Bihar: 7 महीनों में 1.73 लाख वाहन चालक हुए चालन के लिए दंडित, सड़क सुरक्षा पर गंभीर चिंता

सड़क दुर्घटना की सबसे प्रमुख कारणों में ओवर स्पीडिंग और नियमों की अनदेखी करना है। ट्रैफिक पुलिस के स्तर से की गई सघन जांच और बेतरतीब तरीके से वाहन चलाने वालों के खिलाफ की गई सख्त कार्रवाई की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। सिर्फ राज्य में मौजूद सभी राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच) पर इस वर्ष जनवरी से जुलाई तक यानी सिर्फ 7 महीने में नियमों की अनदेखी कर बेतरतीब तरीके से वाहन चलाने वाले 1 लाख 73 हजार 143 लोगों के चालान कटे, जिससे 26 करोड़ 27 लाख रुपये जुर्माना के तौर पर वसूला गया। इसमें सबसे ज्यादा ओवरस्पीडिंग या निर्धारित गति से अधिक स्पीड पर वाहन चलाने की वजह से चालान काटे गए हैं। इसके अलावा सीट बेल्ट नहीं लगाने, गलत ओवरटेकिंग करने समेत ऐसे अन्य सड़क से जुड़े नियमों का पालन सही तरीके से नहीं करने की वजह से जुर्माना देना पड़ा है। इन्हीं लापरवाहियों की वजह से सड़क हादसों की संख्या में इजाफा हो रहा है।  इसे भी पढ़ें: हीरो एशिया कप 2025 राजगीर: दूसरे दिन गोलों की बरसात और पूल-बी में उलटफेरप्रमुख सड़कों खासकर एनएच पर सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए कई स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। इस मामले में एडीजी (यातायात) सुधांशु कुमार का कहना है कि वर्ष 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में 50 फीसदी तक की कमी करने का लक्ष्य रखा गया है। इसे लेकर कई स्तर पर सुधारात्मक प्रयास भी शुरू कर दिए गए हैं। तीन हजार किमी से अधिक लंबे एनएच पर पेट्रोलिंग करने के लिए आधुनिक सुविधाओं से युक्त पेट्रोलिंग वाहनों की तैनाती की गई है। इन पेट्रोलिंग वाहनों की मदद से ओवर स्पीडिंग वाले वाहनों की गति जांच करके चालाना काटने से लेकर अन्य ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है। ताकि एनएच पर दुर्घटनाओं को कम करने में मदद मिले। इसे भी पढ़ें: महागठबंधन का CM चेहरा घोषित! राहुल-अखिलेश की मौजूदगी में तेजस्वी ने खुद को बताया 'असली', नीतीश पर कसा तंजएडीजी सुधांशु कुमार ने बताया कि इन पेट्रोलिंग वाहनों में जीपीएस (ग्लोबल पोजेशनिंग सिस्टम) लगाए जा रहे हैं, जिससे यह पता चल सके कि कौन से वाहन किस इलाके में पेट्रोलिंग कर रहे हैं। अपनी सीमा से बाहर जाने वाले वाहनों को उचित निर्देश दिए जा सकें। जरूरत पड़ने पर ऐसे वाहनों को पटना मुख्यालय स्थित कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से कमांड भेजकर बंद किया जा सके। जल्द ही ऐसे 58 और हाईवे पेट्रोलिंग वाहन इस खेमे में शामिल होने जा रहे हैं। इससे पूरे एनएच पर पेट्रोलिंग करने में काफी सहूलियत होगी। हर वाहन को पेट्रोलिंग करने के लिए एक निश्चित दूरी निर्धारित कर दी जाएगी, जिसका किसी को उल्लंघन नहीं करना होगा। इससे ट्रैफिक नियमों की अनदेखी करने वाले वाहनों के खिलाफ अधिक संख्या में कार्रवाई हो सकेगी।

