परेड ग्राउंड पर आंदोलनकारी युवाओं से डीएम और एसएसपी ने की महत्वपूर्ण बातचीत
The post परेड ग्राउंड में डीएम व एसएसपी ने आंदोलनकारियों से की बात appeared first on Avikal Uttarakhand. सीबीआई जांच, परीक्षा निरस्तीकरण और आयोग अध्यक्ष के इस्तीफे की मांग पर अड़े युवा अविकल उत्तराखंड देहरादून। उत्तराखंड बेरोज़गार संघ के नेतृत्व में परेड ग्राउंड में धरना-प्रदर्शन लगातार पांचवें दिन… The post परेड ग्राउंड में डीएम व एसएसपी ने आंदोलनकारियों से की बात appeared first on Avikal Uttarakhand.

परेड ग्राउंड पर आंदोलनकारी युवाओं से डीएम और एसएसपी ने की महत्वपूर्ण बातचीत
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कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड के बेरोजगारी से परेशान युवाओं ने परेड ग्राउंड में धरना जारी रखा है। इस आंदोलन का नेतृत्व उत्तराखंड बेरोज़गार संघ कर रहा है, जिसमें सीबीआई जांच और आयोग अध्यक्ष के इस्तीफे की मांग की जा रही है।
आंदोलन का सारांश
उत्तराखंड, देहरादून।
उत्तराखंड बेरोज़गार संघ के नेतृत्व में परेड ग्राउंड में धरना-प्रदर्शन लगातार पांचवें दिन भी जारी रहा। सैकड़ों युवा उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच, परीक्षा निरस्त करने और आयोग अध्यक्ष जी.एस. मर्तोलिया के इस्तीफे की मांग को लेकर जुटे रहे।
शुक्रवार की दोपहर, जिलाधिकारी सविन बंसल और एसएसपी अजय कुमार ने धरना स्थल पर पहुंचकर आंदोलनकारियों को अब तक की गई कार्यवाही के बारे में जानकारी दी। हालांकि, आंदोलनकारियों ने उनकी बातें सुनने के बाद असंतोष प्रकट किया। ऐसे में बेरोज़गार संघ अध्यक्ष राम कंडवाल ने स्पष्ट किया कि उनकी मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र कार्यवाही नहीं की गई, तो प्रदेशव्यापी कूच का ऐलान किया जाएगा।
संघ के उपाध्यक्ष सुरेश सिंह ने आरोप लगाया कि सरकार आंदोलन को बदनाम करने और तोड़ने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि आंदोलन में शामिल उच्च शिक्षित युवा किसी भी बहकावे में नहीं आएंगे। यह दर्शाता है कि आंदोलनकारियों का इरादा दृढ़ है और वे अपनी मांगों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
समर्थन और एकता
इस आंदोलन को कई सामाजिक और राजनीतिक दलों का समर्थन भी मिल रहा है। संघ के संरक्षक बॉबी पंवार, महासचिव संजेंद्र कठैत सहित बड़ी संख्या में युवा इस धरने में शामिल हैं। इस एकता ने यह साबित कर दिया है कि बेरोजगारी के मुद्दे पर युवाओं की आवाज बुलंद हो रही है।
इस आंदोलन के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया यहाँ क्लिक करें.
समापन में, यह कहा जा सकता है कि यह आंदोलन केवल बेरोजगारी के खिलाफ नहीं, बल्कि युवाओं की गरिमा और अधिकारों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह एक ऐसा मामला है जिसे सरकार को गंभीरता से लेना चाहिए और त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए।
संदेश स्पष्ट है - युवाओं के नेतृत्व में इस आंदोलन को नकारा नहीं किया जा सकता है।
टीम द ओड नारी - राधिका शर्मा