'भारत की सुरक्षा के लिए हर कदम उठाएंगे', राष्ट्रपति मुर्मू का आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर पर जोर

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर अपने संबोधन में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक ऐतिहासिक मिसाल के रूप में याद किया जाएगा। राष्ट्रपति मुर्मू ने पहलगाम में निर्दोष नागरिकों पर हुए आतंकवादी हमले को 'कायरतापूर्ण और पूरी तरह से अमानवीय' बताया। उन्होंने आगे कहा कि पहलगाम हमले के प्रति भारत की प्रतिक्रिया, ऑपरेशन सिंदूर, निर्णायक और दृढ़ संकल्प के साथ थी। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने दिखाया कि राष्ट्र की रक्षा के लिए हमारे सशस्त्र बल किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि नागरिकों की रक्षा के लिए हर कदम उठाएंगे।  इसे भी पढ़ें: 'संविधान और लोकतंत्र हमारे लिए सर्वोपरि', राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, पूरे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा भारतद्रौपदी मुर्मू ने कहा कि इस वर्ष, हमें आतंकवाद का दंश झेलना पड़ा। कश्मीर घूमने गए निर्दोष नागरिकों की हत्या, कायरतापूर्ण और नितांत अमानवीय थी। इसका जवाब भारत ने, फौलादी संकल्प के साथ निर्णायक तरीके से दिया। ऑपरेशन सिंदूर ने यह दिखा दिया कि जब राष्ट्र की सुरक्षा का प्रश्न सामने आता है तब हमारे सशस्त्र बल किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह सक्षम सिद्ध होते हैं। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर, प्रतिरक्षा के क्षेत्र में, 'आत्मनिर्भर भारत मिशन' की परीक्षा का भी अवसर था। अब यह सिद्ध हो गया है कि हम सही रास्ते पर हैं। हमारा स्वदेशी विनिर्माण उस निर्णायक स्तर पर पहुंच गया है जहां हम अपनी बहुत सी सुरक्षा-आवश्यकताओं को पूरा करने में भी आत्मनिर्भर बन गए हैं।उन्होंने कहा कि युवा प्रतिभाओं से प्रेरित होकर, हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रम ने अभूतपूर्व विस्तार देखा है। मुझे विश्वास है कि शुभांशु शुक्ला की अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक की अंतरिक्ष यात्रा ने एक पूरी पीढ़ी को बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित किया है। यह भारत के आगामी मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम, 'गगनयान' के लिए अत्यंत सहायक सिद्ध होगा। नए आत्मविश्वास से ओतप्रोत, हमारे युवा खेलों में अपनी पहचान बना रहे हैं। उदाहरण के लिए, शतरंज में अब भारत के युवाओं का पहले से कहीं अधिक दबदबा है। हम ऐसे परिवर्तनकारी बदलावों की आशा करते हैं जो राष्ट्रीय खेल नीति 2025 में निहित दृष्टिकोण के तहत भारत को एक वैश्विक खेल महाशक्ति के रूप में स्थापित करेंगे। इसे भी पढ़ें: Telangana: सांसदों के साथ दिल्ली में CM रेवंत रेड्डी ने किया प्रदर्शन, भाजपा पर लगाया ये बड़ा आरोपराष्ट्रपति ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौती का सामना करने के लिए, हमें अपने आप में भी कुछ परिवर्तन करने होंगे। हमें अपनी आदतें और अपनी विश्व-दृष्टि में बदलाव लाना होगा। हमें अपनी धरती, नदियों, पहाड़ों, पेड़-पौधों और जीव-जंतुओं के साथ अपने संबंधों में भी परिवर्तन करना होगा। उन्होंने कहा कि सामाजिक क्षेत्र में किए गए प्रयासों से संवर्धित, समग्र आर्थिक विकास के बल पर भारत, 2047 तक एक विकसित अर्थव्यवस्था बनने के मार्ग पर अग्रसर है। मैं समझती हूं कि अमृत काल के इस दौर में, आगे बढ़ते जाने की राष्ट्रीय यात्रा में, सभी देशवासी यथाशक्ति अपना सर्वाधिक योगदान देंगे।

