शिक्षा क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए ‘ज्ञान गंगा सम्मान 2025’ समारोह में विभूतियों को किया गया सम्मानित

The post शिक्षा जगत की विभूतियों का किया गया सम्मानित appeared first on Avikal Uttarakhand. ज्ञान गंगा सम्मान 2025 का आयोजन देहरादून। कुसुम कांता फाउंडेशन व मंथन वेलफेयर सोसाइटी केबसंयुक्त तत्वावधान मे शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले शिक्षकों को सम्मानित करने हेतु… The post शिक्षा जगत की विभूतियों का किया गया सम्मानित appeared first on Avikal Uttarakhand.

शिक्षा क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए ‘ज्ञान गंगा सम्मान 2025’ समारोह में विभूतियों को किया गया सम्मानित
शिक्षा क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए ‘ज्ञान गंगा सम्मान 2025’ समारोह में विभूतियों को किया गया सम्मानित

शिक्षा क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए ‘ज्ञान गंगा सम्मान 2025’ समारोह में विभूतियों को किया गया सम्मानित

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कम शब्दों में कहें तो, "ज्ञान गंगा सम्मान 2025" के अंतर्गत उत्कृष्ट शिक्षकों को सम्मानित किया गया, जिसका आयोजन देहरादून में हुआ। यह समारोह शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता पर केन्द्रित है।

देहरादून में कुसुम कांता फाउंडेशन और मंथन वेलफेयर सोसाइटी के संयुक्त तत्वावधान में "ज्ञान गंगा सम्मान 2025" का भव्य आयोजन किया गया। इस गरिमामयी कार्यक्रम का आयोजन सनराइज एकेडमी, रायपुर रोड, देहरादून में हुआ, जिसमें प्रदेश भर से आए शिक्षकों और शिक्षाविदों की उपस्थिति ने इसे ऐतिहासिक बना दिया।

इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उनके साथ विधायक राजपुर, खजान दास, पर्यावरणविद् पद्मश्री कल्याण सिंह ‘मैती’, शिक्षाविद प्रेम कश्यप और अनुज एस. सिंह विशिष्ट अतिथि के रूप में मंच पर मौजूद रहे।

कार्यक्रम का मंच संचालन डा. ममता शर्मा ने अत्यंत प्रभावशाली तौर पर किया। स्वागत भाषण कुसुम कांता फाउंडेशन और सनराइज एकेडमी की चेयरमैन विदुषी निशंक द्वारा दिया गया, जहां उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे सकारात्मक परिवर्तनों पर चर्चा की।

समारोह की विशेषता यह रही कि राज्य के 25 से अधिक सरकारी और निजी विद्यालयों के शिक्षकों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इन शिक्षकों ने न केवल अपने विद्यालयों में शैक्षणिक गुणवत्ता को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया है, बल्कि विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

मुख्य अतिथि डॉ. रमेश पोखरियाल “निशंक” ने अपने उद्बोधन में कहा कि "शिक्षक समाज की रीढ़ होते हैं।" उन्होंने कहा, "उन्हें सम्मानित करना केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि उनके योगदान को नमन करने का एक विनम्र प्रयास है।"

कार्यक्रम के अंत में सभी गायकों ने आए हुए शिक्षकों को पुरस्कृत करते हुए सम्मान पत्र प्रदान किए। यह आयोजन शिक्षा प्रेमियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना और सभी ने इस प्रयास की सराहना की। कार्यक्रम की संयोजिका मंथन वेलफेयर सोसाइटी की सचिव और सनराइज एकेडमी की प्रबंध निदेशिका पूजा पोखरियाल ने सभी सम्मान पाने वाले शिक्षाविदों को बधाई और शुभकामनाएं दीं।

इस प्रकार, "ज्ञान गंगा सम्मान 2025" शिक्षक समुदाय में उत्साह और प्रेरणा का संचार करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बन गया है। शिक्षक हमारे समाज की नींव हैं और उन्हें इस प्रकार के सम्मानों के माध्यम से प्रोत्साहित करने से शिक्षा के स्तर में सुधार होगा।

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सादर, टीम द ओड नारी (राजश्री शर्मा)