साइड इफेक्ट, बाड़मेर के दूल्हे को अटारी सीमा पर रोका गयाइस बीच, गुरुवार को पाकिस्तान की नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की लगभग 5 घंटे चली बैठक के बाद भले ही पाक ने भारत के जवाब में कुछ कूटनीतिक फैसलों का ऐलान किया, लेकिन सबसे अहम मुद्दा भारत की ओर से सर्जिकल स्ट्राइक की आशंका रही। आर्मी चीफ आसिम मुनीर ने सभी कोर कमांडरों और एयरफोर्स-नेवी प्रमुखों के साथ बैठकों के कई दौर किए। हमले से डर से आतंकी मसूद अजहर भी अंडरग्राउंड है और मसूद अजहर को आईएसआई ने बहावलपुर में छुपाया है। 

Hafiz Saeed को ISI ने सैन्य छावनी में छिपाया, कई मदरसों में प्रोग्राम रद्द
Hafiz Saeed को ISI ने सैन्य छावनी में छिपाया, कई मदरसों में प्रोग्राम रद्द

Hafiz Saeed को ISI ने सैन्य छावनी में छिपाया, कई मदरसों में प्रोग्राम रद्द

The Odd Naari

लेखिका: साक्षी अग्रवाल, टीम नेटानागारी

पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के प्रमुख और मुंबई आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड Hafiz Saeed की गतिविधियों पर हाल ही में एक नया मोड़ आया है। ISI ने उन्हें एक सैन्य छावनी में छिपाने का कदम उठाया है, जिससे उनके आतंकवादी नेटवर्क को और मजबूती मिलने की आशंका जताई जा रही है। इस मामले में गौर करने वाली बात यह है कि कई मदरसों में आयोजित होने वाले कार्यक्रम भी रद्द कर दिए गए हैं, जिससे उनके समर्थकों में अराजकता फैलने का डर है।

Hafiz Saeed की अदृश्यता

हाल ही में प्राप्त जानकारियों के अनुसार, Hafiz Saeed को ISI के द्वारा भीड़-भाड़ वाले इलाकों से दूर एक सुरक्षा क्षेत्र में रखा गया है। उनके छिपने के स्थान को गुप्त रखने के प्रयासों के कारण, यह समझना कठिन है कि उनकी अगली योजना क्या हो सकती है। यह स्पष्ट है कि Saeed के लिए अब मदरसों में कार्यक्रम आयोजित करना भी मुश्किल हो गया है, जिसके कारण उनके समर्थकों में असंतोष व्याप्त है।

मदरसों में कार्यक्रम रद्द

जिस वक्त Hafiz Saeed की गतिविधियों पर नज़र रखी जा रही है, कई मदरसों ने उनके समर्थन में प्रोग्राम आयोजित करने की योजना को रद्द कर दिया है। इसलिए, अब उनकी पहचान छिपाने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले विचारों को कुंद किया जा सके। यह न केवल सुरक्षा एजेंसियों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह आम जनता के लिए भी सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम है कि धार्मिक स्थलों का दुरुपयोग न हो।

Conclusively

Hafiz Saeed की गतिविधियों पर ISI का यह कदम उनकी पकड़ को कमजोर करने का प्रयास हो सकता है। हालांकि, इस स्थिति को संतुलित करने और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत बनाने के लिए हमें सतर्क रहने की आवश्यकता है। इसे केवल एक सुरक्षा मुद्दा नहीं, बल्कि एक सार्वजनिक समस्या के रूप में भी देखना चाहिए।

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