मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना: 22 सितंबर को पहली किस्त का वितरण, महिलाओं के लिए नया अवसर

बिहार सरकार ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त और स्वावलंबी बनाने के लिए एक महत्वाकांक्षी कदम उठाया है। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत प्रत्येक परिवार से एक महिला को 10 हजार रुपये दी जाएगी। योजना की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 22 सितंबर (सोमवार) को सूबे की 50 लाख महिलाओं के खाते में 10-10 हजार रुपये की पहली किस्त भेजी जाएगी। स्वरोजगार प्रदान करने के लिए इन महिलाओं के बीच 5 हजार करोड़ रुपये का वितरण होगा। लाभुक महिलाओं के बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से यह राशि मुख्यमंत्री हस्तांतरित करेंगे। इसके लिए सोमवार की सुबह 11 बजे राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया है। ग्रामीण विकास विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने इसे लेकर सभी जिलों के डीएम को पत्र जारी किया है। इसमें खासतौर से यह निर्देश दिया गया है कि इस मौके पर संकुल स्तरीय संघ ग्राम संगठन स्तर पर इसे उत्सव के तौर पर मनाया जाएगा। इस ऐतिहासिक अवसर को उत्सव के तौर पर मनाने एवं जन-जन तक इसकी जानकारी पहुंचाने के साथ ही महिला समूहों एवं सामुदायिक संगठनों को जागरूक करने के उदेश्य से राज्य मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किया जाएगा। ग्राम पंचायत स्तर पर भी इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसमें जीविका स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) के सदस्यों की सहभागिता होगी। इसे भी पढ़ें: CM नीतीश ने हॉकी चैंपियंस को किया सम्मानित, कप्तान बोले- बिहार का प्यार खासयह होगी कार्यक्रम की रूपरेखा- इस कार्यक्रम की रूपरेखा निर्धारित की गई है। सभी 38 जिला मुख्यालय में डीएम की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन होगा। इसमें जन प्रतिनिधि के अलावा जिला स्तरीय अधिकारी एवं स्वयं सहायता समूह से जुड़ी कम से कम 1 हजार महिलाएं भाग लेंगी। - सभी 534 प्रखंड मुख्यालय में बीडीओ (प्रखंड विकास पदाधिकारी) की अध्यक्षता में यह कार्यक्रम होगा। इसमें प्रखंड स्तरीय जन प्रतिनिधि, अधिकारी और एसएचजी से जुड़ी 500 महिलाएं भाग लेंगी।- जीविका के सभी 1680 संकुल स्तरीय संघ पर भी इस कार्यक्रम का आयोजन होगा। इसमें संकुल स्तरीय जीविका समूह की 200 महिलाएं शामिल होंगी। - जीविका के सभी 70 हजार ग्राम संगठन स्तर पर भी इस कार्यक्रम के लाइव प्रसारण की व्यवस्था की गई है। इसमें एसएचजी से जुड़ी 100 महिलाएं भाग लेंगी।  यह है योजना का मकसदयह राशि महिलाओं को स्वरोजगार शुरू करने, छोटे-मोटे व्यवसाय स्थापित करने या मौजूदा व्यवसायों को बढ़ाने में सहायता प्रदान करेगी। इस योजना के तहत दी जाने वाली वित्तीय सहायता से महिलाएं खेती, पशुपालन, हस्तशिल्प, सिलाई, बुनाई, और अन्य लघु उद्यमों में निवेश कर सकेंगी। स्वरोजगार शुरू कर महिलाएं स्वालंबी बन सकेगी। इससे इनका परिवार भी सशक्त बन सकेगा। योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की महिलाओं विशेषकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं को समान रूप से लाभ पहुंचाना है।  1 करोड़ 5 लाख दीदियों ने किया आवेदनइसके लिए ऑनलाइन पंजीकरण और आवेदन प्रक्रिया को सरल रखा गया है, ताकि अधिक से अधिक महिलाएं इसका लाभ उठा सकें। इसका लाभ लेने के लिए अब तक 1 करोड़ 5 लाख जीविका दीदियों ने आवेदन किया है। साथ ही 1 लाख 40 हजार से अधिक महिलाओं ने समूह से जुड़ने के लिए आवेदन किया है। स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को इसका लाभ देने का प्रावधान है।  ये उठा सकते हैं योजना का लाभ योजना का लाभ उन परिवारों को मिलेगा, जिनमें पति-पत्नी और उनके अविवाहित बच्चे शामिल हैं। वैसी अविवाहित वयस्क महिलाएं जिनके माता-पिता जीवित नहीं हैं, वह भी पात्र होंगी। आवेदिका की उम्र 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए। आवेदिका या उनके पति आयकर दाता नहीं होने चाहिए। साथ वे या उनके पति सरकारी सेवा (नियमित या संविदा) में नहीं होना चाहिए। जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ी सभी महिलाएं इस योजना के लिए पात्र होंगी। यह है आवेदन की प्रक्रियाग्रामीण क्षेत्र :-  एसएचजी से जुड़ी महिलाएं अपने ग्राम संगठन में आवेदन जमा करेंगी। ग्राम संगठन स्तर पर एक विशेष बैठक आयोजित होगी, जिसमें समूह के सभी सदस्यों का एक समेकित प्रपत्र में आवेदन लिया जाएगा। जो महिलाएं स्वयं सहायता समूह से नहीं जुड़ी हैं उन्हें पहले अपने ग्राम संगठन में निर्धारित प्रपत्र में आवेदन देकर समूह में शामिल होना होगा। इसे भी पढ़ें: Bihar: मुख्यमंत्री ने राज्य आपदा रिस्पॉन्स बल वाहिनी मुख्यालय भवन का किया उद्घाटन शहरी क्षेत्र :-  शहरी क्षेत्र की महिलाएं जीविका की आधिकारिक वेबसाइट www.brlps.in पर उपलब्ध लिंक के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं। पूर्व से स्वयं सहायता समूह से जुड़ी शहरी महिलाओं को ऑनलाइन आवेदन की आवश्यकता नहीं होगी।

मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना: 22 सितंबर को पहली किस्त का वितरण, महिलाओं के लिए नया अवसर
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना: 22 सितंबर को पहली किस्त का वितरण, महिलाओं के लिए नया अवसर

मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना: 22 सितंबर को पहली किस्त का वितरण, महिलाओं के लिए नया अवसर

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कम शब्दों में कहें तो, बिहार सरकार ने महिलाओं के आर्थिक empowerment के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 22 सितंबर को 50 लाख महिलाओं के खाते में पहली किस्त के रूप में 10,000 रुपये भेजेंगे। यह योजना सरकार द्वारा 5,000 करोड़ रुपये का वितरण करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

महिलाओं को आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में एक कदम

बिहार सरकार ने महिलाओं को अर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत, प्रत्येक परिवार से एक महिला को 10,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य स्वरोजगार के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और आर्थिक दृष्टि से सशक्त बनाना है।

कार्यक्रम की रूपरेखा

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 22 सितंबर को सुबह 11 बजे एक राज्य स्तरीय कार्यक्रम में इस योजना की पहली किस्त का वितरण करेंगे। ग्रामीण विकास विभाग के सचिव, लोकेश कुमार सिंह ने सभी जिलों के डीएम को पत्र भेजकर निर्देशित किया है कि इस कार्यक्रम का आयोजन उत्सव के रूप में किया जाए। विभिन्न स्तरों पर इस कार्यक्रम को मनाया जाएगा:

  • 38 जिला मुख्यालयों में जिलाधीशों के नेतृत्व में कार्यक्रम आयोजित होगा जिसमें 1,000 से अधिक महिलाएं भाग लेंगी।
  • 534 प्रखंड मुख्यालयों में विकास पदाधिकारियों की अध्यक्षता में आयोजन होगा, जिसमें 500 महिलाएं भाग लेंगे।
  • 1680 संकुल स्तरीय संघों पर भी कार्यक्रम होगा जहाँ 200 महिलाएं भाग लेंगी।
  • 70,000 ग्राम संगठनों में इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण होगा जिसमें 100 महिलाएं शामिल होंगी।

योजना का मकसद

यह राशि महिलाओं को स्वरोजगार की शुरुआत करने या छोटे व्यवसाय स्थापित करने में सहायता प्रदान करेगी। महिलाएं इस वित्तीय सहायता का उपयोग खेती, पशुपालन, हस्तशिल्प, सिलाई, बुनाई, और अन्य लघु उद्यमों में कर सकती हैं। इस योजना के माध्यम से, महिलाएं केवल अपने परिवार की नहीं, बल्कि समाज की भी आर्थिक स्थिति को सशक्त बनाएंगी।

आवेदन प्रक्रिया

ग्रामीण क्षेत्र

स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ी महिलाएं अपने ग्राम संगठन में आवेदन जमा करेंगी जहां एक विशेष बैठक में सभी सदस्यों का एक समेकित आवेदन लिया जाएगा। जो महिलाएं SHG से जुड़ी नहीं हैं, उन्हें पहले समूह में शामिल होने के लिए आवेदन करना होगा।

शहरी क्षेत्र

शहरी क्षेत्रों में रहने वाली महिलाएं जीविका की आधिकारिक वेबसाइट www.brlps.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं। जो महिलाएं पहले से स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हैं, उन्हें ऑनलाइन आवेदन की आवश्यकता नहीं होगी।

प्राप्त आवेदनों की संख्या

इस योजना के लिए अब तक 1 करोड़ 5 लाख जीविका दीदियों ने आवेदन किया है। इसके अलावा, 1 लाख 40 हजार से अधिक महिलाएं समूह में शामिल होने के लिए आवेदन कर चुकी हैं। यह दर्शाता है कि इस योजना को लेकर महिलाओं में जबरदस्त उत्साह है।

योजना से कौन लाभ उठा सकता है?

योजना का लाभ उन परिवारों को मिलेगा जिसमें पति, पत्नी और अविवाहित बच्चे शामिल हैं। साथ ही, अविवाहित वयस्क महिलाएं जिनके माता-पिता जीवित नहीं हैं, भी पात्र होंगी। आवेदिका की उम्र 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए।

बिहार की यह महत्वाकांक्षी योजना न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी, बल्कि महिलाओं के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसके जरिए न केवल महिलाएं, बल्कि सम्पूर्ण समाज भी लाभान्वित होगा।

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सादर,
टीम द ओड नारी
आर्या सिंह