प्रो. नवीन चन्द्र लोहनी की नियुक्ति, उत्तराखण्ड मुक्त विवि के नए कुलपति
The post प्रो. नवीन चन्द्र लोहनी बने उत्तराखण्ड मुक्त विवि के नए कुलपति appeared first on Avikal Uttarakhand. मेरठ के वरिष्ठ हिन्दी प्रोफेसर को तीन साल के लिए सौंपी जिम्मेदारी निवर्तमान कुलपति के कार्यकाल की जांच की मांग अविकल उत्तराखंड हल्द्वानी। उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय को नया कुलपति मिल… The post प्रो. नवीन चन्द्र लोहनी बने उत्तराखण्ड मुक्त विवि के नए कुलपति appeared first on Avikal Uttarakhand.
प्रो. नवीन चन्द्र लोहनी बने उत्तराखण्ड मुक्त विवि के नए कुलपति
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कम शब्दों में कहें तो, सुप्रसिद्ध हिन्दी प्रोफेसर प्रो. नवीन चन्द्र लोहनी को उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय का नया कुलपति नियुक्त किया गया है, जिससे शिक्षा जगत में नई उम्मीदें जग गई हैं।
नए कुलपति की नियुक्ति
प्रो. लोहनी को तीन वर्षों के लिए इस पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उनकी नियुक्ति विश्वविद्यालय की परिनियमावली-2009 के तहत चयनित पैनल के माध्यम से की गई। वर्तमान में, प्रो. लोहनी चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ में हिन्दी विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे। उनकी अनुभव और निपुणता से यह अपेक्षित है कि वे विश्वविद्यालय का कुशल संचालन करेंगे।
भविष्य की दिशा
प्रोफेसर लोहनी की नियुक्ति के साथ ही विश्वविद्यालय के विकास की दिशा में नई उम्मीदें जगी हैं। भाकपा माले के राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी ने निवर्तमान कुलपति प्रो. ओमप्रकाश सिंह नेगी के कार्यकाल की जांच की मांग की है। उनके अनुसार, विश्वविद्यालय में पिछले कुलपति के कार्यकाल के दौरान हुई सभी नियुक्तियों और कार्यों की गहन समीक्षा की जानी चाहिए। इस मांग से यह स्पष्ट होता है कि शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व का महत्व कितना बड़ा है।
प्रो. लोहनी ने अपने कार्यकाल में विश्वविद्यालय के अधिनियम और नीतियों का पालन करने का आश्वासन दिया है। उनका मानना है कि वे विश्वविद्यालय को भ्रष्टाचार और मनमानी से बचाने में सफल होंगे। उनकी विशेषज्ञता और अनुभव के आधार पर, यह उम्मीद की जा रही है कि वे अध्ययन और अनुसंधान में भी नए आयाम स्थापित करेंगे।
उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय का महत्व
उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय राज्य में उच्च शिक्षा का एक प्रमुख संस्थान है। यह न केवल छात्रों के लिए उचित और सुलभ अवसर प्रदान करता है, बल्कि राज्य के शैक्षिक परिदृश्य को भी काफी प्रभावित करता है। वर्तमान समय में, एक सक्षम और अनुभवी नेता की आवश्यकता महसूस की गई है। प्रो. लोहनी की नियुक्ति से यह अनिवार्यता पूरी होती है, जिससे विश्वविद्यालय में नई सोच और प्रेरणा का संचार होता है।
निष्कर्ष
प्रो. नवीन चन्द्र लोहनी की नियुक्ति उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय के लिए एक नई शुरुआत के रूप में देखी जा रही है। अब सभी की निगाहें उनकी योजनाओं और कार्यों पर टिकी होंगी, जोकि निश्चय ही शिक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती हैं। हमें विश्वास है कि प्रो. लोहनी के नेतृत्व में विश्वविद्यालय नई ऊँचाइयों तक पहुँचेगा।
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