'भारत की सुरक्षा के लिए हर कदम उठाएंगे', राष्ट्रपति मुर्मू का आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर पर जोर
'नागरिकों की रक्षा के लिए हर कदम उठाएंगे', राष्ट्रपति मुर्मू बोलीं- आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में मिसाल बनेगा ऑपरेशन सिंदूर

'भारत की सुरक्षा के लिए हर कदम उठाएंगे', राष्ट्रपति मुर्मू का आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर पर जोर

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कम शब्दों में कहें तो, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर अपने भाषण में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक ऐतिहासिक मिसाल के रूप में याद किया जाएगा। पहलगाम में निर्दोष नागरिकों पर हुए आतंकवादी हमले को उन्होंने 'कायरतापूर्ण और पूरी तरह से अमानवीय' बताया। इस संबोधन का उद्देश्य उन भारतीयों के हौसले को बढ़ाना है, जो आतंकवाद के खिलाफ सख्त और निर्णायक कदम उठाने के लिए अग्रसर हैं।

ऑपरेशन सिंदूर का महत्व

राष्ट्रपति मुर्मू ने इस अवसर पर कहा कि पहलगाम हमले के प्रति भारत की प्रतिक्रिया, ऑपरेशन सिंदूर, आत्म-विश्वास और दृढ़ संकल्प के साथ थी। इस ऑपरेशन ने यह दिखा दिया कि राष्ट्र की रक्षा के लिए हमारे सशस्त्र बल किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। नागरिकों की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता है, और वे इसके लिए हर आवश्यक कदम उठाने के लिए तत्पर हैं।

अभूतपूर्व आत्मनिर्भरता

राष्ट्रपति ने जोर दिया कि ऑपरेशन सिंदूर, 'आत्मनिर्भर भारत मिशन' की परीक्षा का भी अवसर है। यह प्रदर्शित करता है कि भारत किस तरह आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, "अब यह सिद्ध हो गया है कि हम सही दिशा में हैं। हमारा स्वदेशी विनिर्माण उस स्तर पर पहुंच चुका है, जहां हम अपनी अधिकांश सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने में आत्मनिर्भर बने हैं।"

युवाओं की भूमिका और भविष्य की संभावनाएँ

राष्ट्रपति ने युवाओं की अभूतपूर्व प्रतिभा पर भी ध्यान केंद्रित किया और कहा कि उनके प्रेरणादायक कार्यों ने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में उल्लेखनीय प्रगति की है। शुभांशु शुक्ला की अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक की यात्रा ने नई पीढ़ी को बड़े सपने देखने के लिए प्रोत्साहित किया है। खेलों में भी भारतीय युवा नई ऊंचाइयों की ओर अग्रसर हैं, विशेषकर शतरंज और अन्य खेलों में।

जलवायु परिवर्तन और सामाजिक उत्तरदायित्व

जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करते हुए, राष्ट्रपति मुर्मू ने नागरिकों से आग्रह किया कि उन्हें अपनी आदतों और दृष्टिकोण में परिवर्तन लाना होगा। इसके साथ ही, उन्होंने 2047 तक एक विकसित अर्थव्यवस्था बनने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि सभी देशवासियों को अपनी भूमिका निभानी चाहिए।

राष्ट्रपति मुर्मू का यह संबोधन सुरक्षा और विकास की दिशा में प्रोत्साहक साबित होगा। यह एक अवसर है कि सभी नागरिक अपने-अपने तरीके से राष्ट्र की सुरक्षा और प्रगति में योगदान दें। हमें एक नई दिशा में आगे बढ़ना है, जहां हम सब मिलकर एक सुरक्षित और समृद्ध भारत का निर्माण करें।

इसे भी पढ़ें: 'संविधान और लोकतंत्र हमारे लिए सर्वोपरि', राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, पूरे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा भारत

अंत में, राष्ट्रपति मुर्मू ने न केवल आतंकवाद के खिलाफ अडिग रहने का संकल्प लिया है, बल्कि उन्होंने हमारे सशस्त्र बलों की क्षमता को भी स्पष्ट किया है, जिससे नागरिकों में सुरक्षा का विश्वास बढ़ता है।

सादर,

टीम द Odd Naari