Bihar: 7 महीनों में 1.73 लाख वाहन चालक हुए चालन के लिए दंडित, सड़क सुरक्षा पर गंभीर चिंता
Bihar: एनएच पर बेतरतीब वाहन चलाने वाले 1.73 लोगों का 7 महीने में कटा चालान

Bihar: 7 महीनों में 1.73 लाख वाहन चालक हुए चालन के लिए दंडित, सड़क सुरक्षा पर गंभीर चिंता

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कम शब्दों में कहें तो, पिछले 7 महीनों में बिहार के राष्ट्रीय राजमार्गों पर नियमों की अनदेखी करने वाले 1 लाख 73 हजार 143 वाहन चालकों के चालान काटे गए हैं। इस कार्रवाई से स्पष्ट है कि ओवर स्पीडिंग और ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन सड़क दुर्घटनाओं के प्रमुख कारण बने हैं। इस लेख में हम इन चालानों के पीछे की आवश्यक जानकारी और सड़क सुरक्षा उपायों की चर्चा करेंगे।

बेतरतीब वाहन चलाने के कारण

बिहार में सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या ने ट्रैफिक कानूनों के पालन की आवश्यकता को और अधिक महत्वपूर्ण बना दिया है। इस वर्ष जनवरी से जुलाई तक, ओवरस्पीडिंग के कारण सबसे अधिक चालान जारी किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, सीट बेल्ट नहीं लगाना और गलत ओवरटेकिंग जैसे अन्य नियमों का उल्लंघन भी चिंताजनक है, जो सड़क पर दुर्घटनाओं का एक मुख्य कारण बन रहा है। लापरवाहियों के चलते, सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में इजाफा हो रहा है, जिससे निश्चित रूप से लोगों की जान को खतरा है।

सड़क सुरक्षा के उपाय और लक्ष्य

बिहार की ट्रैफिक पुलिस ने सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए कई सख्त कदम उठाए हैं। एडीजी (यातायात) सुधांशु कुमार के अनुसार, 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में 50 प्रतिशत की कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए 3000 किमी लंबी बाधाओं पर आधुनिक पेट्रोलिंग वाहनों की तैनाती की जा रही है। ये पेट्रोलिंग वाहन ओवरस्पीडिंग की पहचान करके त्वरित कार्रवाई करने में सक्षम होते हैं, ताकि एनएच पर सड़क सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके।

नई तकनीक और पेट्रोलिंग पहल

ट्रैफिक सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए, इन पेट्रोलिंग वाहनों में जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) लगाया जा रहा है। इससे अधिकारी पता लगा सकेंगे कि प्रत्येक वाहन किस क्षेत्र में पेट्रोलिंग कर रहा है। आवश्यकता पड़ने पर इन्हें पटना स्थित कमांड और कंट्रोल सेंटर से बंद करने की व्यवस्था की गई है। भविष्य में 58 और हाईवे पेट्रोलिंग वाहन भी शामिल किए जाएंगे, जिससे एनएच पर पेट्रोलिंग का कार्य अधिक सुविधाजनक होगा।

निष्कर्ष: हम सभी की जिम्मेदारी

बिहार में सड़क सुरक्षा की बढ़ती चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए हम सभी को ट्रैफिक नियमों का पालन करना जरूरी है। सरकार और ट्रैफिक पुलिस भी सड़क उपयोगकर्ताओं के प्रति जिम्मेवार हैं। यह आवश्यक है कि हम सड़क पर सुरक्षित परिवहन के अनुभव को सुनिश्चित करने के लिए एकजुट होकर कार्य करें। जोड़-तोड़ और लापरवाही को रोकने के लिए हमें जागरुकता बढ़ानी होगी ताकि हम एक सुरक्षित और स्वस्थ परिवहन का अनुभव कर सकें।

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लेखक: सुमन कुमारी, नेहा गुप्ता, और प्रिया सिंह

संपादित: टीम The Odd Naari

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