हरिद्वार: बिना अनुमति के मस्जिद निर्माण, संत समाज की आवाज पर जागा जिला प्रशासन
उत्तराखंड सनातन जिले हरिद्वार में बिना प्रशासन की अनुमति के बनने लगी मस्जिद ,संत समाज अखाड़ों की आपत्ति के बाद जागा जिला प्रशासनचित्र मस्जिदउत्तराखंड ब्यूरोहरिद्वार : कल्पना करिए हरिद्वार जैसे सनातनी जिले में उत्तराखंड की सबसे बड़ी मस्जिद बनाए जाने का काम चल रहा हो और जिला प्रशासन आंख बंद किए बैठा हो तो साधु […] Source

हरिद्वार: बिना अनुमति के मस्जिद निर्माण, संत समाज की आवाज पर जागा जिला प्रशासन
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कम शब्दों में कहें तो हरिद्वार में बिना प्रशासन की अनुमति से एक बड़ी मस्जिद का निर्माण कार्य शुरू हो गया है, जिसके बाद संत समाज और अखाड़ों की आपत्ति के चलते जिला प्रशासन अब सचेत हुआ है। साधु संतों में इस मस्जिद के निर्माण को लेकर भारी चिंताएं उत्पन्न हो गई हैं, जिससे सामाजिक और धार्मिक तनाव की स्थिति बन गई है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
हरिद्वार, जो कि हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण केंद्र है, में इस मामले को देखते हुए जिला प्रशासन ने गंभीरता दिखानी शुरू कर दी है। प्रशासन के अनुसार, सभी धार्मिक स्थलों का निर्माण कानूनी प्रक्रिया के तहत होना आवश्यक है। संत समाज की आपत्तियों को अधिमान देते हुए प्रशासन अब इस मामले की जांच कर रहा है। स्थानीय निवासियों का मानना है कि इस प्रयास से हिन्दू समुदाय की भावनाएं आहत होने का खतरा बढ़ सकता है।
संत समाज की चिंता
संत समाज ने इस मस्जिद के निर्माण को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उनका कहना है कि हरिद्वार एक धार्मिक स्थल है और यहां बिना अनुमति के कोई भी निर्माण कार्य धार्मिक परंपराओं का उल्लंघन है। संत समाज ने इस मुद्दे को उठाते हुए प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
स्थानीय नागरिकों की आवाज़
स्थानीय निवासियों में इस मस्जिद के निर्माण को लेकर चिंता का माहौल है। कई लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि यदि निर्माण कार्य चलता रहा तो इससे सामाजिक ताने-बाने में दरार आ सकती है। स्थानीय निवासी रामकृष्ण पांडे ने कहा, "हम शांति के साथ रहना चाहते हैं। प्रशासन को तुरंत इस मस्जिद के निर्माण पर सख्त कदम उठाने चाहिए।"
भविष्य की संभावनाएं
यह देखना दिलचस्प होगा कि जिला प्रशासन इस मस्जिद के निर्माण को रोकने के लिए क्या कदम उठाता है। क्या संत समाज की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए उन्हें ठोस और त्वरित कार्रवाई करनी होगी, या यह मामला आगे बढ़ता रहेगा? सभी की निगाहें अब प्रशासन की अगले कदम पर टिकी हुई हैं। यदि सही समय पर कदम नहीं उठाया गया, तो यह स्थिति और जटिल हो सकती है।
इस विवाद का समाधान केवल प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह स्थानीय समुदाय की एकजुटता के लिए भी आवश्यक है। संत समाज और प्रशासन के बीच सही संवाद स्थापित करना इस मुद्दे का समाधान निकालने में मदद कर सकता है।
निष्कर्ष
हरिद्वार जैसे पवित्र स्थल पर इस प्रकार की स्थिति उत्पन्न होना एक बड़ी चुनौती है। प्रशासन को चाहिए कि वे संत समाज और स्थानीय समुदाय की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए निर्णय लें। अच्छे संवाद और सामंजस्यपूर्ण माहौल को बनाए रखना सभी पक्षों के हित में होगा।
एक समुचित समाधान निकालने के लिए प्रशासन को प्राथमिकता देते हुए इस मुद्दे का निपटारा करना चाहिए, ताकि सभी समुदायों के बीच सद्भावना बनी रहे। हमें इस पूरे घटनाक्रम पर निकटता से नजर रखनी चाहिए।
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सादर,
टीम द ओड नैरी, प्रियंका शर्मा