हरिद्वार: विदेशों के राजदूतों के साथ आयुष, पर्यटन और संस्कृति पर गहन चर्चा

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर उत्तराखंड आए विभिन्न देशों के राजदूत / उच्चायुक्त/ प्रतिनिधियों के साथ निवेश आयुष, पर्यटन एवं संस्कृति पर विस्तृत रणनीतिक चर्चा से संबंधित बैठक हरिद्वार में आयोजित की गई | बैठक में मेक्सिको, फिजी,नेपाल, सूरीनाम, मंगोलिया, लातविया, श्रीलंका और रूस के राजनयिक व अन्य उच्च अधिकारियों के साथ ही उत्तराखंड […] Source

हरिद्वार: विदेशों के राजदूतों के साथ आयुष, पर्यटन और संस्कृति पर गहन चर्चा
हरिद्वार : विदेशी राजदूतों के साथ आयुष, पर्यटन एवं संस्कृति पर विस्तृत रणनीतिक चर्चा…

हरिद्वार: विदेशों के राजदूतों के साथ आयुष, पर्यटन और संस्कृति पर गहन चर्चा

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कम शब्दों में कहें तो, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर उत्तराखंड के हरिद्वार में विभिन्न देशों के राजदूतों और उच्चायुक्तों के साथ आयुष, पर्यटन एवं संस्कृति पर एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में मेक्सिको, फिजी, नेपाल, सूरीनाम, मंगोलिया, लातविया, श्रीलंका और रूस के राजनयिकों की उपस्थिति रही। यह बैठक उत्तराखंड सरकार द्वारा विशेष रूप से संभावित निवेश के माध्यम से भारतीय संस्कृति को वैश्विक मंच पर स्थापित करने के उद्देश्य से की गई थी।

बैठक का उद्देश्य

इस बैठक का प्राथमिक उद्देश्य भारतीय संस्कृति, योग और आयुष चिकित्सा की वैश्विक स्तर पर पहचान बनाना था। इसमें पर्यटन क्षेत्र में सहयोग की संभावनाएं तलाशने और अन्य देशों के साथ संबंधों को और मजबूत करने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। प्रतिनिधियों का मानना था कि आयुर्वेद और अन्य भारतीय चिकित्सा विधियों को अंतरराष्ट्रीय समुदाय में प्रस्तुत करना आवश्यक है, जिससे आयुष की महत्वपूर्णता को बढ़ावा मिल सके।

प्रतिनिधियों की प्रतिक्रिया

इस महत्वपूर्ण बैठक में उपस्थित विदेशी राजनयिकों ने भारत की संस्कृति और योग के प्रति अपनी गहरी रुचि व्यक्त की। उदाहरणस्वरूप, मेक्सिको के राजदूत ने कहा, "भारत के आयुष और योग की विधियाँ हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। हम इन्हें अपने देश में भी लागू करना चाहते हैं।" श्रीलंका के प्रतिनिधियों ने भी भारतीय संस्कृति के मूल्यों और उससे मिलने वाले लाभों पर जोर दिया।

आयुष, पर्यटन और संस्कृति का प्रवर्धन

उत्तराखंड राज्य ने इस चर्चा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यहां की प्राकृतिक सुंदरता, धार्मिक महत्व और आयुर्वेदिक पद्धतियाँ इसे वैश्विक स्तर पर एक अद्वितीय स्थान देने के लिए जानी जाती हैं। इस तरह की चर्चाएँ और सहयोगी कार्यक्रम भविष्य में संभावित निवेश को अपनी ओर आकर्षित करने में सहायक होंगे।

निष्कर्ष

यह बैठक न केवल विभिन्न देशों के राजदूतों के मध्य संबंधों को मजबूती प्रदान करती है बल्कि आयुष, पर्यटन और संस्कृति के क्षेत्र में भारत की स्थिति को भी बड़ा महत्व देती है। आगे चलकर, ये चर्चाएँ न सिर्फ निवेश के अवसर उत्पन्न करती हैं, बल्कि संस्कृति और स्वस्थ जीवनशैली को भी बढ़ावा देती हैं। आगे बढ़ते हुए, ऐसी रणनीतियाँ बनाना आवश्यक है जो वैश्विक स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा दें।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के इस विशेष अवसर पर, हरिद्वार में हुई यह बैठक एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि कैसे विभिन्न देशों के बीच संवाद और सहयोग हमारे समाज को स्वस्थ और समृद्ध बनाने में योगदान दे सकते हैं।

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